भोपाल में 21 से 23 दिसम्बर तक “हाट ऑफ इण्डिया

चायना के तकनीकी सहयोग से ग्रामीण उत्पादों को मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय बाजार

भोपाल : बुधवार, दिसम्बर 18, 2013, 20:02 IST

मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों के स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय के लिये बाजार उपलब्ध करवाने की दिशा में सुनियोजित प्रयास जारी हैं। इन प्रयासों को वृहद रूप देने तथा स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से भोपाल में 21 से 23 दिसम्बर, 2013 तक चायना और भारत के उत्पादकों, विक्रेताओं और निर्यातकों का सम्मेलन भोपाल हाट में होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 21 दिसम्बर को होटल कोर्टयार्ड बाय मेरियट में सुबह 10.30 बजे ”हाट ऑफ इंडिया” का शुभारंभ करेंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम के तत्वावधान में यह आयोजन इंडिया-चायना इकॉनामिक एण्ड कल्चरल कॉउन्सिल के सहयोग से किया जा रहा है।

हाट ऑफ इण्डिया में चायना की करीब 75 औद्योगिक कम्पनी के 150 प्रतिनिधि और मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के उद्योग प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। चायना से आये उद्योग प्रतिनिधि मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में उद्योगों की स्थापना तथा निवेश के संबंध में भी अभिरुचि प्रकट करेंगे। इसमें प्रदेश के ग्रामीण अंचलों के 1000 स्व-सहायता समूह सदस्य भी भाग लेंगे। भोपाल हाट में हाट ऑफ इण्डिया में चयनित 50 स्व-सहायता समूह के उत्कृष्ट उत्पाद को भी प्रदर्शित किया जायेगा। आयोजन में इंडिया-चायना इकॉनामिक एण्ड कल्चरल कॉउन्सिल के पदाधिकारी तथा केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक तथा मानव संसाधन की प्रचुरता का प्रभावी उपयोग कर प्रदेश के आर्थिक विकास को नई दिशा दी जा सकती है। इसी मकसद से प्रदेश के स्व-सहायता समूहों को नवीन तकनीकी ज्ञान तथा उत्पादन बढ़ोत्तरी की नवीन विधियों का लाभ पहुँचाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन की पहल होगी। पड़ोसी देश चायना ने पिछले वर्षों में उत्पादन के क्षेत्र में अपनी विशिष्टता से विश्व बाजार में नई पहचान कायम की है। हाट ऑफ इण्डिया के माध्यम से प्रदेश के स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को उत्पादन की नई तकनीक को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही चायना के उत्पादन की गुणवत्ता के अनुरूप ग्रामीण उत्पाद को बेहतर बनाने के लिये स्व-सहायता समूहों को प्रेरणा मिलेगी। इस आयोजन में भागीदारी करने वाले स्व-सहायता समूह अपने अनुभवों और विशेषताओं तथा तकनीकी ज्ञान को भी अन्य स्व-सहायता समूहों के साथ साझा करेंगे।

राज्य में जिला गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं के स्व-सहायता समूह बनाकर आजीविका कार्यक्रमों के जरिये उनके आर्थिक विकास की दिशा में सफल प्रयास हुए हैं। हाट ऑफ इण्डिया के जरिये प्रदेश की ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में पहल होगी। इस अनूठे प्रयास से मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास के लिये निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे देश-प्रदेश के विकास में ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के योगदान को बढ़ावा मिलेगा।