तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण, दो कर्मचारियों पर गिरी गाज, कलेक्टर ने पीठासीन अधिकारियों को लगाई फटकार

बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने मंगलवार को शहर के तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यहां पीठासीन अधिकारियों को कार्यों में लेटलतीफी बरतने पर जमकर फटकार लगाई और ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहे दो कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा। उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

बस्तर कलेक्टर शहर के विभिन्न शासकीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं और इसी कड़ी में मंगलवार को कलेक्टर तहसील कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर ने अपने औचक निरीक्षण के दौरान तहसील कार्यालय की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कार्यालय की उपस्थिति पंजी का भी अवलोकन किया और यहां बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए सहायक ग्रेड-2 के कर्मचारी कलावती भावे और सुरेश देवांगन से स्पष्टीकरण मांगने और उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने तहसील कार्यालय में चल रहे सभी कामकाज की जानकारी लेने के साथ ही समीक्षा की। जिसके तहत नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन जैसे मामलों की जानकारी लेते हुए इसके जल्द निराकरण के निर्देश दिए।

इसके साथ ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने और प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों को मुआवजा राशि का भुगतान समय पर देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में सुनिश्चित करने और कैश बुक का नियमित रूप से संधारण करने के निर्देश दिए, साथ ही कलेक्टर ने तहसील कार्यालय परिसर में संचालित लोक सेवा केन्द्र में पहुंचकर यहां उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं के संबंध में भी जानकारी ली।

बस्तर कलेक्टर को लगातार शिकायत मिल रही थी कि शासकीय कार्यालयों में सभी शासकीय कामकाजों में काफी लेटलतीफी बरती जा रही है। और इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर प्राकृतिक आपदा से पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से दी जाने वाली मुआवजा राशि के लिए तहसील कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इस शिकायत के बाद बस्तर कलेक्टर सभी शासकीय कार्यालयों के औचक निरीक्षण पर निकले। जिसके तहत उन्होंने तहसील कार्यालय में पीठासीन अधिकारियों को फटकार लगाने के साथ ही दो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।