कैसे दिखेगी पुलिसिंग, अपराध के सामने पुलिस की संख्या बौनी

  • गश्त बढ़ाने और पुलिस कर्मियों की पड़ने लगी आश्वयकता,
  • चन्द पुलिस कर्मियों के हवाले लाखों लोगो की सुरक्षा

अम्बिकापुर ( दीपक सराठे)

शहर की बढ़ती आबादी और अपराधों का बढ़ते ग्राफ के सामने पुलिस का कद  और संख्या दोनो ही अब बौना नजर आने लगा है। अब जरूरत है कि पुलिस के पुराने सेटअप को चेन्ज कर नए तरिके से पुलिस व्यवस्था बनाई जाए जिससे की शहर मेें बढ़ते अपराधोे पर लगाम लगाया जा सके। नव पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा ने पदभार संभाते ही यह संकेत दिये थे कि शहर में पुलिसिंग नजर आयेंगी। इसके लिए बैठकर विचार करने से ही सब सम्भव हो सकेगा।

गौरतलब है कि शहर के विकास के साथ ही यहां की जनसंख्या मे भी दिनो दिन बढोत्तरी होती जा रही है।  कई ग्रामीण क्षेत्र शहर मे शामिल हो गए। शहर सहित आस पास के ईलाको में लगभग 15 काॅलोनियां स्थापित हो गई  है और अभी भी कई ईलाकों में काॅलोनियां का निर्माण चल रहा है। शहर की जनसंख्या भी 1.50 लाख से उपर जा चुकी है। इसके साथ ही शहर व ग्रामीण ईलाको में पडोसी राज्य यूपी, झारखंण्ड़, बिहार, उडीसा सहित अन्य राज्यों के लोग प्रतिदिन शहर में आकर बस रहे है। एक तरफ तो शहर का विकास होता जा रहा है परन्तु पुलिस प्रशासन भी अपने पुराने ढ़र्रे पर चल रही है। पहले पूरे शहर व ग्रामीण ईलाको की कमान मात्र एक सिटी कोतवाली  के हाथों में थी। हालांकि मणिपुर चैकी व देहात थाना के खुलने से सिटी कोतवाली का बोझ जरूर कम हुआ है।  परन्तु तेजी से विकसीत होते ग्रामीण क्षेत्रों के सामने तीनों ही थानों मे ंपदस्थ पुलिस अधिकाकारी कर्मचारियों की संख्या और कद बौना जरूर आने लगा है। शहर की सुरक्षा की कमान संभाल रहे मुख्य  रूप से सिटी कोतवाली, देहात थाना व मणिपुर चैकी में लगभग 170 पुलिस कर्मी तैनात है। वहीं शहर में महिला थाना व अजाक थाना भी है लेकिन इनकी सक्रियता शहर में नहीे के बराबर मानी जा सकती है।
नहीं हो पा रही गश्त
थाने में पर्याप्त बल नहीं होने के कारण गश्त पर खास असर पड रहा है। रात्रि गश्त के लिए पूरे शहर मेे दो वज्र व दो पुलिस जीप है जिनमें मुश्किल से दो से तीन पुलिस कर्मी भी रहते है। गश्त बल की कमी से शहर के कई ईलाको की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे रहती है।

अपराधियों की  चांदी
थाने मेें पर्याप्त बल नहीं होने से चोरो व अपराधी तत्वों की चांदी हो गई है। शहर मे चोर लुटेरे व अपराधी किस्म के लोग लगातार पुलिस को खुले रूप में चुनौती दे रहे है। पिछले एक माह की बात करे तो नगर के अन्दर लगातार कई जगह चोरी की घटना घटी है। पुलिस किसी भी चोरी का सुराग लगा पाने में फिलहाल असफल है।

पेंडेसी बढ़ी
थाने में पर्याप्त बल नही होने के कारण विवेचना अधिकारियों के पास मामलो का अंबार लगा हुआ है। बल की कमी की वजह से अपराधियों की धर पकड़ नही हो पा रही। इसके अलावा अगर शहर में सभा, रैली अथवा किसी प्रकार का धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम व पर्व पड़ जाता है तो सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती के लिए अधिकारियो को अगल-बगल झांकना पड़ता है।

कहां तक है दायरा
शहर में सिटी कोतवाली का दायरा 11 किलोमीटर के क्षेत्र से फैला हुआ है। सिटी कोतवाली शहर सहित परसा के बांकी डेम तक गंझाडांड़, लालमाटी, सरगवां, के मोन्टर्फोर्ट स्कूल तक फैला है वहीं देहात थाना के अंतर्गत भी  शहर के शहरी ईलाको सहित सबसे अधिक 39 गांव आते है। वहीं मणिपुर चैकी के अंतर्गत भी 4 वार्ड सहित कुल 11 गांव आते है जो मौजूदा पुलिस कर्मियांें की संख्या में एक वृहद् क्षेत्र माना जा सकता है।

दिखेगा परिवर्तन….. आईजी सरगुजा पुलिस रेंज
आईजी दीपांशु काबरा ने शहर में पुलिसिंग व्यवस्था को और भी दुरूस्त करने के लिए नगर सेना के अधिकारियों को बुलवाकर इस बारे में विस्तृत चर्चा की है। उनका कहना है कि जल्द ही शहर की सुरक्षा की दिशा में सकारात्मक परिणाम व परिवर्तन देखने को मिलेगा। हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी कि शहर में पुलिस हर समय हर जगह लोगों की सुरक्षा को लेकर उपस्थित हो सके।