एक गरीब रिक्शा वाले के 11 वी ना पढ़ पाने के मलाल ने बेटी को करा दिया IIT में सेलेक्ट

राज्य सरकार व जिला प्रशासन कर रहा है मदद 
बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) एक गरीब पिता के 11 वी नही पढ़ पाने के मलाल ने,बेटी को करा दिया आईआईटी में सेलेक्शन,यह पिता है पेशे से ऑटो चालक.. अब इस छोटे से गांव की गरीब बेटी पढ़ेगी दिल्ली में वही आईआईटी में 169 वा रैंक हासिल करने वाली राज्य की इस बेटी का सम्मान स्वयं सूबे के मुखिया ने किया, और पढ़ाई कराने हर सम्भव मदद का आस्वासन भी दिया।
राज्य के अंतिम छोर पर बसे बलरामपुर के दुरस्त और सुदूर इलाके का गांव सनावल जहाँ की किरण पटवन्धी ने आईआईटी के चयन परीक्षा में 169 वा रैंक हासिल कर गांव ही नही जिले का नाम रौशन किया, इस गांव की गरीब बेटी को शिक्षा के प्रति सजग किया उसके पिता ने, और इसका  परिणाम अब सबके सामने है। ग्राम सनावल के भगवान पटवन्धी ने गरीबी झेलते हुए अपनी इस बेटी को इस मुकाम पर ला खड़ा कर दिखाया,और बेटी के आगे की पढ़ाई के लिए जद्दोजहद कर यह पिता अपनी बेटी को आत्म निर्भर बनाना चाहता है।
गाँव मे गरीबी की मार झेल रहे इस परिवार के मुखिया ने रोजगार की चाह में गाँव से पलायन कर सम्भाग मुख्याल में अपना ठिकाना तराशा, और दो वक्त की रोटी के लिए ऑटो चला कर अपने परिवार का भरण पोषण कर, कुछ पैसे बचाये और अपनी इकलौती बेटी को पढ़ने के लिए प्रेरित किया,और उनका यह प्रयास भी सार्थक साबित हुआ।
वही अपने माता पिता से प्रेरणा लेकर किरण पटवन्धी राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रयास आवासीय विद्यालय के लिए चयनित हुई और दो साल तक अपने लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई कर उसने आज यह मुकाम हासिल किया, उसके मन मे ईच्छा है कि वह यूपीएससी एग्जाम फाइट करे,जिसके लिए वह अभी से प्रयासरत है।
किरण की प्रारंभिक शिक्षा अम्बिकापुर के एक निजी शैक्षणिक संस्थान से शुरू हुई,बाद में उसने शासकीय कन्या परिसर में रहकर पढ़ाई की.. आईआईटी के लिए चयनित होकर किरण ने जिले को गौरान्वित तो किया ही है, इसके साथ ही उसने गाँव के गरीब उन हजारो छात्र-छात्राओं के लिए एक मिसाल पेश की है।
सनावल के पाँच सदस्यीय गरीब परिवार का हिस्सा है,किरण पटवन्धी,अपने दोनों भाइयों से छोटी है.. किरण की पढ़ाई के लिए उसके इस परिवार ने जी तोड़ मेहनत की, वही 19 जुलाई को दिल्ली के एक शैक्षणिक संस्थान में उसका एडमिशन होना है, और पढ़ाई का 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार वहन कर रही है,ऐसे में इस गरीब परिवार के लिए बेटी की पढ़ाई को लेकर चिंता और भी बढ़ गई है, क्योकि उन्हें पढ़ाई के लिए 60 फीसदी राशि इकठ्ठा करना है।
वही जिले के कलेक्टर अवनीश शरण का कहना है,आईआईटी में एसटी कैटेगरी से राज्य में टॉप करने वाली आदिवासी छात्रा किरण ने जिले का नाम रौशन किया है,शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा सन्चालित योजना का लाभ किरण को मिल रहा है,इसके अलावा उन्होंने स्थानीय प्रशासन द्वारा भी सहायता देने की बात कही।