4 संगठन ने मिलकर किया उग्र आन्दोलन.. सरगुजा विवि में पुलिस से हुई झड़प..!

@Deshdeepakgupta

अंबिकापुर सरगुजा विश्व विद्यालय द्वारा फीस बढाए जाने का विरोध करते हुए आज चार अलग अलग संगठनो ने विश्वविद्द्यालय का घेराव कर दिया.. हमेशा एक दुसरे के विरोध में नजर आने वाले संगठन आज विश्व विद्द्यालय के विरोध में एक साथ नजर आये और सभी ने एक सुर में कुलपति से फीस घटाए जाने की मांग की.. लेकिन विश्व विद्द्यालय के अड़ियल रवैये के कारण कोई परिणाम नहीं निकल सका.. जिसके बाद आक्रोशित छात्रों ने नारे बाजी शुरू कर दी पुलिस प्रशासन ने छात्रो को विश्वविद्द्यालय के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया था लेकिन मांगे ना मानी जाने से उग्र हुए छात्रो ने विश्वविद्द्यालय का गेट तोड़ दिया और अन्दर आ गए इस दौरान पुलिस के साथ छात्रो की जमकर झूमा झटकी भी हुई.. पुलिस ने बल प्रयोग का प्रयास भी किया लेकिन इससे पहले ही अनुविभागीय अधिकारी अजय त्रिपाठी ने समझाईस देते हुए छात्रो को शांत कराया.. और छात्रो और विश्वविद्द्यालय के बीच मध्यस्तता करते हुए उन्हें उचित न्याय दिलाने के बात कही..

 

दरअसल विश्व विद्यालय के द्वारा फीस बढाने के बाद अगल अलग संगठनों के द्वारा कई बार पत्राचार कर फ़ीस कम करने की मांग की गई थी.. लेकिन उनकी मांगो पर जब कोई विचार नहीं हुआ तब विश्वविद्द्यालय छात्र संघ, युवक कांग्रेस, बजरंग दल, एन.एस.यु.आई ने मिलकर एक साथ विश्विद्द्यालय का घेराव कर दिया है.. और मांगे पूरी ना होने पर विश्वविद्द्यालय के सामने ही आमरण अनसन करने की बात कही है..

 

यह लन्दन नहीं नहीं है सरगुजा है यहाँ गरीब के बच्चे पढ़ते है..

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवक कांग्रेस जिला महामंत्री सतीश बारी और बजरंग दल के जिला सह संयोजक पवन पाण्डेय ने संयुक्त रूप से कहा की यह लन्दन नहीं है सरगुजा है और यहाँ गरीब के बच्चे पढ़ते है, कोई सुबह पेपर बेच कर अपनी फीस का इंतजाम करता है तो किसी के पिता रिक्शा चलाकर अपने बच्चे को पढ़ाते है.. और इस तरह से इतना अधिक फीस बढ़ाया जाना गलत है.. इन्होने साफ़ तौर पर कहा है की अगर फीस नहीं घटाई जाती है तो वो आमरण अनशन करेंगे..

 

मालीय हालत खराब.. 9 साल में पहली बार बढ़ा रहे है फीस

इस सम्बन्ध में विश्वविद्द्यालय के कुलपति डॉ रोहणीप्रसाद ने कहा है की विश्वविद्द्यालय की मालीय हालत खराब है, और नौ साल में पहली बार फीस बधाई जा रही है, महंगाई बढ़ रही है हम पढ़ाई व अन्य चीजो में क्वालिटी बढ़ा रहे है.. तो फीस तो बढ़ाना पडेगा.. उन्होंने यह भी कहा की जिस तरह की परिक्षा कापी का उपयोग हम कर रहे है उसकी भी तारीफ़ हो रही है.. कुलपति ने कहा की अगर कही कोई विसंगति है तो उसे दूर किया जाएगा वैसे भी सिर्फ परीक्षा फीस बधाई गई है..

 

महंगी कापी देकर अधिक फीस वसूलना कहा तक सही

 

बहरहाल कुलपति फीस कम करने के मूड में दिख नहीं रहे है और इधर छात्र भी बिना फीस कम कराये शांत होने का नाम नहीं ले रहे है.. इन सबके बीच कुलपति ने फीस वृद्धि के पीछे का बड़ा कारण “क्वालिटी” को बताया है वो भी परीक्षा कापी की क्वालिटी लेकिन सवाल यह है की जिस विश्वविद्द्यालय में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र समाज की अंतिम पंक्ति से है उनपर कुछ समय के उपयोग में आने वाली परिक्षा कापी की क्वालिटी के नाम पर फीस का बोझ बढ़ाना कितना सही है..?