छत्तीसगढ़ : स्विफ़्ट कार की डिक्की में मिला 72.55 लाख रुपये नगदी… 2 पुलिस ने शुरू की जांच

महासमुंद। कोरोना 2.0 लहर के मद्देनजर जिलें में लाॅकडाउन लगी हुई है। जिसके तहत् पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने दीगर राज्य से आने-जाने वालो एवं संदिग्धों पर कड़ी नजर रखकर निगरानी करने के लिए जिलें के समस्त थाना/चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। आज पुलिस अधीक्षक को सूचना मिली की ओडिशा की ओर एक वाहन में भारी मात्रा नगदी लेकर महासमुंद की ओर जा रही है। सूचना पर पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना सिंघोड़ा को वाहन रोकने के लिए निर्देशित किया। जिसपर अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट रेहटीखोन में संदिग्ध वाहनों पर नजर रखकर चेकिंग किया जा रहा था कि इसी दौरान एक सफेद रंग की स्वीफ्ट डिजायर कार क्र० CG07/BT/8880 चेक पोस्ट से गुजर रही थी जो संदिग्ध लगा तो उसे रोका गया।

वाहन में दिनेश तिवारी पिता आर०के० तिवारी उम्र 46 वर्ष सा० गली नंबर 18 केम्प 01 भिलाई थाना छावनी जिला दुर्ग बैठा हुआ था तथा वाहन योगेश कुमार सिंग पिता प्रहल्लाद सिंह उम्र 35 वर्ष सा० जोन नंबर 02 सड़क नंबर 28 खुर्सीपार भिलाई चला रहा था। जिनसे आने जाने के संबंध में पूछताछ किया गया। जिनका जवाब संतोषप्रद नही मिलने से वाहन की तलाशी ली गई। वाहन की तलाशी लेने पर डिक्की में रखे लाल रंग की बैंग एवं सफेद थैला रखा हुआ मिला। लाल रंग के बैग को खोलने पर उसमें भारी मात्रा रूपयों का बण्डल मिला। बैंग में 2000-2000 रूपयें का 259 नोट राशि 5,18,000 तथा 500-500 रूपयें का 108643 नोट राशि 54,32,000 रूपयें, 200-200 रूपयें का 3304 नोट राशि 6,60,800 रूपयें, 100-100 रूपयें का 6401 नोट राशि 6,40,100 रूपयें, 50-50 रूपयें का 100 नोट राशि 5000 कुल राशि 72,55,900 रूपयें भरा हुआ था।

संदिग्ध व्यक्ति दिनेश तिवारी एवं योगेश कुमार सिंह से रूपये कहा से लाना और कहा ले जाना इसका कोई वैधानिक कागजात है तो दिखाने कहने पर उनके पास कोई वैध दस्तावेज नही मिला। जिसपर थाना सिंघोड़ा की टीम द्वारा बैंग में रखें भारतीय मुद्रा 72,55,900 रूपयें को अपने कब्जें में लेकर धारा 102 जाफौ० के तहत जप्त कर सुरक्षार्थ में ले लिया गया।

यह सम्पूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर के मार्गदर्शन में अति० पुलिस अधीक्षक मेघा टेम्बुलकर साहू एवं अनु०अधिकारी (पु) सरायपाली विकास पाटले के निर्देशन में थाना प्रभारी सिंघोड़ा चन्द्रकांत साहू, आर० श्रीकांत भोई, चितरंजन प्रधान का विशेष योगदान रहा।