फर्जी वॉट्सएप अकाउंट से चल रहा ठगी का नेटवर्क, मांगते हैं महंगे गिफ्ट, CM से लेकर मंत्री तक चपेट में आए, पढ़ें पूरी खबर



जयपुर। राजस्थान में बीते कई दिनों से ठगों ने सूबे के मुखिया, मंत्री से लेकर पुलिस महकमे के आला अधिकारियों के नाक में दम कर रखा है। प्रदेश में वॉट्सएप के जरिए मंत्री-अधिकारी की फेक फोटो लगाकर बल्क में पैसे की डिमांड वाले वॉट्सएप मैसेज भेजकर ठगी की कोशिश की जा रही है। हाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वॉट्सएप पर फोटो लगाकर 3 लाख रुपये मांगने का मामला सामने आया था। अब इस मामले में कई अहम खुलासे हुए है।

जानकारी के मुताबिक असम, बंगाल, झारखंड और मध्यप्रदेश से फर्जी मोबाइल नंबर के जरिए हाई प्रोफाइल ठगी का एक रैकेट चल रहा है। जहां किसी अनजान व्यक्ति से ओटीपी लेकर व्हाट्सएप्प अकाउंट बनाकर ठगी को अंजाम दिया जाता है। वहीं जिस व्यक्ति के नंबर होते हैं। उसे जानकारी नहीं होती है कि उसका वॉट्सएप कोई और इस्तेमाल कर रहा है। वहीं वॉट्सएप के जरिए आईएएस-आईपीएस, सीएम और मंत्रियों की डीपी लगाकर ठगी का नया तरीका अपनाया जा रहा है।

बता दें कि कई घटनाओं में साइबर ठग वॉट्सएप डीपी लगाकर परिचितों-रिश्तेदारों को मैसेज भेजकर रुपये और महंगे गिफ्ट वाउचर की मांग करते हैं। वहीं कुछ मामलों में लोगों ने झांसे में आकर पैसे भेजे भी हैं। इधर इन साइबर ठगों की पहचान करने में अभी पुलिस के हाथ खाली है।

मिली जानकारी के मुताबिक हाल में सचिवालय के डीएस प्रोटोकॉल नरेश विजय से सीएम गहलोत की डीपी लगाकर दो लाख रुपये की मांग की गई है। जहां अमेजन गिफ्ट कार्ड मांगा गया है। वहीं बीते 27 जुलाई को साइबर ठगों ने एसीबी ADG आईपीएस दिनेश एमएन की फोटो लगाकर उनके परिचितों को वॉट्सएप मैसेज भेजे थे। जिसमें खुद को एक मीटिंग में बताकर पैसे की मांग की थी।

इसके अलावा ठगों ने वॉट्सएप नंबर के जरिए कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री शकुंतला रावत, पुलिस के डीजी एमएल लाठर, मंत्री शाले मोहम्मद, विधायक राजकुमार शर्मा सहित कई की फोटो लगाकर इसी तरह ठगी करने की कोशिश की है।

आसानी से वॉट्सएप प्रोफाइल नहीं होती ब्लॉक
वहीं इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद अफसरों और मंत्रियों के अलावा पुलिस ने सावधान रहने की अपील की है। वहीं पुलिस का कहना है कि यदि ऐसे मैसेज आते है तो संबंधित व्यक्ति से एक बार जरूर बात करें। हालांकि इन मामलों में अभी तक किसी तरह के मुकदमे दर्ज नहीं हुए हैं।

बता दें कि ठगी की कोशिश के इन प्रयासों में वॉट्सएप नंबर पर फेक डीपी लगाकर मैसेज भेजने वाले नंबर को ब्लॉक करना आसान नहीं होता है। इसके लिए ऐसे नंबरों की लिस्ट वॉट्सऐप के मुख्यालय में मेल के जरिए भेजनी होती है। जिसमें काफी समय लगता है।