खेल : जानिये रोल बाल का रोमांच…!

अम्बिकापुर

छत्तीसगढ़ में स्कूल खेलो में अब रोल बाल के जरिये एक नए अध्याय की शुरुआत होने जा रही है। हलाकि इस खेल को स्कूल खेलो में शामिल तो किया गया है लेकिन प्रदेश की सरकारी स्कूलों में इस खोल की सुविधाए नहीं है। लिहाजा कुछ निजी स्कूलों ने इस खेल में रूचि दिखाई जिसके तहत अम्बिकापुर में खिलाडियों का चयन कर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया।

अंबिकापुर में रोल बाल खेल के राज्य स्तरीय मुकाबले के चयन के लिए मैच खेला गया जिसमे बालिका वर्ग से सूरजपुर की टीम विजेता और कोरिया की टीम उपविजेता रही वही बालक वर्ग में कोरिया की द गुरुकुल इंटरनेशनल विजेता रही और साधुराम विद्द्यामन्दिर के छात्रो ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। गौरतलब है की इन्ही खिलाडियों में से टीम बनाकर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए रायगढ़ भेजा जाएगा जिसके बाद नेशनल के लिए चयन किया जाएगा।

इस खेल में इन बच्चो के प्रशिक्षण में मोहन राम साहू, अंजलि सिंह, कोच व उमाप्रसाद राठौर, पीटीआइ  ने अहम् भूमिका निभाई है। इस खेल के पूरे संभाग से सिर्फ 48 बच्चो ने भाग लिया। रोल बाल राज्य स्तरीय स्कूल गेम्स में अंडर 14  में खेला जाएगा। इस खेल के विस्तार ना होने की वजह महंगे स्टोमेन्ट है जिसके कारण सरकारी स्कूलो में यह गेम नही खिलाया जाता है संभाग में सिर्फ दो स्कूल ही इसे बढ़ावा दे रही है।

बहरहाल पैरो में स्केट्स बाँध कर बालीबाल की बाल से उसी अंदाज में खेला जाने वाला यह खेल बड़ा ही दिलचस्प है। लेकिन इसे खेलने के लिए सुरक्षा के उपकरण और खेल का कोर्ट भी विशेष होता है जिस कारण हर जगह इसे खेलना मुनासिब नही है।