देश का अजूबा स्कूल…यहां नहीं कह सकते “भारत माता की जय”…

शहडोल 

“अजय पाल”

शहडोल में स्थित है देश का एसा अजूबा स्कूल जहा पर राष्ट्रगान के बाद “भारत माता की जय” कहने पर प्रतिबन्ध है,, जाहिर है की यह स्कूल मिशनरीज संस्थाओं के द्वारा संचालित किया जाता है, और अब इस आरोप के बाद स्कूल प्रबंधन अपना राग आलाप रहा है,,

शहडोल जिले के पाण्डवनगर स्थित गुड सेफर्ड कान्वेन्ट स्कूल में छात्रो के भारत माता की जय न बोलने के विवाद पर जिला शिक्षा केन्द्र के अधिकारियो के टीम ने जॉच शुरू की । शहडोल कि गुड सेफर्ड कान्वेट स्कूल में 1 जुलाई से प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय नारे नही लगने पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान में लिया और आज स्कूल का दौरा कर छात्रो से पूछताछ की लेकिन छात्रो ने भारत माता के जय नारे लगाने की बात कही है,, वही स्कूल के उपप्राचार्य सिस्टर जीना का कहना है। कि हमारे यहा रोजाना राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय के नारे लगाये जाते है। अभी तक न मेरे पास किसी ने शिकायत की है न पूछा गया है।

शहडोल जिला शिक्षा केन्द्र अधिकारी मदन त्रिपाटी का कहना है कि मीडिया में खबर आने के बाद हमारी पूरी टीम आकर स्कूल की जॉच की और छात्रो से पूछा गया की इस तरह का आदेश आपको मिला है जिसमें भारत माता की जय के नारे लगाने की बात न कही हो हलाकि मामले के जॉच की गई और मामले में कोई सत्ययता नही पाई गयी और छात्रो ने बताया की हम रोजाना भारत माता की जय के नारे लगाते हैै।

इस मामले को लेकर अभिभावक जय तनेजा का कहना है कि मेरे बच्चे भी कान्वेट स्क्ूल में पढ़ते है और कुछ दिनो से बता रहे थे कि स्कूल में भारत माता की जय के नारे बंद करा दिया गया है। और गुरू जीजश की जय बुलवाया जा रहे । तग मैने मीडिया में ये बात बतायी ।हलाकि सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार 1 जुलाई से स्कूल खुलने के बाद भारत माता के जय के नारे नही लगाये जाते थे जब मीडिया में यह बात सामने आई तब स्कूल प्रबंधन ने भारत माता के जय के नारे लगाने लगे । कही न कही यह जॉच का विषय है।

बहरहाल मिशनरीज संस्थाओं द्वारा दर्मांतरण के मामले जग जाहिर है फिर भला इससे इनकी स्कूले कैसे अछूती रह सकती है, लिहाजा स्कूल में पढने वाले बच्चो के अभिवावाको का आरोप है की इस स्कूल में राष्ट्र गान के बाद भारतमाता की जय बोलने की मनाही है, इस स्कूल में गुरु जीजष की जय बोला जाता है,, वही इस मामले में विभिन्न हिन्दू संगठनों का विरोध शुरू हो गया है, लेकिन जिला प्रशासन इस मामले को किस चश्मे से देखता है, यह तो वक्त ही बताएगा,,

पढ़िए-पूरे कुनबे ने किया अपना देह दान..

पढ़िए-राष्ट्रवाद पर सवाल..प्रशासन की क्लीन चिट और युवा मोर्चा का विरोध..