“14 साल बेमिसाल “सरकार के दावे की पोल खोल रहा , पूर्व केबिनेट मंत्री का गृह क्षेत्र..!

 

बलरामपुर कृष्ण मोहन कुमार- जिले के रामचन्द्रपुर विकासखण्ड में आज भी एक ऐसा गांव है,जहाँ आजादी के 70 साल बाद भी बिजली नही पहुँच पाई है,आदिवासी बाहुल्य इस गाँव मे यू कहे तो समस्याओं का अंबार लगा हुआ है,गाँव मे बदहाली का आलम तो यह है कि हाई स्कूल की परीक्षा  आज तक किसी ने पास नही की है,यह गाँव प्रदेश सरकार के 14 साल के विकास के उस दावे को झुठलाता नजर आ रहा जिसमे सरकार कहती है “सबका साथ सबका विकास”।

आखिर कब तक.?

बलरामपुर जिले के रामचन्द्रपुर विकासखण्ड के अंतिम पड़ाव और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ ग्राम पंचायत त्रिशूली है,त्रिशूली गाँव के भुइंडिपारा में आज भी लोग बिजली की सुख सुविधा से कोसो दूर है, पंडो बाहुल्य इस गाँव मे अबतक किसी ने पोस्ट मैट्रिक तक की पढ़ाई नही की है,तो वही गाँव का ही एक छात्र  अजय पण्डो गांव में बिजली नही होने की वजह से गाँव से बाहर रहकर पोस्ट मैट्रिक की पढ़ाई कर रहा है।

स्कूली बच्चे पढ़ाई करने लेते है-चिमनी का सहारा….

सरकार ने शिक्षा के लिए प्रायमरी से लेकर मिडिल स्कूले खोल रखी है,लेकिन  इन स्कुलो तक पहुचने में कठिन डगरो से होकर गुजरना पड़ता है,ग्रामीण बच्चे लाइट के अभाव में चिमनी के सहारे ही अपनी पढ़ाई करते है,रात में ग्रामीणों का सहारा केवल चिमनी ही होता है।

अंधेरे में जीवन यापन किसी खतरे से कम नही….

जंगल किनारे बसे भुइंडिपारा की आबादी लगभग 300 के करीब है,और जंगल के किनारे बसे होने के चलते रात में ग्रामीणों में वन्यजीवों को लेकर भी भय बना रहता है,गांव में अधिकतर मौते सर्पदंश से भी हो चुकी है,ग्रामीणों की माने तो पांच साल मे एक बार यहाँ जनप्रतिनिधि वोट मांगने पहुँचते और चुनावी वायदे कर चले जाते है,उसके बाद दुबारा मुड़कर भी ग्रामीणों की व्यथा सुनने कोई नेता इस गांव में नही आता।

मांग करते -करते थक गए ग्रामीण…

पंडो जनजाति बाहुल्य इस गाँव मे बिजली लाने की मांग को लेकर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोला था,कई दफे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर अर्जी भी दी थी,लेकिन उन्हें भी केवल कोरा आस्वासन ही मिला, लिहाजा उन्होंने भी थक हार कर अपने ही हाल में रहना मुनासिब समझा।

रमन सरकार में दो बार मंत्री रहे नेता ने नही दिया ध्यान….

आपको बता दे यह गाँव राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के गृहग्राम से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है,और रामविचार प्रदेश सरकार में दो पंचवर्षीय कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके है,तो वही वर्तमान विधायक बृहस्पत सिंह विपक्षी विधायक होने का दम भरते हुए प्रदेश को कोसते नजर आते है,और क्षेत्र के इन दोनों बड़े नेताओ की कार्यशैली से यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है,की ग्रामीण जनता से इनका कोई सरोकार नही है।

लक्ष्य में शामिल है गाँव-कलेक्टर….

वही कलेक्टर का कहना है,की भुइंडिपारा सहित आस पास के गाँवो में बिजली पहुचाने का लक्ष्य जून 2018 तक रखा गया है,जिसे 2 पार्ट में पूरा किया जाना है,बिजली विस्तार के इस कार्य से गाँव मे जल्द ही बिजली पहुँचाइ जाएगी।