लोक कल्याण के लिया महिला ने शरीर पर बोया जवारा

नवरात्री में 9 दिन के लिए जोगी मठ में बंद पंडाल बनाकर बैठी

कोरिया( सोनहत से राजन पाण्डेय)

किसी ने सच ही कहा है भक्ति में अपार शक्ति होती है। नवरात्रि के अवसर पर माता के भक्त कई तरह से अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। इनमें कई ऐसे भी होते हैं जो कठिन तपस्या का मार्ग चुनते हैं। कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड में एक ऐसे ही  महिला भक्त को देखने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
विकासखंड सोनहत के ग्राम पंचायत केशगवां के जंगलों में स्थित धाम जोगी मठ में बैकुन्ठपुर के आनी ग्राम से आई महिला इंद्रवती पति जय सिह ने धाम के ही बगल में बंद पंडाल बनाकर 9 दिन के लिए अपने शरीर पर जवारा बोया है। इंद्रवती  की भक्ति नगर में हर ओर चर्चा का विषय बनी हुई है।
उल्लेखनीय है की इंद्रवती पिछले 10 साल से अपने शरीर में जवारे बो रही हैं। उनके पति जय सिह ने बताया वो नौ दिनों तक सिर्फ नींबू का रस एवं हल्के फल ग्रहण करती है साथ ही सभी कामकाज और शारीरिक आवश्यकताओ को त्यागकर जवारे बोए हैं।

तपो भक्ति का उददेश्य लोक कल्याण
ग्रामीण महिला इंद्रवती से सभी को मिलने की इजाजत नही है सिर्फ सुबह के समय शुद्व स्नान कर पूजा करने वाले व्यक्ति ही उनसे इजाजत के बाद मिल सकते है हलाकी दूर से उनके दर्शन करने पर कोई मनाही नही है ऐसा इस लिये है की उक्त स्थान की शुद्धि बरकरार रहे ।  पूछे जाने पर महिला इंद्रवती ने बताया की उनकी साधना का उददेश्य लोक कल्याण है उनका कहना है की क्षेत्र के कल्याण एवं सुख शांती के लिए उन्होने भक्ति साधना किया है साथ ही बताया की हर बार वो आपने निज निवास आनी में ही शरीर पर जवारा बोया करती थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उन्होने स्वयं से जोगी मठ स्थल का चयन किया है।

तपती धूप में भी साधना
उल्लेखनीय है की अप्रैल महीने की तपती गर्मी में जहां पूजा स्थल पर आने वाले श्रद्धालू पसीने लथ पथ एवं गर्मी से बेचैन दिखाई दे रहे थे वही उतनी गर्मी में महिला इंद्रवती के चेहरे पर कोई शिकन नही था और एक तेज भी दिखाई पड़ रहा था जिसे सभी भक्तगण माता रानी का आर्शीवाद एवं चमत्कार ही मान रहे है। महिला इंद्रवती के पति ने जानकारी देते हुए बताया की उनकी पत्नि कपड़े के बंद पंडाल में माता रानी की साधना में है और गुरूवार को उनके पंडाल का पट खोला गया जिसके बाद विशेष पूजा अर्चना किया जावेगा ।

भागवत कथा का संचालन भी
मता की भक्ति में बैठी महिला के कहने पर जोगी मठ स्थल पर इस वर्ष हरिद्वार से आए महाराज के द्वारा श्रीमद श्रभागवद कथा का वाचन भी किया जा रहा है जिसे श्रवण करने क्षेत्र के श्रद्धालू भी पहुच रहे है।

छठी शताब्दी का स्थल है जोगी मठ
जोगी मठ स्थल काफी प्रचीन है जानकारों एवं पुरातत्व के मुताबिक इसे छठी शताब्दी का माना गया है यहां पर महावीर स्वामी की बहुत पुरानी प्रतिमा है दूर दूर लोग यहां महावीर स्वामी के दर्शन हेतू आया करते है। इसके अतिरिक्त यहां पर बजरंगबली की प्रतिमा भी स्थापित है सर्व धर्म के लोग यहां पर मथा टेकने आया करते है। इसे पुरातात्विक स्थल भी घोषित किया जा चुका है। जिला प्रशासन द्वारा यहां की महत्ता के मददेनजर यहां पर बाउंड्री वाल एवं पेय जल व्यवस्था हेतू नल कूप उत्खनन के अलावा शेड निर्माण कराया गया है।