बुचड़खाने ले जाते 25 गायों को गौसेवकों ने रोका : एक आरोपी गिरफ्तार

अम्बिकापुर(उदयपुर)

ब्लाॅक मुख्यालय से आठ किलोमीटर ग्राम पंचायत सानीबर्रा के सेमीघोघरा जंगल में गुरूवार की सुबह कुछ लोगों को काफी संख्या में गायों को जंगल के रास्ते ले जाते ग्रामीणों ने देखा। संदेह होने पर नजदीक जाकर देखा तो गायों को हांक कर ले जाने वाले लोग आसपास के गांव के नही थे एवं उनके द्वारा ले जाये जा रहे ज्यादातर गायों के पैरों में कटे का निशान एवं पीठ पर चोट का निशान था। ग्रामीणों द्वारा उन्हे रोककर इस संबंध में पुछताछ करने पर उनके द्वारा गोल मोल जवाब दिया जाने लगा एवं उनके द्वारा प्रयुक्त बोली भी पड़ोसी राज्य झारखंड की लगी। इससे ग्रामीणों का संदेह और पुख्ता हो गया की इन गायों को बुचड़खाने ही ले जाया जा रहा है। इन लोगों द्वारा ग्रामीणों को रूपयों का लालच भी दिया गया परंतु बात नही बनता देख गाय हांककर ले जाने वालों के कुछ साथी जो मोटर सायकलों में भी सवार थे मौका देखकर फरार हो गये।

मोटर सायकल सवारों के फरार होते ही ग्रामीणों ने उनमें से एक युवक को मौके पर रोककर रखा एवं इसकी सूचना गौ रक्षा सेवा सेवा समिति के उच्चाधिकारियों सहित उदयपुर पुलिस को दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुये उदयपुर पुलिस दल बल सहित टी आई विनोद कुमार UDAYPUR-SURGUJA 2अवस्थी के नेतृत्व में मौके पर पहुंची ।  मौके पर पहुंचकर उनके द्वारा गायों को हांककर थाने पहुंचवाने का व्यवस्था कराई गई एवं ग्रामीणों द्वारा पकड़कर रखे गये एक युवक शंकर को हिरासत में लिया। ग्रामीणों ने बताया कि इनकी कुल संख्या सात थी जिसमें से छः लोग फरार हो गये । इसके साथ ही गौ रक्षा समिति के मनोज पांडे, नेपाल यादव सहित अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे। गायों को हांककर थाना परिसर में लाया गया जहां ग्राम पंचायत सोनतराई के सरपंच नवल सिंह ने उनके लिये चारा (पुआल) की व्यवस्था की। सुबह पशु चिकित्सक को सूचना देकर सभी गायों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है। जिनमें से सभी गायों की उम्र 5 से 11 वर्ष के बीच बताई गई है। नेपाल यादव द्वारा थाना में दर्ज प्राथमिकी में शंकर के साथ उसके साथी छोटू उर्फ फरीद खान एवं 4 अन्य है ।

मामले में उदयपुर पुलिस द्वारा पशु क्रुरता अधिनियम की धारा 11(घ), छ.ग.कृषक पशु परी.अधि.2004 की धारा 4,6,7,10,11 का अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है। उक्त कार्यवाही में टी.आई विनोद कुमार अवस्थी, ए.एस.आई. संतोष सिंह, प्रधान आरक्षक इन्द्रदेव भगत, आर. संजय, विकास, मकरध्वज, विजय, अंजोर आदि शामिल थे।