CG – यहां विचरण कर रहा 6 हाथियों का दल… वन विभाग कर रहा निगरानी..



बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व से हाथियों का दल नहीं गया है। अभी भी दल छपरवा व अचानकमार रेंज के बीच विचरण कर रहे हैं। चुंकि किसी तरह नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, इसलिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन भी केवल निगरानी करा रहा है। मैदानी अमला प्रतिदिन हाथियों की उपस्थिति स्थल की रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को भेजते हैं। अचानकमार टाइगर रिजर्व में करीब दो महीने से हाथियों का जमावड़ा है। इस दल का एक हाथी अलग हो गया था। इस बीच उसने नुकसान पहुंचाया। हालांकि बाद में वह लौट गया। इससे राहत तो मिली।

लेकिन दल के अन्य हाथी यहां से नहीं जा रहे हैं। यह किसी को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे हैं। लेकिन इनकी उपस्थिति से टाइगर रिजर्व प्रबंधन चिंतित है और यही सोच रहे है कि कही मकान या ग्रामीण को क्षति न पहुंचा दे। इसलिए वन कर्मियों को निर्देश है कि प्रतिदिन दल की उपस्थिति की रिपोर्ट देनी है। इस बात का भी ध्यान रखना है कि ग्रामीण दल के करीब न जाए और हाथी में यदि गांव के नजदीक जाते हैं तो इसकी जानकारी देनी है। सुरक्षा के मद्देनजर यह बेहद जरुरी है।

आदेशनुसार वन अमला प्रतिदिन की रिपोर्ट दे रहा है। अभी तक जितनी बार भी रिपोर्ट दी गई है, उनमें हाथियों की उपस्थिति अचानकमार व छपरवा रेंज के जंगल में है। बिना किसी को नुकसान पहुंचाए केवल जंगल में इधर से उधर विचरण करने से टाइगर रिजर्व प्रबंधन मान रहा है कि उनके लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व पसंदीदा हो गया है। इससे पहले जितने बार हाथी यहां पहुंचे हैं इतने दिनों तक नहीं रूकेंगे। वर्षा के बाद हाथियों की वापसी होने की उम्मीद है। यदि नहीं जाते हैं तो प्रबंधन यह मानकर चल रहा है कि यहां स्थाई रहवास हो जाएगा।

वन कर्मचारियों को ग्रामीणों को हाथियों की उपस्थिति की जानकारी देने का भी निर्देश है। जिससे की वे सावधान रहेंगे। मालूम हो कि अभी भी टाइगर रिजर्व के अंदर 19 गांव ऐसे हैं, जिनका विस्थापन होना है। यह योजना प्रस्तावित है। टाइगर रिजर्व के अंदर बसें इन गांव के ग्रामीणों की सुरक्षा से लेकर अन्य जिम्मेदारियां टाइगर रिजर्व प्रबंधन की ही है।