पढ़िए विकास की असल दुर्दशा… कागजी निर्मल ग्रामो की कहानी…!

  • न सफाई न पानी, बस अफसरों की झूठी वाणी
  • हवा में वादे कागजों में पानी….., पानी की किल्ल्त से जूझ रहे कई ग्राम
  • लोक सुराज में भी नही नही नजर आ रही ग्रामीण अंचलों की अव्यवस्थाएं

 

सोनहत से राजन –  लोक सुराज अभियान के तहत जिले के आला अधिकारी समेत नेता व मंत्रीयों ने सोनहत विकासखंड के ग्रामों में चैपाल लगाई इसमें से कई ग्रामों को निर्मल ग्राम का दर्जा मिला हुआ है। लेकिन आश्चर्य की बात है की जिला स्तर के इन बड़े अधिकारीयों को निर्मल ग्रामों में किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नजर नही आई जिससे ये सुराज अभियान भी महज खाना पुर्ति की तरह लगने लगा है।

उल्लेखनीय है की जिले में अलग अलग विकासखंड के ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम का दर्जा मिला और शासन प्रशासन स्तर से कई प्रकार की मूल भूत सुविधाएं मुहैया कराई गई लेकिन कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड में इसका वास्तविक अवलोकन किया जाए तो भरतपुर सोनहत विधान सभा क्षेत्र के अधिकांश ऐसे ग्राम पंचायत जिन्हे निर्मल ग्राम के पुरूस्कार से नवाजा गया उन ग्राम पंचायतों में समस्त सुविधाएं सिर्फ कागजों में ही संचालित है । कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड अंर्तगत ग्राम पंचायत मेंड्राकला पोडी, बोडार ,कछार एवं अन्य कई ग्रामों को निर्मल ग्राम का दर्जा मिले वर्षो बीत गए परन्तु अभी तक ये कागजी निर्मल ग्राम मूल भूत सुविधाओं से जूझ रहे है , आलम है की वर्तमान में न तो यहां साफ-सफाई है और न पेयजल व्यवस्था इसके अतिरिक्त निर्मल ग्रामों के अलावा अन्य कुछ ग्रामों मेें शौचालय तो इस कदर बदतर है की कोई भी व्यक्ति उसका प्रयोग नही कर रहा है।

वनांचलों में पानी की भारी किल्ल्त
सोनहत विकासखंड के ग्राम पंचायत अकलासरई सिंघोर मेंड्रा ग्राम पंचायत सोनहत के पंडोपारा रजौली पंडोपारा के अलावा अन्य कई ग्रामों में पानी की भारी किल्ललत है।यहां के ग्राम वासीयों का जीवन बदतर हो गया आलम है की एक ओर विवाह का दौर अपने चरम पर है और यहां के लोग स्वच्छ पानी की बूंद बूंद के लिए मोहताज है ग्राम वासीयों ने जानकारी देते हुए बताया की ग्रामीण ढोंढ़ी एवं नाले समेत हैंड पंप का लाल पानी पी कर बीमार पड़ रहे है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारीयों को इससे कोई सरोकार नही है। अकला सरई के अलावा पीएचई विभाग ने रजौली ग्राम में वर्षो पुर्व नल जल योजना शुरु की थी इसके तहत पंचायत भवन के आसपास पेयजल सप्लाई के लिए पंप हाउस व बोर कराया था। शुरूआत में लोगों को कुछ दिनों तक इसका लाभ भी मिला और इसी पेयजल व्यवस्था के कारण शासन ने इस पंचायत को निर्मल ग्राम का दर्जा दिया था। लेकिन अब पंचायतवासीयों को पूरी तरह इसका लाभ नही मिल पा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार अक्सर पानी की आपूर्ति घरों में नहीं हो पाती है। आलम है की ग्रामीण सिर्फ हैंडपंपों पर आश्रित हैं परन्तु उनमें भी अधिकांश हैडपंप से कभी लाल तो कभी पानी ही नही निकलता है ।

रामगढ़ क्षेत्र में ढोंढ़ीयों पर भीड़
विकासखंड सोनहत के ग्राम रामगढ़ सिंघोर सेमरीया सुक्तरा उज्ञांव कुर्थी समेत अन्य क्षेत्र में ढोढ़ीयों नदी नालों नर पर ग्राम जनों को पानी के लिए मशक्कत करते देखा जा रहा है। नदी नालो एवं ढोढ़ीयों से ग्रामीणों द्वारा कभी सर पर पानी लेकर जाते हुए कभी कंधों पर कांवर में पानी लाते हुए नजारा आम हो गया है। शासन द्वारा जल आपुर्ति के क्षेत्र में किये जाने वाले प्रयास सार्थक साबित नही हो पारहे है।

कटगोड़ी क्षेत्र में भारी परेशानी
कटगोड़ी में भी पानी की परेशानी काफी बढ़ गई है आलम है कि बैराटिकरा रिखई चैक दर्रीपारा छुहिया पारा आनंदपुर उसना पारा एवं अन्य क्षेत्रों में पानी किल्लत बढ़ जाने से ग्रामीण परेशान है । उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी पानी कि किल्लत को लेकर कटगोढ़ी वासीयों ने काग्रेस कमेटी क नेतृत्व में आंदोलन किया था जिसके बाद कुछ ग्रामों में वैकल्पिक व्यवस्था बतौर टैंकर आदी लगाए गए थे। लेकिन इस सान न तो एसईसीएल ने ही कुछ किया और न ही पी एच ई विभाग ही ध्यान दे रहा है। हलाकि पीएच ई विभाग ने इस वर्ष जल क्रांती को लेकर लंबा चैड़ा साईन बोर्ड लरूर लगा दिया है लेकिन धरातल पर अभी कोई भी कार्य नही कराए गए है।

डबरी में पानी नही ,तालाब सूखने के कगार पर
शासन प्रशासन स्तर पर मनरेगा के तहत कई स्थानों पर डबरी एवं अन्य तालाब निर्माण कराए गए है लेकिन डबरीयों में पानी की एक बूंद भी नही है साथ ही नवीन तालाबों में भी पानी नही है कुछ पुराने तालाब ऐसे है जिनमें पानी शेष है लेकिन उनमें भी जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

बढ़ रही गंदगी
एक तरॅफ प्रदेश एवं जिले में स्वच्छता के तहत ग्रामों को साफ सुथरा एवं स्वच्छ बनाने की कवायद की गई परन्तु जिले के सोनहत विकासखंड अंर्तगत सिर्फ निर्मल ग्रामों की बात की जाए तो यह अभियान पंचायत स्तर में फिसड्डी साबित हुआ। गांव में कचरा उठाव व निष्पादन की व्यवस्था पंचायत द्वारा नहीं की गई । ग्रामीण घरों के बाहर कचरा फेंकते हैं। जिससे इस गांव में स्वच्छता की अवधारणा फलीभूत नहीं हो पा रही है। निर्मल ग्राम का चयन कुछ इन्हीं मापदंडों पर भी रखा गया था कि गांव में साफ-सफाई बेहतर रहे। लेकिन यहां ऐसा नहीं है अन्य गांव की तरह यहां भी साफ सफाई में जागरूकता नही है।

पानी की किल्ल्त से रिश्तों में दरार
ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासी परिवार के लोगों का कहना है की उन्हे शासन की कई योजनाओं का लाभ नही मिल सका जबकी चुनाव के दरमयान क्षेत्रीय विधायक ने कई बार क्षेत्र का दौरा किया था साथ समय समय पर संचालित समाधान शिविर लोक सुराज के दौरान भी ग्रामवासीयों ने प्रशासनिक अधिकारीयों को अवगत कराया था ग्राम वासीयों का कहना है की घर में पुरूषों के काम पर चले जाने के बाद गर्भवती माताओं बहनों को दूर पानी लेने जाने में भारी परेशानी होती है । कुछ ग्रामीण परिवार के लोगों ने बताया विवाह का दौर चल रहा है पीने के पानी के लिए दूसरे स्थान से किराए पर टैंकर में पानी मंगाना पड़ता है पैसा नही होने पर पारिवारिक तनाव उतपन्न हो जाता है