11 घंटे तक हमसफर रहे जोगी और टीएस … फिर मत पूछिए

अम्बिकापुर- छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के बीच जहर जैसी कडवाहट की कहानी तो जग जाहिर है। लेकिन अगर दोनो 11 घंटे तक एक दूसरे के साथ रहे हो तो फिर सुनकर हैरानी के सिवा शायद कुछ और नही हो सकता है। लोग तो ये भी कयास लगाने लगेगें कि कही जोगी की घर वापसी तो नही हो रही है ना।  लेकिन दोनो के हमसफर होने का मामला दुर्ग अम्बिकापुर ट्रेन का है। जिसके सेकेंड एसी बोगी मे दोनो ने रायपुर से अम्बिकापुर का सफर एक साथ तय किया। इस दौरान दोनो धुर विरोधियो की बात तो नही हुई, लेकिन अम्बिकापुर स्टेशन मे उतरने के बाद जो हुआ वो शायद किसी घटना की आहट जैसा था।

वैसे तो अजीत जोगी और टी एस सिंह ट्रेन के सफर मे कई बार हमसफर रहे है। लेकिन जब सफर करके दोनो को अम्बिकापुर रेल्वे स्टेशन मे उतरना था। तब सिंहदेव कोच के पीछे वाले दरवाजे से उतरे तो जोगी सामने की तरफ से उतरे, फिर क्या था हर बार जोगी को लेने पंहुचने वाले दानिश रफीक की अगुवाई में जोगी समर्थको और इस बार सिंहदेव को लेने पंहुचे उनके समर्थको ने अपने अपने नेता को माला पहनाया, फिर परंपरा के मुताबिक दोनो नेताओ के आगमन पर जमकर नारेबाजी शुरू हो गई। चूंकि नारेबाजी एक ही कोच से उतरे दो प्रतिद्वंदी नेताओ के समर्थक कर रहे थे, तो जाहिर सी बात है कि स्थिती तनावपूर्ण तो होनी ही थी। हालाकि इस दौरान तकरीबन 40-50 समर्थको के काफिले के साथ पीछे से उतरे सिंहदेव अपने स्वागत के बाद स्टेशन से अपने निवास के लिए रवाना हो गए, और फिर 70-80 समर्थको के स्वागत को स्वीकार्य कर व्हील चेयर मे बैठे जोगी स्टेशन मे बने रैंप से निचे उतरे और सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए। इस दौरान जोगी समर्थको का ये नारा “देखो देखो कौन आया छत्तीसगढ का शेर आया ” सिंहदेव समर्थको को रास नही आ रहा था और थोडी देर के लिए स्थिती तनावपूर्ण हो गई थी। लेकिन गनीमत थी कि दोनो नेताओ की समझदारी और सूझबूझ से कोई झमेला नही हुआ।

मौसम खराब हुआ तो ट्रेन से आए जोगी.. 

पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के संस्थापक अजीत जोगी का आज शुक्रवार को बलरामपुर जिले के कार्यकर्ता सम्मेलन मे शामिल होना था। लेकिन कल गुरूवार को ये पता चला कि उनके द्वारा बुक की गई हेलीकाप्टर खराब मौसम के कारण नही आ पाएगी। लिहाजा उन्हे आनन फानन मे ट्रेन से अम्बिकापुर आना पडा और फिर उस स्थिती ने जन्म लिया जो ट्रेन मे तो सामान्य थी, लेकिन अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन मे तनावपूर्ण हो गई थी।