रजाई और कंबल की तरह अब ठंड में मच्छरों के साथ भी जीने की आदत डाल लीजिए, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

नई दिल्ली. दुनिया के अलग-अलग देशों में पिछले कई सालों से मच्छर और मच्छरजनित बीमारियों को लेकर कई सारी रिपोर्ट आई हैं। इस रिसर्च रिपोर्ट में मच्छरों के प्रकार, आयु, सर्दी-गर्मी में इसके डंक मारने के तौर-तरीकों और उसके प्रभावों को लेकर बातें हुई हैं। लेकिन, हाल ही में एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि गर्मी के मौसम की तरह अब जाड़े के दिनों में भी मच्छर काफी सक्रिय रहते हैं। हालांकि, पहले के रिसर्च में इस तरह की बातें नहीं कहीं गई थीं। इस बात में दम इसलिए भी लग रहा है कि दिल्ली में भीषण ठंड के बीच मच्छर कम नहीं हो रहे हैं। खास तौर पर रात के समय रजाई और कंबल में मच्छर घूसने से बाज नहीं आ रहे हैं।

बता दें कि भारत के पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में इस समय मच्छरों से हड़कंप मचा हुआ है। श्रीलंका में जनवरी महीने में अब तक डेंगू के 5000 से अधिक मामले आ चुके हैं। हालांकि, श्रीलंका में अभी ठंड इतनी नहीं पड़ रही है। लेकिन, भारत में जहां ठंड पड़ रहे हैं वहां भी मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हुआ है।

मच्छरों के साथ जीने की आदत!

डॉक्टरों का मानना है कि हर मौसम में मच्छरों से विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। मेडिसिन विभाग के डॉ. अभिषेक कुमार कहते हैं, ‘सिर्फ डेंगू ही क्यों अन्य मच्छरों में भी अब ठंड सहने की क्षमता डेवलप हो गई है। यही कारण है कि तापमान 8 डिग्री तक गिरने पर भी मच्छर आपके अगल-बगल में मंडराते दिख जाते हैं। जबकि, रिसर्च कहता है कि 24 डिग्री सेल्सियस से नीचे में मच्छर नहीं पनपता है। पहले की बात करें तो दीपावली के बाद डेंगू का प्रकोप खत्म होना शुरू हो जाता था, लेकिन अब इस मौसम में भी कुछ मरीजों में डेंगू के लक्षण नजर आ रहे हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि डेंगू मच्छर में भी ठंड सहने की क्षमता बढ़ गई है।’

ताजा रिसर्च में खुलासा हुआ है कि नर और मादा दोनों मच्छर ठंड के मौसम में निष्क्रिय नहीं होते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, सर्दी की शुरुआत के बाद या तापमान 14-15 डिग्री सेल्सियस आ जाने पर डेंगू मच्छर का प्रकोप कम हो जाता है। लेकिन, दिल्ली में 8 डिग्री सेल्सियस तापमान होने के बाद भी रात तो छोड़ दीजिए दिन में भी मच्छर काट रहे हैं। मच्छर न निष्क्रिय हो रहे हैं और न मर रहे हैं।

भारत में अब डेंगू जैसी बीमारियों को एजेंसियां भी अब गंभीरता से नहीं लेतीं। अगर दिल्ली की बात करें तो पिछले साल अगस्त महीने के बाद एमसीडी मच्छरजनित बीमारियों वाली रिपोर्ट जारी करना बंद दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले साल दिल्ली में 9 हजार से अधिक डेंगू के मामले समाने आए और इसमें तकरीबन 20 लोगों की मौत भी हो गई।