आस्था के महापर्व पर घाटों में उमड़ा जन सैलाब

अम्बिकापुर

घाट बंधान और भोजन के पश्चात आज से सूर्य उपासना का कठिन महाव्रत प्रारंभ हो गया आज व्रतियों ने शाम अस्त होते सूर्य भगवान को अध्र्य दिया । शाम से लेकर सुबह तक व्रतियों के साथ उनके रिस्तेदार घाटों पर रहकर सारी रात कीर्तन भजन करते हुए सुबह उदयमान होते हुए सूर्य देव को अध्र्य अरपण कर इस कठिन पर्व को सम्पन्न करेंगे।सूर्य उपासना का महापर्व छठ को लेकर समूचा अंचल भक्तिमय हो गया है। वहीं बीते दो दिनों से तीन दिनों से बाजारों में भी भारी रौनक छायी हुई है।  सभी छठ घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।17

रात्रि में घाटों पर रूकने हेतु लाईटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। जिससे घाटों की मनोरमता देखते ही बन रही है। जिसकी वजह से जो इस महापर्व की किसी कारणवश नहीं कर पा रहे है। वे भी घाटों के आर्कषक को देख खिंचे चले आ रहे है। वहीं छठ उत्सव की भक्ति से समूचा अंचल छठमय हो गया है। बाजारों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह -जगह छठ के गीतों की धुन गुंज रही है। छठ पर्व को लेकर शहर के मंदिर , बौरीपारा , खैरबार , विशुनपुर , नमनाकला , दर्रीपारा , मैरीन ड्राईव , श्याम घुनघुट्टा , संतहरकेवल जेलपारा तालाब में छठ पूजा की व्यवस्था समिति के सदस्यों द्वारा की गई है। रात्रि में छठ घाट में रूकने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंडाल और ठण्ड़ के मौसम के मद्देनजर अलाव की भी व्यवस्था के लिए दूसरे पहर श्रद्धालुआंें का तांता छठ घाटों पर लगा रहा ।17 नवम्बर को सभी छठ घाटोें पर अस्तांचल सूर्य के अध्र्य देने जन सैलाब उमडा और 18 नवम्बर को उगते सूरज को अध्र्य  हवन – पूजन के साथ छठ पर्व का समापन होगा ।श्रद्धालुओे की उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था बनाने आयोजित समिति के पदाधिकारी , सदस्यों के साथ सभी छठ घाटों पर पुलिस की भी मौजूदगी रहेगी ।

16आज शहर सहित पूरे जिले में भक्तिपूर्वक सूर्योउपासना की गई । व्रतियों ने नदी व तालाबों के किनारे अस्ताचलगामी सूर्य को अध्र्य देकर सुखी जीवन की कामना की । प्रकृति पूजा के अनोखे पर्व छठ पर आज पूरा नगर उपासना में लीन रहा । सुबह गुदरी बाजार में पूजा सामग्रियों को खरीदने श्रद्धालुो की भारी भीड़ जमी रही ।पूजा में उपयोग होने वाले ऋतु फल एवं कंद देश के विभिन्न हिस्सों से मंगाए गए थे । खरीदी का क्रम शाम तक चलता रहा ।मध्यान्ह के बाद घरों मेें छठ घाट जाने की तैयारियां शुरू हो गई है। उपासकों की भीड़ से शाम को शहर की सड़कों पर कई जगह जाम की स्थिति भी बनी। श्रद्धालु सुविधानुसार अपने नजदीकी जलाशयों पर पहला अध्र्य देने निकले । इस दौरन छठ घाटों पर पुलिस एवं आयोजन समितियों द्वारा व्रतियाों की सुविधा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे ।
नगर के शंकरघाट स्थित छठ घाट पर सूर्य को अध्र्य देने के बाद पूरे घाट पर आयोजन समिति द्वारा तेल के दीए जलाकर सजाए गए । दीयों से घाट का दृश्य मनोहारी हो गया था । मैरीन ड्राईव तालाब पर इस बार व्रतियों की काफी कम भीड़ थी । लोगो ने बताया कि निगम द्वारा तालाब की सफाई के बाद यहां का पानी रंगीन हो गया है। वहीं तालाब में भारी गंदगी है। गोधनपारा तालाब में आयोजन समिति द्वारा पण्ड़ाल व रोशनी की उत्तम व्यवस्था की गई थी । यहां आस पास के श्रद्धालु उपस्थित हुए । दर्रीपारा स्थित तालाब की साफ सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था स्थानीय पूजा समिति द्वारा अपने खर्च से की गई थी । यहीं श्रद्धलुओं की भारी भीड़ थी । शहर के बौरीपारा , खरसू , मालवीय तालाब व स्वीमिंग पुल में व्रतियों की भारी भीड़ थी । बौरीपारा बांध पूजा समिति द्वारा घाट को विशेष रूप से सजाया गया था ।

दण्डवत उपसकों की संख्या अधिकchhath pooja 2
इस वर्ष दण्ड़वत करते हुए छठ घाट पहुंचने वालों की संख्या अधिक थी । श्रद्धालु घर से दण्ड़वत करते हुुए छठ घाट पहुंचे । उपासक अपनी मनोकामनाओं के पूर्ण होने पर दण्ड़वत करते हुए घाट तक पहुंचते है। ऐसे उपासकों के लिए लोगों में विशेष श्रद्धा देखी गई। लगभग सौ से अधिक व्रती ने दण्डवत करते हुये छठ घाट पर पहुंचे। दण्डवत व्रतियांें का आगमन देर तक चलता रहा।

घुनघुट्टा बांध भी पहुंचे व्रती
शहर के आस पास जलाशयों में उपासकों की भारी भीड़ से बचने नगर के कई श्रद्धालु अध्र्य देने शहर से 15 किमी दूर घुनघुट्टा जलाशय पहंुचे। यहां वाहनों कंे घाट तक पहुंचने की व्यवस्था थी ।शहर की भीड़ व प्रदूषण से दूर ऐसे श्रद्धालुओं ने एकांत में अपनी पूजा पूर्ण की।