सड़क हादसे के बाद CRPF जवानो ने मचाया उत्पात…शहर वासियों में दहशत

कमान्डेंट को स्टेशन छोड़ने जा रहे वाहन से हुई दुर्घटना

 

एक कार, दो बाइक व दो घायल

 

अम्बिकापुर 

 

गुण्डो और असामाजिक तत्वों की दहशत के कई किस्से आपने सुने और देखे होगे…  लेकिन अगर उन गुण्डो से आम आदमी की हिफाजत करने वाले ही दहशत का पर्याय बन जाए तो फिर आप क्या करेंगे.?

दरअसल कल अम्बिकापुर के मनेन्द्रगढ रोड मे जो हुआ वो शायद ही शहर के किसी भी इंसान ने कल से पहले देखा नही होगा..  क्योंकि हम बात कर रहे है एक हादसे के बाद उपजी उस दहशत की जो हादसे के कारण नही,  बल्कि हादसा को जन्म देने वाले ने फैला कर लोगो को स्वाभाविक दहशत की आगोश मे जाने को मजबूर कर दिया।

 

 

आखिर हुआ क्या..

दिन मंगलवार की रात , जगह मनेन्द्रगढ रोड किसान राईस मील मोड के सामने,  समय रात तकरीबन 9 से 9.15 रात के बीच सीआरपीएफ 62 वी बटालियन के कमांडेट को लेकर जा रहे चारपहिया वाहन ने रोड किनारे खड़ी कार को ठोकर मारी,  जिसके बाद कार सामने से आ रही मोटरसाइकिल सवार को ठोकर मारते हुए,  रोड के उस पार स्टेशन की तरफ से लौट रहे एक बुजुर्ग की मोटरसाइकिल पर चढ गई !  हालांकि सीआरपीएफ के वाहन से जोरदार ठोकर के बाद रोड के उस पार 50 फिट दूर पहुंची कार से उस पार दुर्घटनाग्रस्त मोटरसाइकिल सवार की सिर्फ गाडी दुर्घटनाग्रस्त हुई,,  लेकिन सीआरपीएफ के वाहन की ठोकर से बिना ड्राइवर चली इस कार की चपेट मे पहले टकराए मोटरसाइकिल सवार दो लोग बुरी तरह जख्मी हो गए,,  जिसमे एक की हालत नाजुक बताई जा रही है!  जिन्हें स्थानीय लोगों ने अस्पताल भिजवाया।

 

 

कैसे फैली दहशत…

इस घटना को अंजाम देने वाले वाहन मे सीआरपीएफ के कमांडेट सवार थे,  जिन्हें उनका ड्राइवर स्टेशन छोडने जा रहा था,  लेकिन सर्किट हाउस के पीछे स्थित सीआरपीएफ 62वी बटालियन के वाहन से हुई इस घटना के बाद कमांडेंट तत्काल दूसरा वाहन बुलाकर स्टेशन चले गए और आम लोगो के लिए छोड़ गए वो दहशत जो अम्बिकापुर के लोगो ने आज तक नही देखी थी!  दरअसल हादसा के बाद सीआरपीएफ के घटना तारित करने वाले वाहन को घटनास्थल से निकालने और घटना के बाद आम लोगो के स्वाभाविक आक्रोश को दबाने 62वी बटालियन के हथियार से लैश जवान तीन ट्रक बस मे भरकर घटना स्थल पहुंचे,  फिर क्या था उन जवानो ने उतरते ही ऐके-47 साईस लहरा कर विरोध करने वाले किसी को दौडा दौडा कर खदेड़ दिया,  तो किसी आम इंसान को गाली गलौच और धक्का मुद्रीकरण वहां से भाग जाने की धमकी दी!  इतना ही नही लोगो को दहशत फैलाने के लिए बटालियन के दो तीन जवान लोगो को गाडी मे भरकर ले जाने की धमकी देने लगे और जब कुछ मीडिया कर्मी वहां पहुंचा तो उनके कैमरे को हाथ से छीनकर उसे बंद कर दिया! हाथो मे ऐके-47 और मुह मे शराब की गंध लिए सीआरपीएफ के जवानो की इस असामाजिक कृत्य को राहगीरो ने भी देखा,  लेकिन जब कोई  इस तस्वीर को अपने कैमरे मे कैद करने की कोशिस  करता हथियार से लैश बेख़ौफ जवान उसे हाथापाई मे उतारू हो जाता,  सीआरपीएफ की इस दहशत का कार्यक्रम तकरीबन 25 मिनट तक कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग मे चलता रहा!  लेकिन हथियार की दहशत से सब सहम गए..  ऐसा लगा मानो हम उस जंगल मे है जहां नक्सलियो का आतंक है और हमारी हिफाजत करने वाले आम लोगो से नक्सलियो की तरह बर्ताव कर रहे है। आमतौर पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में देखा जाता है की दुर्घटना करने वाला वाहन या तो मौके से फरार हो जाता है या तो घयाल को अस्पताल पहुचाता है लेकिन यहाँ ऐसा कुछ नहीं हुआ यहाँ घटना के बाद दहशत फैलाई गई।

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जब पहुंची पुलिस…. 

घटना के बाद जब तक पुलिस मौके पर पंहुचती तब तक काफी देर हो चुकी थी, क्योंकि सबूत को मिटाने के लिए दहशतगर्द सीआरपीएफ दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन को भी वहां ले ले गए थे और खुद भी घटनास्थल से फरार हो गए थे…  बस अगर कुछ वहां था तो वो दहशत जो आज तक संभाग मुख्यालय के आम लोगो ने नही देखी थी!  हालाकि अब पुलिस पूरे मामले मे दोषी सीआरपीएफ के ड्राइवर के खिलाफ  मामला दर्ज करने की बात जरूर कर रही है,,  लेकिन उस दहशत का क्या होगा जिसने लोगो को सहमने पर मजबूर कर दिया।

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पुष्पेन्द्र सिंह बघेल प्रशिक्षु डीएसपी व गांधीनगर थाना प्रभारी

इस सम्बन्ध में गांधीनगर थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह बघेल ने बताया की वाहन चालक की पहचान नहीं हो सकी है अज्ञात वाहन चालाक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है जिस वाहन से दुर्घटना हुई है उसमे सी आर पी ऍफ़ के कमान्डेंट बैठे हुए थे घटना के बाद वहा भीड़ जमा हो गई थी जिस कारण वहा सी आर पी ऍफ़ का बल पहुच गया और दहशत का माहौल निर्मित हो गया था जिस सम्बन्ध में बटालियन के कैम्प में जाकर समझाईस दी गई है।