बिना टेंडर के यूडीसी ने परिवार को दिया लाखो का काम … अब कर रहे है मनमाना भुगतान

अब कर रहे है मनमाना भुगतान ,मिली भगत से चल रहा है कमीशन का खेल

अम्बिकापुर

रघुनाथ शासकीय जिला चिकित्सालय के वार्डो मे अव्यवस्थाओ की खबर तो हमेशा सुर्खियो मे रहती है परंतु सिविल सर्जन के दफ्तर मे चल रहे कार्यो की तरफ किसी की नजर नही जाती । शायद यही वजह है कि शिविर सर्जन के दफ्तर मे कई कर्मचारी आपसी सांठगांठ से कई कार्यो मे कमीशन का खेल लंबे समय से खेलते चले आ रहे है। कब किस काम का टेंडर होता है और किसे काम मिलता है यह पता ही नही चलता । फर्जी स्टीमेट तैयार करवाकर अपने रिश्तेदार व परिचितो को लाखो का काम प्रदान करने का सिलसिला यंहा बदस्तूर जारी है ऐसा ही एक और मामला सामने आय़ा है ।

फटाफट न्यूज पोर्टल मे 12 फरवरी को प्राथमिकता से समाचार प्रकाशित किया था कि लाखो की लाँड्री मशीन अस्पताल के खण्डहरनुमा मकान मे लगाने की तैयारी की जा रही है। मामले मे अस्पताल के आरएमओ ने कहा था कि उस कमरे को व्यवस्थित करने का काम किया जाएगा। आलम यह है कि सिविल सर्जन के कार्यालय के यूडीसी नवीन श्रीवास्तव ने पीडब्लूडी से ढाई लाख का स्टीमेट बनवाकर यह काम अपने ही परिवार या फिर यह कहे कि अपने ही भाई को दे दिया है। लगभग दो माह से उक्त भवन मे फ्लोरिंग सहित छत की ढलाई मे खानापूर्ती कर मशीन स्थापित कर दी जा रही है। और तो और जिस व्यक्ति से यह काम कराया जा रहा है उसे पहले इस प्रकार के किसी काम का अनुभव तक नही है। कमीशन का खेल इस कदर चल रहा है कि काम अभी पूरा भी नही हुआ और काम करवाने वाले को पचास हजार रुपए एडवांस भुगतान भी कर दिया गया है। काम मे कही से कोई गुणवत्ता नजर नही आ रही है। छोटे से कमरे मे हल्के फुल्के काम मे ढाई लाख का स्टीमेट बनाने कि बात भी सवालो के घेरे मे आ चुकी है। दूसरी तरफ पीडब्लूडी के इंजीनियर प्रकाश सिन्हा से चर्चा करने पर उन्होने कहा कि इस काम के लिए उनसे कोई स्टीमेट नही बनवाया गया है। इससे साफ है प्रतीत से होता है कि किस प्रकार यूडीसी के द्वारा अपनी मनमानी करते हुए शासकीय राशि मे हेराफेरी की जा रही है। मामले मे यूडीसी नवीन श्रीवास्तव से बात करने पर उन्होने कहा कि सीएमडीसी से इस प्रकार के काम करने के लिए फंड आता है हमारे द्वारा पीडब्लूडी से स्टीमेट बनवाया गया था।