काम के प्रेशर से इस देश में 14 डिलीवरी कर्मियों की मौत… 21 घंटे कर रहे थे काम

कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ा और इस दौरान लोगों का जनजीवन बुरी तरफ प्रभावित हुआ. लोग घर से बाहर कम निकले और ज्यादातर चीजों के लिए ऑनलाइन डिलीवरी पर आश्रित हो गए. इससे जहां एक तरफ लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार मिला वहीं दूसरी तरफ इसके दुष्प्रभाव ने कई लोगों की जान ले ली.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में ज्यादा काम की वजह से लगभग 14 डिलीवरी कर्मियों की मौत ने लोगों को चौंका दिया. डिलीवरी कर्मियों की इन मौत को लॉकडाउन और कोरोनाकाल में काम के बढ़ते दबाव और थकावट से जोड़ कर देखा जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये डिलीवरी ब्वॉय महामारी की शुरुआत के बाद से ही ऑनलाइन ऑर्डर की बढ़ती मात्रा का सामना कर रहे थे जिसकी वजह से इन्हें लगातार काम करना पड़ रहा था. ये डिलीवरी कर्मचारी खाने से लेकर जरूरी सामान जैसे कपड़े, कॉस्मेटिक, जैसी चीजों से लेकर अन्य सभी चीजों की डिलीवरी कर रहे थे.

बीबीसी ने 36 साल के एक ऐसे डिलीवरी ब्वॉय किम डुक-योन की खराब दुर्दशा का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया है. उसे 21 घंटे की शिफ्ट में 400 पैकेज देने के बाद मृत पाया गया था. 36 वर्षीय डिलीवरी ब्वॉय पिछले दिन सुबह 5 बजे से काम कर रहा था. इस दौरान उसने अपने एक सहयोगी को मैसेज किया था कि वो पार्सल डिलीवरी के इस नौकरी को छोड़ना चाहता है.

मौत से चार दिन पहले डिलीवरी ब्वॉय ने जो मैसेज किया था उसमें उसने लिखा था कि “यह बहुत ज्यादा है,” “मैं अब नहीं कर सकता.” चार दिन बाद ही किम मर गया था. वह दक्षिण कोरिया के उन 14 श्रमिकों में से एक है. मजदूर यूनियन के मुताबिक इन कर्मचारियों की मौत ओवरवर्क के कारण हुई थी. इनमें से ज्यादातर डिलीवरी ब्वॉय थे.

मृतकों के परिवारों ने मौत के कारणों को “कर्वस” के रूप में वर्णित किया है. यह एक कोरियाई शब्द है जिसका इस्तेमाल हर्ट अटैक के लिए किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक अत्यधिक परिश्रम की वजह से उन्हें हर्ट स्ट्रोक आया जिससे उनकी मौत हो गई. 

दुनिया भर में डिलीवरी ब्वॉय इस महामारी में सामानों की ऑनलाइन बढ़ती डिमांड का खामियाजा भुगत रहे हैं. कोरोना वायरस ने इंटरनेट शॉपिंग की संख्या में तेजी से इजाफा किया है. दक्षिण कोरिया में वितरित सामानों की मांग में 10% की वृद्धि हुई है. इस साल, अब तक, यह दोगुना बढ़ गया है. दक्षिण कोरिया में यह दबाव और भी ज्यादा है क्योंकि वहां कंपनियां घंटों में सामान की होम डिलीवरी का वादा करते हैं. इसकी वजह से लंबे और निरंतर काम के घंटे, रात भर की शिफ्ट और काम के दबाव की स्थिति बनी रहती है.

अगस्त में, दक्षिण कोरिया के श्रम मंत्रालय ने इसके खिलाफ कदम उठाया और देश की प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनियों से आग्रह किया कि वे डिलीवरी ब्वॉय को पर्याप्त आराम दिलाने के लिए एक घोषणा पर हस्ताक्षर करें और रात भर शिफ्ट में लगातार काम ना करवाएं. कई सौ डिलीवरी कर्मचारी बेहतर वेतन और शर्तों की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. उनका स्लोगन था, “हम जीना चाहते हैं.”