खपरैल नुमा मकान और पासबुक में 500 रुपए… पांच बच्चियों के माता पिता की यही है पृष्टभूमि

चेहरे पर खुशी पर माथे में चिंता की लकीरें

(बिनकरा से लौटकर दीपक सराठे)

अम्बिकापुर

‘’ दुआ बहार की मांगी तो इतने फूल खिले , कहीं जगह न रही मेंरे आशियाने में ‘’ हालांकि गांव तो इस बात पर गौरवांन्वित है कि उनके गांव की एक गृहणी ने एक साथ पांच बच्चियों को जन्म दिया है और इस बहाने यह गांव सरकार के किसी भी गिनिज बुक ऑफ रिर्काड जैसे किसी पन्ने पर दर्ज कर दिया जाएगा , परंतु लोग गांव के चिंतित भी है कि इनके पालन – पोषण के दौरान आने वाली बाधाओं, समस्याओं को लेकर के कोई और चिंता भी करेगा या नही । उलेख्नीय है कि लखनपुर क्षेत्र के बिनकरा गांव की एक महिला रघुनाथ जिला अस्पताल में एक साथ पांच बच्चियों को जनम दे कर रातो – रात सुर्खियों में आ गई । दावानल की तरह यह खबर पूरे देश में वायरल हो गया लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी व्यक्ति महिला के स्वास्थ्य , इस परिवार का हालचाल पूछने नही पहुंच सका है । बस महिला का पति और उसके परिजन सास – ससुर आदि इत्यादि माथे पर हथेलियां रखे हुए अस्पताल के राहदरी से लेकर महिला के सिरहाने एवं जहां पांचो बच्चे डाक्टरो के संरक्षण में सांसे ले रहे है , वहां तक रेंगते हुए नजर आ रहे है । लगभग 48 घंटे हो गए , एक साथ पांच शिशुओ को जन्म देने वाली खबर लोगो ने देखा और पढा । निश्चित रुप से सरकार के कानों तक यह बात पहुंची होगी , परंतु अभी तक ये बच्चे केवल और केवल डाक्टरो के संरक्षण में है।index

नर्से उत्साहित है , डाक्टर उत्साहित है औऱ सभी प्रकार से इन बच्चो को पूरी तरह से स्वस्थ्य रखने की कोशिश की जा रही है । जिस महिला ने एक साथ पांच बच्चियों को जन्म दिया है उस परिवार का आइए पृष्टभूमि भी परखते चले ।  महिला का नाम श्रीमति मनिता राजवाङे पति महेश राजवाङे 25 वर्ष ग्राम बिनकरा , जनपद पंचायत लखनपुर जिला सरगुजा है । महेश के पास लगभग एक एकङ जमीन है चार कमरे का छोटा सा खपरैंल मकान है । आये का कोई स्त्रोत नही है । थोङी बहुत खेती किसानी करके परिवार का जीवन यापन होता आया है । चार कमरो के खपरैंल मकान में महेश व उसकी पत्नि के साथ माता – पिता व एक छोटा भाई है । महेश ने सेंट्रल बैंक में बचत खाता खुलवाया है जिसमें वर्तमान में महज 500 रुपए और रोजगार गारंटी के खाते में 200 रुपए है । गरीबी रेखा के तहत बने राशन कार्ड से राशन मुहैया होता है । पांच बच्चियों का पिता बनने के बाद महेश इस बात से हर्षित तो जरुर है की उसके आंगन में पांच फूल एक साथ खिले , पर अब महेश और महेश के माता – पिता भी इस बात को लेकर के हर्ष से ज्यादा चिंतन में डूबे है की इन बच्चो की परवरिश के लिए आने वाले समय में क्या किया जाए। आज नही तो कल अस्पताल से इन्हे छुट्टी दे दी जाएगी । इन बच्चो की फिडिंग ( पोषण आहार) के लिए कौन इनकी देख रेख करेगा ?  बहरहाल महेश का कहना है की शासन प्रशासन या फिर समाज सेवी संस्थाए व लोग मदद करें तो वह पांचो बच्चियों का न सिर्फ अच्छी तरह से लालन – पालन कर सकेगा बल्कि उन्हे अच्छे मुकाम तक पहुंचा सकेगा ।

बिनकरा के ग्रामीणो में उल्लास  

गांव की गृहणी  द्वारा पांच बच्चियों के एक साथ जन्म देने की खबर से बिनकरा के ग्रामीणो में उल्लास का माहौल है। गांव के सरपंच प्रेमसाय सिंह, सचिव गेंन्धा राम राजवाडे ने कहा की वे सभी उक्त महिला व सभी बच्चो के स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे है। उन सभी वापस गांव आने पर उनके स्वागत की तैयारियां भी की जा रही ळें

पोषण आहार व स्वास्थ्य का है ख्याल

महिला बाल विकास के जिला परियोजना अधिकारी सी.के. सिसोदिया ने कहा की बिनकरा बैगापारा में मनिता पूर्व से हितग्राही है । वहां की कार्यकर्ता प्रेमलता व एएनएम द्वारा उसका लगातार टीकाकरण के साथ साथ रेडी टू ईंट भी दिया जाता था। रविवार की देर शाम महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय सहित महिला बाल विकास के जिला परियोजना अधिकारी ]चाईल्ड लाईन की टीम भी महिला व बच्चो की स्थिति देखने पहुंची थी ।

सभी बच्चियों का खुलेगा सुकन्या खाता: कलेक्टर श्रीमति ऋतु सैन

चुंकि महिला की पांच बच्चियां एक साथ जन्मी है इस कारण से हमारे द्वारा सभी पांच बच्चियों का सुकन्या संमृद्धी योजना अन्तर्गत खाता खुलवाया जाएगा । प्रतेक खाता 1 हजार रुपए से खुलता है । विभाग द्वारा खाता खुलवाकर उन बच्चियो के पिता को सौपा जाएगा। इसके अलावा प्रशासन की ओर से पूरी मदद की जायेगी।