जांजगीर चांपा । छत्तीसगढ़ सरकार की महती योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी का बुरा हाल है। सरकार के भरोसे और जिला प्रशासन के फरमान पर लाखों की लागत से गौठान निर्माण कर ग्राम पंचायत प्रतिनिधि फंस गए हैं। गौठान में न ही मवेशी है और न ही कोई गौवंश दिखाये देते है। चरवाहे और डाक्टर तो दूर की बात है। ऊपर से सरपंच पर लाखों का कर्ज चढ़ गया है। बड़ी उम्मीद से गांव में प्रतिष्ठा के चलते किसी तरह उधारी में निर्माण सामग्री लेकर गौठान तो बना दिया गया है। लेकिन यहां काम कर रही स्वसाहयता समूह की महिलाएं आमदनी नही होने के कारण काम को छोड़ रहे है। हम बात कर रहे बलौदा ब्लाक के औराईकला ग्राम पंचायत का। यहां पर आनन-फाान मे आधे अधूरे निर्माण के बाद इसका उदघाटन 5 जनवरी को मुख्यमंत्री के हाथों कराया गया था।
जिला प्रशासन ने श्रेय लेने सरकार से वाहवाही लूटने अधूरे निर्माण का शुभारंभ करवा दिया गया। जिले में आने वाले मंत्रियों को इस गौठान को आदर्श बताकर दिखाया गया । लेकिन आज 3 महीने के बाद यहां मछली व मशरूम पालन में काम कर रही स्वसहायता समूह की महिलाएं आमदनी नही होने के कारण काम छोड़ रही है। बताया जा रहा है कि मछली पालन के लिए सीमेंट से बनी टैंक मे मछली पालन किया जा रहा था उसमे मछलीयां न तो विकसित हो रही है न ही किसी प्रकार के उस टैंक का सफाई हो पा रहा है। अब हालत यह है कि टैंक की मछलीयां मर रही है। जिसके कारण उस समूह की महिलाएं को फायदा से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। वैसा ही हाल मशरूम उत्पादन कर रही महिला समूहों का है यहां जिस हिसाब से मशरूप उत्पादन के लिए कमरे का निर्माण कराया गया था वहा मशरूम को उत्पादन नही हो पा रहा है। जिसके कारण यहां की महिलाएं अब काम छोड रही है। जिला प्रशासन द्वारा आनन -फानन में गौठान निर्माण में तेजी दिखाया था उसी तेजी से यहां काम कर महिलाएं अब काम छोड़ रही है। औराईकला ग्राम पंचायत के सचिव का कहना है कि मछली पालन व मशरूम उत्पादन मे काम कर रही महिलांए अब काम को छोड़ दी है जिसके कारण उस काम को गा्रम पंचायत देख रहा है।
मशरूम नही हो पाया तैयार…
सीएम साहब को देखाने के लिए जिला प्रशासन ने आनन फानन में गौठान मे मशरूम उत्पादन के लिए भवन तैयार कर दिया गया था जो स्वः सहायता समूह के महिलाओ को प्रशिक्षण देकर मशरूम तैयार किया जा रहा था. लेकिन मशरूम उत्पादन के लिए भवन अनुकुल नही होने के कारण मशरूम का उत्पादन नही हो पाया . सभी मशरूम मे इंफेक्शन होेने के कारण खराब हो गया। भारी नुकसान की वजह से महिलाऐ अब काम को छोड़ दी है।
सीमेंट का टेंक मे तैयार हो रहा मछली पालन…
सीएम साहब को खुश करने के लिए अधिकारी भी गुणवत्ता को ख्याल नही रख पाये. गौठान के अंदर सीमेंट के टैंक बना कर मछली पालन किया जा रहा था। गर्मी व साफ सफाई नही होने के कारण टैक में मछली विकसित नही हो पाया जिसके कारण मछलीयां मर गई। मछली पालन में उपर से नुकसान व लागत ज्यादा लग रहा हैं इस कारण आमदनी नही हो पाया ।