मेरे विरुद्ध जो प्रकरण लाया गया..वह विधिसम्मत नही..आखिर कोई भी कैसे दर्ज करा सकता है..FIR.. कोर्ट में जोगी की दलील!..

बिलासपुर..अपनी पेशी के दौरान अमित जोगी ने आज एक बार फिर अपनी जमानत याचिका पर खुद ही पैरवी की..अमित जोगी ने कोर्ट में यह तर्क दिया..की मेरे विरुद्ध जो मामला लाया गया..उस मामले में सीआरपीसी 195/340 की प्रकृति का प्रकरण है..जिसमे केवल पीठासीन अधिकारी ही मेरे विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा सकता है..जबकि इस प्रकरण में जो एफआईआर हुई ..उसमे समीरा पैकरा ने खुद ही एफआईआर दर्ज कराया..जो विधिसम्मत नही है.कोई भी व्यक्ति सीधे एफआईआर कैसे दर्ज करा सकता है..इसके साथ ही अमित जोगी ने..अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जेल में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग कोर्ट से की..

दरअसल बालाजी अस्पताल से अमित जोगी की छुट्टी होने के बाद आज उन्हें गौरेला पुलिस एडीजे कोर्ट पेंड्रा रोड लेकर पहुँची थी..जहाँ अमित जोगी ने अपने जमानत याचिका पर पैरवी की..और कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद उन्हें पेंड्रा रोड जेल में शिफ्ट कर दिया गया है..अमित जोगी व्हीलचेयर पर बैठकर आज कोर्ट पहुँचे थे..इस दौरान उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया..

बता दे कि अमित जोगी इन दिनों अपनी नागरिकता को लेकर दिए गए ..झूठे हलफनामे की वजह से मुश्किल में पड़ गए है..उन्हें भाजपा नेत्री समीरा पैकरा के द्वारा की रिपोर्ट पर गौरेला पुलिस ने गिरफ्तार किया था..और लोवर कोर्ट ने उन्हें 15 दिनों के न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था.. इसी बीच अमित जोगी ने पेंड्रा रोड एडीजे कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी..और उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें पहले पेंड्रा,सिम्स,अपोलो और उसके बाद रायपुर स्थित बालाजी अस्पताल में 11 सितम्बर को भर्ती कराया गया था..

वही कोर्ट ने पुलिस विवेचना पूरी नही होने का हवाला देते हुए आज मामले की सुनवाई के बाद अमित जोगी की न्यायिक रिमांड की अवधि 30 सितम्बर तक के लिए बढ़ा दी है..यही नही कोर्ट ने जेल प्रबन्धन को जेल मैनुअल के तहत अमित जोगी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है!..