भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग पर पूर्व सैनिक सहित अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा ने मशाल और रेजांगला माटी कलश यात्रा निकाली… हजारो की संख्या में यदुवँशी हुए शामिल…

जांजगीर- चाम्पा..जिले के अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ द्वारा भारतीय सेना में अहीर रेजीमेंट गठन की माँग को लेकर मशाल और रेजांगला माटी कलश यात्रा के रूप मे यादव समाज के लोगो ने निकाली।

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कलश यात्रा पी .आर जी कॉम्प्लेक्स नैला से शहीद स्मारक पहुँच कर अहीर शहीदों को श्रंद्धाजलि दी गई। श्रंद्धाजलि सभा के बाद शहीद परिवारों एवं पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के पूर्व सैनिक भी शामिल हुए तो वही जिले के अलग- अलग शहरों से आये यादव समाज के लोग शामिल हुए. यादव समाज के पदाधिकारी गिरधारी यादव ने बताया कि सन 1962 के भारत चाइना वॉर में कुमाऊं रेजिमेंट के 13 कुमाऊं के दस्ते (अहीर टुकड़ी) के अंतिम मोर्चे में 1300 चीनी सैनिकों को इस टुकड़ी के 123 सैनिकों ने मार गिराया था।

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18 नवम्बर 1962 को अंतिम गोली तक वे लड़े। 114 सैनिक शहीद हुए जिसमे 112 अहीर (यादव) थे। 6 से ज्यादा लोगों को चीनी सेना ने बंदी बना लिया था। 18000 फीट ऊंचे इस पोस्ट पर भारतीय सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए चीनी सेना को कब्जा करने नहीं दिया था। उसी लड़ाई की याद में 18 नवम्बर को रेजांगला दिवस मनाया जाता है (जांजगीर शहीद स्मारक परिसर में भी हर वर्ष श्रद्धांजली कार्यक्रम आयोजित की जाती है)। रेजांगला को इस वक्त भारत की ताकत माना जाता है। जो अहीर रेजीमेंट के कारण सुरक्षित है। रेजांगला दिवस को यादवी शौर्य दिवस के रूप में पूरे देश के यादव मनाते हैं। रेजांगला की लड़ाई के अलावा समय समय पर सेना में अहीर रेजिमेंट का प्रदर्शन रहा है। अहीर रेजिमेंट की मांग है सात दशक पुरानी थल सेना में सिक्ख, गोरखा, मराठा, राजपूत रेजिमेंट बनी हुई है। लेकिन अहीर रेजिमेंट नही है जिसकी मांग कर रहे हैं।