एक बांध और चढा भ्रष्टाचार की भेंट : नहरो से नही दरारो से बहता है पानी

  • जल संसाधन संभाग क्रमांक 1 द्वारा कंचनपुर मे बनाया गया है डेम
  • आरटीआई में नही दिए जा रहे है संपूर्ण दस्तावेज
  • किसानो को नही मिल पा रहा है बांध निर्माण का लाभ
  • बांध की ही तरह दस्तावेजो में लीपापोती कर रहे है अधिकारी

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर जल संसाधन संभाग क्रमांक 01 की भ्रष्ट करतूत और करतूत में लीपापोती करना कोई नई बात नही है.. ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है जिले के कंचनपुर गांव में.. जंहा जल संसाधन विभाग के एक चहेते ठेकेदार नें करोडो की लागत का बांध बनाया,,, लेकिन बांध निर्माण में ठेकेदार पर इस कदर मेहरबानी हुई कि बांध का पानी बांध में रुक नही रहा है.. और ठेकेदार को पूर्णत प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है…. फिलहाल मामले की शिकायत संभाग आय़ुक्त से हुई है.. और उन्होने कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है ।

एकांत सिंह शिकायतकर्ता
एकांत सिंह शिकायतकर्ता

जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से 15 किलोमीटर दूर स्थित कंचनपुर गांव में एक वर्ष पूर्व तकरीबन 12 करोड की लागत से एक डेम का निर्माण किया गया है.. जिसका उद्देश्य आस पास के एक दर्जन से अधिक गांवो में सिंचाई का पानी नहरो के माध्यम से पंहुचाना था। लेकिन करोडो की लागत से बने डेम इतनी दरारे है.. कि गुणवत्ता विहीन डेम एक खूबसूरत झरने में तब्दील हो गया है…. डेम के मुख्य दीवार में बडी बडी दरार और सीपेज इसमें हुए भ्रष्टाचार की कहानी खुद बयां करता है… हांलाकि इस डेम में उपर से ही दिखने वाले भ्रष्टाचार को उजागर करने युवक एकांत सिंह नें आरटीआई के तहत दस्तावेज निकालने की कोशिश की.. लेकिन अपनी करतूत छुपाने के लिए विभाग नें उसे आधे अधूऱे दस्तावेज ही मुहैया कराए ।

कंचनपुर डेम में हुए भ्रष्टाचार में विभाग नें जो दस्तावेज दिए है.. उसमें बांध की ही तरह लीपापोती की गई है .. मसलन पूर्णता प्रमाण पत्र में डेम निर्माण की लागत नही लिखी गई है.. आबंटन आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि की मांग करने पर भी उसे नही दिया गया है… जिससे ये साफ साबित होता है कि किसानो के खेतो तक सिंचाई जल पंहुचाने के नाम पर जल संसाधन विभाग के अधिकारी जबरजस्त भ्रष्टाचार 5में लिप्त है। हालाकि शिकायतकर्ता नें अब इस मामले की शिकायत सरगुजा संभाग आयुक्त से कर दी गई है…. जंहा उपायुक्त एपी सांडिल्य नें मामले पर गंभीरता दिखाते हुए जल्द जांच करा कार्यवाही का आश्वासन दिया है ।

अविभाजित सरगुजा जिले में पिछले एक दशक में जल संसाधन के रिकार्ड काम आबंटित हुए … और ज्यादातर काम कागजो में पूरे हो गए… और अपनी जेब गर्म कर अधिकारियो नें ठेकेदार को जबरजस्त लाभ भी पंहुचाया…. बहरहाल कागजो से बाहर निकल कर अगर जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट कारनामो की पडताल की जाए .. तो सच मानिए जल संसाधन विभाग के मुट्ठी भर अधिकारी कर्मचारी छोड कर बांकी सब सलाखो के पीछे पंहुच सकते है।