बतौली मे कही नही बननी चाहिए शराब की दुकान..सैकडो महिलाओ ने कलेक्टर से की मांग

आबकारी अधिकारी ने कहा शराब दुकान का विरोध समझ से परे

बतौली शराब दुकान के विरोध जिला मुख्यालय पहुंचा

अम्बिकापुर

जिले के बतौली जनपद पंचायत मुख्यालय मे कल सोमवार को शराब दुकान के विरोध मे महिलाओ के प्रदर्शन के बाद आज मंगलवार को महिलाओ ने जिला मुख्यालय अम्बिकापुर मे हल्ला बोल किया है। बतौली जनपद मुख्यालय और आस पास की सैकडो महिलाए आज अम्बिकापुर के कलेक्ट्रेट पंहुची , जहां कलेक्टर से मिलकर उन्होने अपने क्षेत्र मे शराब दुकान ना खोलने को लेकर ज्ञापन सौंपा।

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के निर्दश और राज्य शासन की नई आबकारी नीति के तहत सरगुजा जिले के बतौली विकासखण्ड की शराब दुकान को एनएच से हटाकर बतौली कस्बे के अंदर देवरी मोड ,इमलीपारा, मे ले जाया जा रहा है। जिसके लिए प्रशानिक अधिकारियो ने स्थल चयन भी कर लिया है । इसके विरोध मे कल बतौली जनपद कार्यालय मे हंगामा करने के बाद आज बतौली की महिलाओ ने जिला मुख्यालय अम्बिकापुर की ओर रुख किया और बतौली के किसी भी स्थान पर शराब दुकान ना खोलने की कलेक्टर से मांग की। कलेक्ट्रेट पंहुचे उप सरपंच ने बताया कि बतौली मे शराब दुकान ना खोलने के लिए ग्राम सभा मे प्रस्ताव पारित हो चुका है । इतना ही नही उनके मुताबिक सभी जनप्रतिनिधियो ने एक जुट होकर ये निर्णय किया है कि बतौली या आस पास किसी प्रकार की कोई शराब दुकान संचालित नही की जाए। उनके मुताबिक प्रशासन ने जिस स्थान को शऱाब दुकान बनाने के लिए चिंहित किया है उसके आस पास शासकीय औऱ प्रयावेट स्कूल भी है। इधर आज कलेक्ट्रेट पंहुचने वाली महिलाओ मे बतौली समेत खडदंवा, चिरगा, भटको गांव की महिलाए शामिल थी।  इनके साथ बतौली के सरपंच हिंदाल पैकरा,  उप सरपंच सुरेश गुप्ता, , विधायक प्रतिनिधि नवीन गुप्ता, जनपद उपाध्यक्ष अमिता गुप्ता , जनपद सदस्य बिलासपुर कलमू लकडा, स्व सहायता समूह की अध्यक्ष बेलारानी गुप्ता समेत कई महिलाए औऱ पुरुष शामिल थे।

शराब दुकान का विरोध समझ से परे.. आबकारी अधिकारी

इस मामले मे जिला आबकारी अधिकारी गिरधारी राम बिंजवार ने बताया कि नई शराब नीति के तहत दुकानो के लिए जमीन चिन्हाकिंत कर लिया गया है । चिन्हाकिंत स्थान आपत्ति रहित है। अब इसका विरोध हो रहा जो समझ से परे है..  जिसमे अम्बिकापुर शहर के सुभाषनगर ,गंगापुर और बौरीपारा मे स्थित शासकीय जमीन मे शराब दुकाने बनना है। इधर बतौली के ग्रामीणो के विरोध के सवाल पर उन्होने कहा कि शासन के निर्देशानुसार टीम गठिक कर स्थल का चयन किया है। आबकारी सलाहाकार समिति की बैठक शासन के नियमानुसार हर वर्ष अक्टूबर माह मे होती है। अगर कोई दुकान बंद किया जाना होता है तो सलाहकार समिति मे जनप्रतिनिधि इस प्रस्ताव को रखते है और ये शासन के पास जाता है और शासन ये तय करती है कि कौन सी दुकान बंद करनी है कौन सी नही । वैसे इस साल दुकान बंद करने का कोई प्रस्ताव नही आया था।