ऑक्सीजन प्लांट पर सियासत : कोविड काल मे सियासी ऑक्सीजन नहीं मेडिकल ऑक्सीजन चाहिए नेता जी!.

अम्बिकापुर.. कोविड संक्रमण के दूसरे दौर मे मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए केंद्र सरकार पीएम केयर फंड से देश भर मे मेडिकल आक्सीजन प्लांट लगाने जा रही है. जिसमे छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगना तय हुआ है. लेकिन इसको लेकर सरगुजा के सियासी गलियारों मे सियासी आक्सीजन काफी अधिक हो गई है. और प्रदेश के दोनो प्रमुख दल जुबानी जंग मे शामिल हो गए हैं.

देश भर मे आक्सीजन की कमी से अब तक सैकडो जाने जा चुकी हैं. लोग अब भी मेडिकल आक्सीजन की कमी मे जद्दोजहद करते देखे जा रहे हैं. इसी बीच केन्द्र केंद्र सरकार समूचे देश समेत छत्तीसगढ़ में 14 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली है. जिसमे राजनांदगांव, रायपुर, बस्‍तर, बीजापुर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, दुर्ग, जशपुर, कांकेर, कोरबा, महासमुंद, रायगढ़, और कोरिया जिले शामिल हैं.. लेकिन इस फेहरिस्त मे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव का गृह जिला और केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का संसदीय क्षेत्र सरगुजा के तीनो जिले का नाम नहीं है. जिसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जे पी श्रीवास्तव ने सरगुजा सांसद पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

“ऑक्सीजन प्लांट का जो निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। यदि ये निर्णय एक साल पहले ले लिया होता, जब कोरोना का पहला दौर चला था। तो आज भारत की ये स्थिति ही नहीं बनती। केंद्र सरकार की अदूरदर्शिता के कारण, लापरवाही के कारण, चेतना न होने के कारण ये कोरोना का दूसरा दौर आया है, उसका परिणाम है। और ये दुःखद स्थिति है कि केंद्र सरकार में हमारे सरगुजा क्षेत्र में अभी जो स्थिति बनी है। उसके जो सांसद है, उन्होंने क्या किया। कितना दुःख का विषय है की 14 ऑक्सीजन प्लांट केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को दे रही है। उसमे हमारे राज्यमंत्री व सांसद क्षेत्र का एक भी जिला नहीं है। ना सरगुज़ा, सूरजपुर, बलरामपुर है, तो सांसद कर क्या रहा है हमारे क्षेत्र का.? एक तरफ़ सांसद का ये बयान आया कि किसी को कोई दिक्कत हो तो उनसे संपर्क करें। तो संपर्क में दिक्कतों का समाधान तो दूर केंद्र सरकार में जो निर्णय हो रहा हो उसमे हमारे सांसद ने या यों भागीदारी नहीं ली। या तो भागीदारी को स्वीकार नहीं किया गया। दो में से कोई एक बात है। क्योंकि इतना बड़ा सरगुजा संसदीय क्षेत्र में एक भी ऑक्सीजन प्लांट न मिलना। राज्य सरकार ने, यहां के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने अफ़्फोर्ड से जो कुछ किया। उससे स्थिति थोड़ी ठीक है। लेकिन सांसद महोदया द्वारा अपने क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट न ले पाना ये बहुत दुःखद विषय है और आश्चर्य का विषय है। जो भारतीय जनता पार्टी के लोग कह रहे हैं की ये ऑक्सीजन प्लांट का प्रस्ताव राज्य सरकार ने भेजा था। एकदम गलत और असत्य बातें हैं। ये सारी प्लानिंग केंद्र सरकार की है, केंद्र सरकार ने स्थान निर्धारित की है। हमारा मानना है कि केंद्र सरकार को हर ज़िले के लिए एक-एक ऑक्सीजन प्लांट निर्णय करना चाहिए। और उसमें ये कहना चाहिए कि जो ज़िले में ऑक्सीजन होगी। वो जिले वे अस्पतालों में जाएगी। क्षेत्र के सांसद की लापरवाही के कारण ये स्थिति बनी है कि हमारे क्षेत्र को एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं मिल पाया।”

जे०पी०श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, पीसीसी, छत्तीसगढ़

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के तहत पीएम केयर्स फंड से देश भर के सरकारी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लिये लगने वाली धनराशि के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. जिसको लेकर भाजपा के दिग्गज नेता टीकाकरण से लेकर प्लांट लगाने तक के मामले मे पीएम को बधाई दे रहे हैं.. लेकिन संभाग से केन्द्रीय राज्य मंत्री होने के बाद संभाग के किसी जिले मे आक्सीजन प्लांट ना लगने के मामले मे लगे आरोप पर पलटवार करते हुए. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि केन्द्र सरकार ऐसे मेडिकल आक्सीजन प्लांट लगाने की मंजरी राज्य सरकार के प्रस्ताव पर देती है. इतना ही नहीं अनुराग ने कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री ने सरगुजा को प्लांट लगाने लायक नहीं समझा होगा इसलिए यहां का नाम नहीं है.

“देशभर में जो ऑक्सीजन की कमी हो रही थी। उसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने त्वरित एक्शन लेते हुए जहां विदेशों से ऑक्सीजन हवाई जहाज के माध्यम से मंगवाए। और सेना के विमान को पूरे देश के ऑक्सीजन के कंटेनर को ट्रांसपोर्ट करने के लिए लगाया। निश्चित रूप से उनके संवेदनशीलता के कारण आज ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरे देशभर में लगातार हो रही है। अभी जो पीएम केयर फण्ड में देशभर के लोगों ने राशि जमा की थी। उसके माध्यम से देशभर में लगभग 500 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट की स्वीकृति हुई है। जिसमे छत्तीसगढ़ को 14 प्लांट दिए गए है। सरगुजा को प्लांट स्वीकृति का नहीं है। हर राज्य ने अपने-अपने राज्य का जो प्रस्ताव दिया था कि कहां-कहाँ उनकी सर्वाधिक जरूरत है। उस आधार पर ये स्वीकृति प्रधानमंत्री कार्यालय से दी गयी है। और सरगुजा के लिए सरकार की प्राथमिकता नहीं होगी। इसलिए शायद यहां पर प्रस्ताव नहीं किया है। और इसलिए कांग्रेस के लोग अनर्गल प्रलाप कर रहे है। ये पहले अपने गिरेबान में झांककर देखें की क्या स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में संक्रमण की क्या स्थिति है। अस्पताल की क्या स्थिति है। जब स्वास्थ्य मंत्री अपने ज़िले का अस्पताल नहीं सुधार सकते हैं। तो फिर बाकी बड़ी बड़ी बात करना बंद करें। कांग्रेस के लोगों को शर्म आनी चाहिए आज इस आपदा के समय मे भी वो राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। जबकि उन्हें अवसर मिला था कि बीच 4 महीने छत्तीसगढ़ के पास थे। पूरे तरीके से तैयारी की जा सकती थी। जब शुरू में डाउन में आ गया था और आज फिर पीक में आ गया हैं।”

अनुराग सिंह, प्रवक्ता, भाजपा, छत्तीसगढ़

सरगुजा संसदीय क्षेत्र मे अम्बिकापुर, सूरजपुर और बलरामपुर जिला आते हैं. और एक अखबार मे छपी खबर के मुताबिक आक्सीजन प्लांट लगने वाले जिलो मे सरगुजा के तीनो जिलो का नाम नहीं है. जिसको लेकर कोविड संक्रमण के इस दौर मे भी सियासत तेज हो गई है..