निरीक्षण के दौरान मध्यान्ह भोजन में बच्चों को कीड़ा लगा चावल परोसने की शिकायत..!

सूरजपुर 

एक तरफ शासन-प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ रही है, परंतु क्षेत्र के कुछ अधिकारियों की लापरवाही व ग्रामीण क्षेत्रों में देख-रेख के अभाव में शिक्षा के ग्राफ नीचे गिरते जा रहा है, जिसका जीता-जागता उदाहरण मुख्यालय से लगे सेमरा खुर्द के स्कूलों में देखने को मिला। अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के निरीक्षण के दौरान मध्यान्ह भोजन में बच्चों को कीड़ा लगा चावल परोसने की शिकायत प्राप्त हुई, जिस पर तत्काल ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों द्वारा इसकी शिकायत एसडीएम प्रतापपुर से की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लॉक मुख्यालय से लगे संकुल केंद्र सरहरी के खुटहनपारा प्रा.शा. व मा. शा. में संकुल प्रभारी एसआर किण्डो, जनशिक्षक इंद्रबली कुशवाहा व ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण के लिये पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम मध्यान्ह भोजन के गुणवत्ता की जांच की गई, जिसमें मध्यान्ह भोजन बच्चों को भोजन परोसने के दौरान बड़े-बडे कीड़े चावल में देखने को मिले। जिसके बाद बच्चों ने मध्यान्ह भोजन करने मना कर दिया। बच्चों के द्वारा सबके सामने वहां पर बताया गया कि हमेशा ही मध्यान्ह भोजन गुणवत्ताविहीन दिया जाता है। आये दिन चावल में बड़े-बड़े मकड़े सहित मध्यान्ह भोजन सहायिका के द्वारा बिना साफ किये देने की शिकायत सामने आई है। बच्चों ने बताया कि हम कुछ बच्चे स्कूल में न खाकर घर में जाकर खाना खाते हैं। बच्चे ने यह भी बताया कि सहायिका के द्वारा मध्यान्ह भोजन स्कूल में न बनाकर हमेशा घर से भोजन बनाकर लाती है, जिसमें कभी-कभी बासी दाल-भात भी मिलाकर खिलाती है।

निरीक्षण के दौरान शाला समिति के अध्यक्ष व बार्ड पंच राजेंद्र यादव, पालक राजा राम यादव, कामेश्वर यादव, विजय यादव, जन्ना यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि बच्चों के द्वारा बहुत दिनों इसकी शिकायत मिल रही थी, जिसकी मौखिक शिकायत भी कई बार जनप्रतिनिधियों के पास किया गया, परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। स्कूल के संस्था प्रभारी द्वारा हमेशा लापरवाही किया जाता है। पालको ने यह भी बताया कि यहां पर प्रा. शा. तथा मा. शा. में एक ही घर के सास और बहु दोनों मध्यान्ह भोजन बनाने संस्था में कार्यरत है, परंतु मध्यान्ह भोजन सिर्फ सास के द्वारा ही दोनों स्कूलों में अकेली ही बनाने का काम किया जाता है व बहु हमेशा संस्था से नादारत रहती है।

ग्राम पंचायत सेमरा खुर्द के प्रा. शा. व मा. शा. खुटहनपारा में प्रा. शा. के भवन में मा. शा. का भी संचालन एक ही साथ में किया जाता है, यहां आरोप है कि बच्चो को भेड़-बकरियों की तरह बैठाकर पढ़ाई का कार्य कराया जाता है जिस पर बच्चों के शिक्षा पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति को देख कुछ पालक अपने बच्चों केा स्कूल भेजना बंद कर दिये हैं। संस्था में दिनों-दिन बच्चों की दर्ज संख्या मे गिरावट हो रही है। शासन द्वारा ग्राम पंचायत सेमरा खुर्द में सन 2007-08 में मा. शा. खुटहनपारा, प्रा. शा. पंडोपारा व मा. शा. सेमरा खुर्द में स्कूल भवन की स्वीकृति दी गई थी। जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया था, परंतु सरपंच व सचिव के द्वारा आधा-अधूरा निर्माण करा स्वीकृत भवन की 90 प्रतिशत राशि आहरण कर ली गई है। भवन पूर्ण नहीं होने की वजह से बच्चों की खुले आसमान के नीचे या किराये के भवन में बैठकर अपना भविष्य गढ़ रहे हैं।