मतदाता सूची में नाम जोड़ने से संबंधित,, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन

अम्बिकापुर 31 दिसम्बर 2013
सरगुजा जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री भगवान सिंह उइके ने बताया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1960 में आवश्यक संशोधन संबंधी आयोग से दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। यह निर्देश निर्वाचक नामावली में नाम शामिल करने के संबंध में है।
संशोधन के परिणामस्वरूप प्रवासी निर्वाचक अब फार्म 6क में निर्वाचक नामावली में नाम शामिल करने के लिए आवेदन संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को सीधे या डाक द्वारा भेजने के साथ-साथ ‘‘इलेक्ट्राॅनिक रूप से’’ भरकर जमा कर सकते हैं। विवरणों को शामिल करने, हटाने या सुधारने अथवा प्रविष्टियों के क्रम परिवर्तन हेतु सभी आवेदनों को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पास इलेक्ट्रानिक रूप में भी दाखिल किया जा सकता है। पदनामित अधिकारी अथवा रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा फार्म 8क में प्राप्त निर्वाचक नामावली में प्रविष्टियों के क्रम परिवर्तन के लिए आवेदनों की सूची का नए फार्म 11 क में अनुरक्षण किया जाना अपेक्षित है।  लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा अथवा 23 के अधीन पारित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के आदेश के विरूद्ध निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 की धारा 24 के अधीन अपील सबसे पहले जिला मजिस्टेªट/अपर जिला मजिस्टेªट/कार्यकारी मजिस्टेªट/ जिला कलेक्टर के समक्ष बिना किसी शुल्क के उस आदेश के पंद्रह दिनों की अवधि के भीतर की जा सकती है, जिसके विरूद्ध अपील की गई है या अपील इस तरह रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजी जाए कि वह उस अवधि के भीतर उन्हें प्राप्त हो जाए।
पहली अपील पर जिला मजिस्टेªट/ अपर जिला मजिस्टेªट/कार्यकारी मजिस्टेªट/ जिला कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेश के विरूद्ध आगे और अपील राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष उस आदेश के 30 दिनों की अवधि के भीतर की जा सकती है, जिसके विरूद्ध अपील की गई है या अपील इस तरह रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजी जाए कि वह उस अवधि के भीतर उन्हें प्राप्त हो जाए।
रजिस्टेªशन अधिकारी द्वारा नामावली की एक प्रमाणीकृत मुद्रित प्रति अगले गहन पुनरीक्षण या संक्षिप्त पुनरीक्षण, जैसा भी मामला हो, के बाद नामावली के अंतिम प्रकाशन के बाद कम से कम एक वर्ष तक सुरक्षित रखी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा निर्वाचक नामावली की एक प्रमाणीकृत मुद्रित प्रति इसकी एक इलेक्ट्राॅनिक प्रति सहित स्थाई रिकार्ड के रूप में रखी जाएगी। फार्म 6, 6क, 7, 8 तथा 8क सहित नामावली के पुनरीक्षण से संबंधित अन्य सभी कागजातों केा अगले गहन पुनरीक्षण अथवा संक्षिप्त पुनरीक्षण, जैसा मामला हो, के पूरे होने के कम से कम तीन वर्ष बाद तक सुरक्षित रखा जाएगा।
निर्वाचकों का रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 से संलग्न फार्म 6,7,8 एवं 8क अब आवेदक को अपना मोबाईल नंबर तथा ई-मेल होने पर उल्लेख करना होगा। प्रवासी आवेदक को फार्म 6क में, सम्पर्क संख्या तथा ई-मेल आई डी का उल्लेख करना होगा।