प्रदेशवासियों के नाम मुख्यमंत्री का गणतंत्र दिवस संदेश…

अम्बिकापुर में मुख्यमंत्री ने ली परेड की सलामी
अम्बिकापुर 26 जनवरी 2014
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर जनता के नाम अपने संदेश में आज कहा कि चुनाव के दौरान जारी किया गया घोषणा-पत्र धर्म ग्रंथों की तरह पवित्र होता है, जिसके हर बिंदु पर खरा उतरने की जिम्मेदारी, हम कत्र्तव्य-भाव से स्वीकार करते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीति बदलाव का सबसे कारगर माध्यम होती है। राजनीति के व्यापक कार्य क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के विचारों और मतों की गुंजाईश रहती है। राजनीति अपने आप में बड़ी ताकत होती है, लेकिन अगर राजनीति अपने उद्देश्यों से भटकती है, तो उससे जनता का विश्वास डगमगाने और समूची व्यवस्था के टूटने का खतरा बना रहता है, इसलिए राजनीति और सरकार के काम-काज में पारदर्शिता और शुचिता बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री आज सवेरे प्रदेश के सरगुजा राजस्व संभाग के जिला और संभागीय मुख्यालय अम्बिकापुर में गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण करने और परेड की सलामी लेने के बाद जनता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर सरगुजा सहित सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की जनता को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. रमन सिंह ने समारोह में परेड का अवलोकन करने के साथ-साथ आम जनता का अभिनंदन भी किया। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने अपनी योजनाओं पर आधारित आकर्षक झांकियों का भी प्रदर्शन किया। डॉ. सिंह ने इस मौके पर छात्र-छात्राओं के देशभक्तिपूर्ण रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने समारोह में हजारों की संख्या में मौजूद नागरिकों को संबोधित करते हुए अपने संदेश में कहा कि नीतियां और योजनाएं धरातल पर उतरंे और जन-जीवन को उनका फायदा मिले, तभी जनता, अपनी सरकार पर विश्वास व्यक्त करती है। सरकार और जनता के बीच परस्पर विश्वास ही, प्रदेश और देश की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि सरकारी काम-काज में पारदर्शिता बढ़ाने और जनता के खून- पसीने की कमाई का एक-एक पैसा राज्य के विकास और सभी वर्गों की भलाई में लगाने की प्रतिज्ञा हमने ली है। इसके लिए हमने सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग और सरकारी नियम-कायदों में सरलीकरण को बढ़ावा दिया है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम और सत्य निष्ठा संधि जैसे कदमों से नये दौर का आगाज किया जा चुका है। डॉ. सिंह ने कहा कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार  की ‘जीरो-टॉलरेंस’ की नीति के संकल्प को भी दोहराया। उन्होंने कहा – संविधान पर आस्था, लोकतंत्र पर विश्वास, संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान और न्याय व्यवस्था पर भरोसा जैसे शब्द छत्तीसगढ़ में बहुत मायने रखते हैं। हमारा जन-जीवन इन शब्दों से प्रेरणा लेता है और इनके अनुरूप व्यवहार करता है। हमारे लिए भारतीय संविधान सर्वोपरि है, इसलिए हम एक ओर जहां संविधान पर आस्था रखकर गणतंत्र को सशक्त बनाने वाले लोगों के हितों की रक्षा करेंगे, वहीं दूसरी तरफ संविधान विरोधी, लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी और अन्य हिंसक तत्वों को कुचलने में भी हम पीछे नहीं हटेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियो के नाम गणतंत्र दिवस के अपने संदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों, योजनाओं और उपलब्धियों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ को नई शताब्दी का आदर्श राज्य बनाने के सपने को पूरा करने की दिशा में विगत दस वर्ष में अनेक उपलब्धियां हासिल की है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पेयजल, परिवहन, सड़क आवास, नगरीय विकास आदि क्षेत्रों में राज्य ने विकास की लम्बी छलांग लगायी है। हमारी योजनाओं और प्रयासों का लाभ समाज के हर वर्ग को मिला है। उन्होंने अपनी सरकार  की तीसरी पारी के घोषणा पत्र 2013 के सभी प्रमुख बिन्दुओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने  कहा कि हमारे देश के हमारे देश के गौरवमयी संविधान ने भारत को, दुनिया का महान गणतंत्र बनने का मार्ग प्रशस्त किया। लोकतंत्र के प्रति हम सबकी अगाध आस्था ने लोक-जीवन में, अपार शक्ति का संचार किया, जिसके कारण भारत की गणना दुनिया के महानतम गण-तंत्र के रूप में होती है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश विधानसभा के तीसरे आम चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि आम-चुनाव को गणतंत्र का सबसे बड़ा अनुष्ठान माना जाता है, क्योंकि इसके माध्यम से मतदाता अपनी पसंद के राजनीतिक नुमाइंदों पर विश्वास व्यक्त करते हैं। मुझे खुशी है कि फिर एक बार, हमारी नीतियों पर भरोसा करते हुए, राज्य की जनता ने लगातार तीसरी बार हमें सेवा का अवसर दिया है। हमने जनादेश का सम्मान करते हुए पहले दिन से ही, वायदा निभाने की ठोस शुरूआत कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा – मुझे खुशी है कि शासन-प्रशासन तथा जनता ने मिलकर राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, इससे हमारा लक्ष्य निरंतर बड़ा होता गया है। नए जनादेश के साथ जनता की अपेक्षाएं बढ़ने को हम नया अवसर मानते हैं और संकल्प लेते हैं कि पहले की तरह घोषणा पत्र के वायदों को तो पूरा करेंगे ही, साथ ही नई जरूरतों और नई सोच के आधार पर, छत्तीसगढ़ को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का सपना भी पूरा करेंगे। छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों में शांति और विकास के लिए आपका सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिलता रहा है। आगे भी आपका स्नेह हमारा मार्ग-दर्शन करेगा, ऐसा दृढ़ विश्वास है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – हमारा मानना है कि चुनाव के दौरान जारी किया गया घोषणा-पत्र धर्म ग्रंथों की तरह पवित्र होता है, जिसके हर बिंदु पर खरा उतरने की जिम्मेदारी, हम कर्त्तव्य-भाव से स्वीकार करते हैं।  शपथ लेते ही पहले दिन से हमने वायदे पूरे करने शुरू कर दिए हैं। हमारे घोषणा-पत्र का पहला बिंदु है-‘गरीब जनता को अब एक रूपए किलो चावल’। हमने यह वादा पूरा कर दिया है, जिसके कारण प्रदेश के 48 लाख अतिरिक्त गरीब परिवारों को मिलाकर 65 लाख परिवारों को एक रूपए किलो की दर से, प्रति माह 35 किलो चावल अथवा गेहूं मिलेगा। इस परिप्रेक्ष्य में, मैं यह गर्व से कहना चाहता हूं कि देश में खाद्यान्न और पोषण सुरक्षा का पहला कानून बनाने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है। हम देश में न सिर्फ सबसे सस्ता और सबसे ज्यादा खाद्यान्न दे रहे हैं, बल्कि पूरक पोषण आहार, आयोडीन, प्रोटीन आदि देकर जनता को बेहतर स्वास्थ्य की सौगात भी दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में आगे कहा – हमारे घोषणा-पत्र का दूसरा बिंदु है-‘2100 रूपए धान के समर्थन मूल्य हेतु पहल’। शपथ लेते ही मैंने यह पहल कर दी है। केन्द्र शासन द्वारा धान का समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है और केन्द्रीय पूल के लिए केन्द्र सरकार की ओर से राज्य सरकार धान की खरीदी करती है। धान की खरीदी हेतु पारदर्शी प्रणाली बनाना और उसे किसानों के हित में संचालित करना, राज्य सरकार ने अपनी अहम जिम्मेदारी समझी और देश की सर्वोत्तम प्रणाली राज्य में बना ली है। समर्थन मूल्य पर अनाज की कीमत निर्धारित करना केन्द्र सरकार का काम है, इसलिए मैंने घोषणा पत्र के अनुरूप प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर जो पहल की है, उसमें छत्तीसगढ़ के सभी किसान भाई-बहनों की भावनाओं से केन्द्र को अवगत करा दिया है। डॉ. रमन सिंह ने कहा – घोषणा-पत्र का तीसरा बिंदु है-’300 रूपए प्रति क्विंटल प्रति वर्ष बोनस’। हमने किसानों की समृद्धि के विषय को लंबित रखने के बजाए, केन्द्र के निर्णय का इंतजार न करते हुए, राज्य शासन की ओर से प्रति वर्ष, धान खरीदी पर 300 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने का निर्णय भी ले लिया है।
उन्होंने कहा – मैं बताना चाहता हूं कि ऐसे फैसलों का असर क्या होता है। आप में से बहुत से लोगों को याद होगा कि राज्य गठन के प्रारंभिक वर्षों में मात्र 5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी राज्य सरकार ने की थी। वर्ष 2003 में व्यवस्था बदली और मैंने एक-एक दाना धान खरीदने का फैसला लिया, तो हर साल एक नया कीर्तिमान बनने लगा और बीते एक साल में 71 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा गया है। बीते दस वर्षों में हमने अपने अन्नदाताओं से 4 करोड़ 24 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा और इसके एवज में किसान भाइयों को 43 हजार करोड़ ड़पए का भुगतान किया। ‘गणतंत्र’ की मजबूती के लिए सही समय पर, साहस के साथ, यथोचित और युक्तियुक्त निर्णय लेना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा – गणतंत्र को सफल बनाने के लिए समाज के सबसे कमजोर तबके तक पहुंचना सबसे ज्यादा जरूरी है। किसानों में भी सबसे गरीब वे हैं, जिनके पास ढाई एकड़ कृषि भूमि भी नहीं है। ऐसे अनुमानित 17 लाख परिवारों का जीवन संवारने के लिए हमने ‘अटल खेतिहर मजदूर बीमा योजना’ शुरू कर दी है। इस तरह अपने घोषणा-पत्र का एक और वायदा पूरा करते हुए हमने खेतिहर मजदूर परिवारों को जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा तथा छात्रवृत्ति की सुविधा दी है। असंगठित मजदूरों और उनके परिवारजनों को सम्मान, सुविधा तथा सुरक्षा देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। देश में जो काम साढ़े छह दर्शको में नहीं हुआ, उसे अब हम पूरा कर रहे हैं।
डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशवासियों के नाम गणतंत्र दिवस संदेश में आगे कहा – हमने मजदूर भाई-बहनों को रोजगार देने के लिए देश में पहली बार कई नए कदम उठाए हैं। मनरेगा के तहत ग्रामीण रोजगार गारंटी के दिन 100 से बढ़ाकर 150 किए हैं, वहीं गर्भवती मजदूरों को एक माह का मातृत्व अवकाश भत्ता दे रहे हैं। असंगठित क्षेत्र के 13 लाख कर्मकारों के परिवारों को सिलाई मशीन, सायकल, उपकरण, प्रशिक्षण, पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाएं, रेलवे के पास, बच्चों को छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएं देने के लिए 20 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मुझे विश्वास है कि मजदूरों को बेहतर जीवन स्तर देकर ही हम उनके पसीने का सम्मान कर सकते हैं। वन-संपदा प्रदेश और देश के लिए बहुमूल्य संसाधन तथा गौरव का विषय होती है, लेकिन सही नीतियों के अभाव में वनों पर आश्रित बहुत बड़ी आबादी का जीवन संकटमय होता है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमने अनेक बड़े निर्णय लिए। वन उत्पादों के कारोबार का बड़ा हिस्सा स्थानीय आबादी के विकास के लिए दिया गया है। मैं किसान और मजदूर भाई-बहनों का अभिनंदन करता हूं, जिनका हमारी योजनाओं पर निरंतर अटूट विश्वास  बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा – हमने सरकार बनाते ही तत्काल यह फैसला भी कर लिया कि छत्तीसगढ़ के, आबाद 420 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित कर दिया जाएगा, जिससे लगभग 40 हजार परिवारों को राजस्व ग्राम तथा कल्याण कार्यक्रमों का लाभ मिलेगा।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – हमने महिलाओं को नई शक्ति देने के नए दौर की शुरूआत भी कर दी है। महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में मध्यान्ह भोजन, पूरक पोषण-आहार, छात्र-छात्राओं के गणवेश वितरण के सभी कार्य संचालित करने का निर्णय ले लिया है, जिसमें लाखों महिलाओं को नई जिम्मेदारी मिल जाएगी, ऐसा निर्णय लेने वाले हम देश के पहले राज्य बन गए हैं। राशन कार्ड पर वरिष्ठ महिला सदस्य का नाम, मुखिया के रूप में दर्ज करने का काम भी, देश में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में, नई पहल के रूप में अव्वल आंका गया है। गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को अस्पताल लाने-ले जाने  के लिए निःशुल्क ‘महतारी एक्सप्रेस सेवा’ ’102’ टोल फ्री नंबर के द्वारा उपलब्ध कराई गई है। मात्र 5 माह में 60 हजार महिलाओं ने इसका लाभ उठाया है। गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं की सेहत की देखभाल के लिए आईटी की मदद से एक ट्रैकिंग सिस्टम बनाया गया है, जो उन्हें मिले और मिलने वाले उपचार की समय-सारणी बनाकर रखेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा – आम-जनता को शासकीय चिकित्सालयों के अतिरिक्त कभी भी, कहीं से भी चिकित्सकीय सलाह एवं मार्गदर्शन के लिए 24ग7 निःशुल्क सुविधा ’104’ टोल फ्री नंबर के माध्यम से प्रारंभ की गई है। यह ‘आरोग्य सेवा’ छत्तीसगढ़ी, हिन्दी तथा हल्बी भाषा में भी उपलब्ध है। मेरा मानना है कि चिकित्सा सुविधाओं को अस्पतालों से बाहर भी, लोगों के घर तक पहुंचाने से परिवारों और विशेष कर महिलाओं को बहुत मदद मिलेगी। राज्य में एक हजार महिला होमगार्डों की भर्ती की जा रही है। महिलाओं से संबंधित अपराधों के प्रकरणों पर तेजी से निर्णय लेने के लिए छत्तीसगढ़ में 16 सत्र खण्डों में फास्ट टेªक कोर्ट का गठन किया गया है, साथ ही  इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इन न्यायालयों में महिलाओं से संबंधित अपराधों की सुनवाई महिला न्यायाधीशों द्वारा की जाए।  हमने वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा कराने के लिए जो योजना शुरू की है, उसका लाभ सभी धर्मों के लोगों को मिलने से  राज्य में प्रत्येक जाति-धर्म के लोगों के बीच आपसी सद्भाव और मजबूत हो रहा है। वरिष्ठ नागरिकों को मान-सम्मान के साथ सुरक्षित जीवन की नई सुविधाएं भी दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा – स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को क्रांति का अग्रदूत माना था। यह बड़े गौरव का विषय है कि दुनिया को अपने विचारों और ओज से चमत्कृत कर देने वाले, स्वामी विवेकानंद ने बचपन का काफी समय छत्तीसगढ़ में गुजारा था। हमने स्वामी जी के प्रवास की पावन एवं अमूल्य स्मृतियों को बनाए रखने के लिए, एक भव्य शोध केन्द्र विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वामी विवेकानंद अध्ययन केन्द्र बनाया जाएगा। हमने युवाओं के अच्छे शिक्षण, प्रशिक्षण तथा उनके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक योजनाएं संचालित की हैं। युवाओं को कौशल विकास का अधिकार देने वाला देश का पहला राज्य भी छत्तीसगढ़ बन गया है। हमने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि युवा अपने जिले में गठित कौशल विकास प्राधिकरण में आवेदन करने के 90 दिन के भीतर वांछित प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए 51 प्रकार के कौशल विकसित करने की व्यवस्था कर दी गई है। तकनीकी और प्रौद्योगिकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई आईटीआई, प्रत्येक जिले में लाइवलीहुड कॉलेज, नए व्यावसायिक पाठ्क्रम, ट्रिपल आईटी की स्थापना जैसे काम तेजी से पूरे किए जाएंगे।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – युवाओं को उद्योग, सेवा तथा व्यवसाय हेतु बैंकों से ऋण दिलाने, काफी रियायती दर पर शिक्षा ऋण दिलाने, लैपटॉप-टेबलेट जैसे साधन निःशुल्क देने और भारत-भ्रमण से प्रेरणा पाने हेतु संचालित की गई योजनाओं का लाभ युवा साथी उठा रहे हैं। एक और वायदा पूरा करते हुए हमने छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के शुल्क में 100 से 300 रुपये तक की छूट, सभी परीक्षार्थियों को देने का निर्णय लिया है। विगत एक वर्ष में राज्य में जो 21 नए शासकीय महाविद्यालय शुरू किए गए हैं, उनमें से 16 महाविद्यालय अनुसूचित क्षेत्रों में हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ’राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’ राज्य में शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा, इसके लिए हमने राज्य की ओर से 35 प्रतिशत राज्यांश देने की स्वीकृति केन्द्र शासन को भेज दी है। राज्य गठन के समय सिर्फ तीन विश्वविद्यालय थे, जो अब बढ़कर 8 हो गए हैं। आदिवासी अंचलों के लिए सरगुजा तथा बस्तर विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। विगत 10 वर्षों में उच्च शिक्षा के बजट में 12 गुना से अधिक वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा – हम पूर्व प्रधानमंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता श्री अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वास पर खरे उतरने के लिए पूरी लगन, निष्ठा और मेहनत से सतत् प्रयासरत हैं। छत्तीसगढ़ को नई शताब्दी का आदर्श राज्य बनाने का सपना हमने देखा है, और इस दिशा में विगत 10 वर्षों में अनेक उपलब्धियां भी हासिल की हैं। राज्य में बुनियादी अधोसंरचना का गुणवत्तापूर्ण विकास किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पेयजल, परिवहन, सड़क, आवास, नगरीय विकास आदि क्षेत्रों में विकास की लम्बी छलांग लगाई गई है। उद्योग, व्यापार, ग्रामोद्योग, शासकीय एवं अशासकीय सेवाओं आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन, क्रीड़ा एवं पर्यटन सुविधाओं का विस्तार तेजी से हुआ है। कटौतीविहीन, लगातार, गुणवत्तापूर्ण व देश में सबसे सस्ती बिजली देने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का नाम सम्मान से लिया जाता है।
उन्होंने कहा – मुझे खुशी है कि हमारी योजनाओं और प्रयासों का लाभ समाज के हर वर्ग को मिला है। किसान भाइयों ने खूब मेहनत करके प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन के नए-नए कीर्तिमान रचे हैं। वर्ष 2012-13 में धान उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि के लिए, छत्तीसगढ़ को एक बार फिर, राष्ट्रीय ’कृषि कर्मण पुरस्कार’ के लिए चुना गया है। इसके पूर्व वर्ष 2010-11 में भी हमारे राज्य को यह गौरव मिल चुका है। महात्मा गांधी नरेगा की राशि तथा अन्य विकास विभागों की योजनाओं को मिलाकर, ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार की अभिनव पहल हमने की है, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘महात्मा गांधी नरेगा कनवरजेंस’ की श्रेणी में वर्ष 2012-13 के प्रथम पुरस्कार हेतु भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को चुना गया है। सरगुजा जिले की गागोली एवं राजनांदगांव जिले की गातापार ग्राम पंचायतों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए, कबीरधाम नगर पालिका को भागीरथी नल-जल योजना के लिए तथा दुर्ग नगर निगम को आवास विकास तथा मलिन बस्तियों के उन्नयन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा – सरकारी काम-काज में पारदर्शिता बढ़ाने, और जनता के खून-पसीने की कमाई का एक-एक पैसा राज्य के विकास और सभी वर्गों की भलाई में लगाने की प्रतिज्ञा हमने ली है। इसके लिए हमने सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग एवं सरकारी नियम-कायदों में सरलीकरण को बढ़ावा दिया है। ’लोक सेवा गारंटी अधिनियम’ तथा ’सत्यनिष्ठा संधि’ जैसे कदमों से नए दौर का आगाज किया जा चुका है। सरकार के सभी विभागों में भ्रष्टाचार के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर पुनर्संकल्प के साथ अमल होगा। मैं ऊपर से नीचे तक शासन-प्रशासन के सभी अंगों सेे फिर एक बार अपील करता हूं कि वे आम जनता के हितों को सर्वोपरि समझें। सरकारी काम-काज में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी-कर्मचारी ‘जन-मित्र’ की तरह व्यवहार करें। मुख्यमंत्री ने जनता से यह भी अपील करना चाहता हूं कि वे किसी भी स्थिति में भ्रष्टाचार को प्रश्रय नहीं दें। हम सब मिलकर राज्य में ऐसा वातावरण बनाएंगे कि गलत तरीकों तथा भ्रष्टाचार का नामोनिशान खत्म हो जाए। इसके लिए कानूनी और संस्थागत प्रावधानों के बारे में समय-समय पर जनता से चर्चा की जाएगी। ग्राम सुराज, नगर सुराज, जनदर्शन, वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग, शिकायत निवारण, समस्या निवारण कार्यक्रमों को और भी कारगर ढंग से लागू किया जाएगा।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – भाइयों और बहनों, संविधान पर आस्था, लोकतंत्र पर विश्वास, संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान, न्याय व्यवस्था पर भरोसा-जैसे शब्द छत्तीसगढ़ में बहुत मायने रखते हैं। हमारा जन-जीवन इन शब्दों से शक्ति और प्रेरणा लेता है तथा इनके अनुरूप ही व्यवहार करता है, इसीलिए ’छत्तीसगढि़या सबले बढि़या’ है। हमारे लिए भारतीय संविधान सर्वोपरि है, इसलिए हम एक ओर जहां संविधान पर आस्था रखकर, गणतंत्र को सशक्त बनाने वाले लोगों के हितों की रक्षा करेंगे, वहीं दूसरी ओर संविधान विरोधी, लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी व अन्य हिंसक तत्वों को कुचलने में भी हम पीछे नहीं हटेंगे।