खुले मे पोस्टमार्डम की परंपरा कब होगी समाप्त ?

क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

सूरजपुर(जरही भटगांव)

सूरजपुर जिले के कई नगर व ग्रामीण क्षेत्रो के अस्पतालो मे अव्यवस्था का आलम है तो दूसरी ओर  स्वास्थ्य सुविधाओ का अभाव है। कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अमानवीय ढंग से खुले मे पोस्ट मार्टम करने का मामला सामने आया है।

जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भटगांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां खुले मे पोस्टमार्टम कर दिया जाता है। जिले का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भटगांव मे दूर दराज के कई गांवो के लोग स्वास्थ्य सुविधा के लिए आते है, वही भटगांव थाना क्षेत्र मे रोजाना कोई ना कोई मर्ग पंचनामा के मामले आते रहते है लेकिन वर्षो से खुले मे हो रहे पोस्टमार्टम को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारीयो जानकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय नगरवासियो ने कई बार विभाग से पोस्टमार्टम कक्ष बनाने के लिए मांग भी की है लेकिन आज तक स्वीकृति नही मिलने से खुले मे पोस्टमार्टम किया जाता है। जानकारी के अनुसार वर्षो से जिस खुले स्थान मे पोस्टमार्टम किया जा रहा है वह अव रिहायशी इलाका बनता जा रहा है, साथ ही खुले मे पोस्टमार्टम मानवीय दृष्टी से सही नहीं है। इस मामले की जानकारी जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके ताम्रकर को पता चला तो आनन फानन मे तत्काल भटगांव के चिकित्सक डा महेश्वर सिंह को फोन किया, जहां जिला चिकित्सा अधिकारी ने वस्तु स्थिति की जानकारी लेकर जल्द ही पोस्टमार्टम कक्ष निर्माण का प्रस्ताव भेजने की बात की। बहरहाल खुले में पोस्टमार्टम परिजनो को किसी अपने के शव को विचलीत कर देने वाला पोस्टमार्टम का सिस्टम कब खत्म होता है यह देखने वाली बात होगी।