Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर में देरी, भाजपा-कांग्रेस में इस तरह चल रही बयानबाजी

Raipur News: जैसे-जैसे आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर में देरी हो रही हैं। वैसे वैसे ही दोनों राजनीतिक पार्टियां में जमकर बयान बाजी चल रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण पर हस्ताक्षर रुकने का कारण भारतीय जनता पार्टी को बताया हैं। उन्होंने कहा कि हम आरक्षण देना चाहते हैं लेकिन रोकने वाला कोई और हैं। 32%, 27%, 13% और 4% मिलाकर हमने 76% आरक्षण दिया। आरक्षण राजभवन ने रोक दिया है। राज्यपाल ने अब तक दस्तखत नहीं किए।

बता दें कि, 3 दिसंबर को देर रात विधानसभा में आरक्षण विधेयक पास करके कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता राजभवन राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए पहुँचे थे। देर रात का हवाला देते हुए राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। लंबे समय बाद तक राजभवन में आरक्षण विधेयक पर कानूनी सलाह चलती रही। आरक्षण पर अध्ययन के लिए विधि विधेयक की टीम इस पर विचार करती रही। आज 14 दिन बाद भी हस्ताक्षर न होने से कांग्रेस और बीजेपी दोनों में बयानबाजी चल रही हैं।

राज्यपाल ने तुरंत हस्ताक्षर की बात कही थी, लेकिन हाल ही में हाइकोर्ट का निर्णय आया था कि 50% से ऊपर आरक्षण असवैंधानिक हैं और सरकार ने जो विधेयक लाया हैं। उसमें 76% आरक्षण का प्रावधान हैं। आगे चलकर आरक्षण विधेयक कोर्ट खारिज न कर दे, इसलिए राज्यपाल ने अब तक इसमे हस्ताक्षर नही किये हैं और अब इस मामलें को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात करने वे आज दिल्ली भी रवाना हो रही हैं।

इसी बीच राज्यपाल ने पत्र लिख कर सरकार से 10 सवाल किए और एसटी, एससी वर्ग के आरक्षण बढ़ाये जाने का आधार पूछा। इस पर भी मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये 10 सवाल बीजेपी दफ्तर में तैयार किये गए है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी लगातार इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना बनाते आ रही हैं। बीजेपी का कहना हैं कि आरक्षण विधेयक को बिना अध्ययन के जल्दबाज़ी में लाया गया हैं। उपचुनाव सामने थे इसलिए विधेयक लाया गया। इसलिए ये मामला अब फस गया हैं।

बता दें कि, रायपुर में आज गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में सीएम बघेल शामिल हुए थे। जहां उन्होंने ये बात कही। वही उन्होंने ये भी कहा कि, राज्यपाल को जल्दी से हस्ताक्षर करना चाहिए। उन्हें अपनी बात पर कायम रहना चाहिए।