टीबी की बिमारी को जड से समाप्त करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी : महापौर

सरगुजा मे ढाई महीने के अंदर मिले 150 से ज्यादा टीबी के मरीज

अम्बिकापुर

“दीपक सराठे”

विश्व क्षय रोग दिवस पर आज जिला अस्पताल से ना सिर्फ जागरुकता रैली निकाल गई बल्कि अस्पताल के ही सभाकक्ष मे एक संगोष्ठी का आय़ोजन किया गया। संगोष्ठी के दौरान चौकाने व हैरान करने वाली बात सामने आई । सरगुजा मे पिछले ढाई माह से अंदर 150 से ज्यादा टीबी के मरीजो सामने आए है। यही नही पिछले वर्ष टीबी के मरीजो का आकडा 900 पार कर चुका था और तो और उनमे खतरनाक एमडीआर टीबी से ग्रसित पांच मरीजो मे दो की मौत भी हो चुकी है। यह आकडा सरकारी विभाग का है इनमे निजी अस्पतालो का आकडा जोड दिया जाए तो स्थिती और भी भयावा हो सकती है। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि महापौर डाँ अजय तिर्की ने कहा कि टीबी को अपने क्षेत्र से जड से समाप्त करना सिर्फ विभाग के कर्मचारियो की नही बल्कि यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। टीबी को समाप्त करने के लिए हम सभी को संकल्प लेना पडेगा , उन्होने कहा कि जितनी जल्दी टीबी के मरीजो का उपचार शुरु हो जाए वह जरुरी है। अगर कोई भी हमारे आसपास ऐसा कोई व्यक्ति मिले जिसको दो सप्ताह से खांसी हो उसे अस्पताल भेजने की जिम्मेदारी हर नागरिक को लेनी पडी । तब जाकर कही हम अपने काम मे सफल हो सकेंगे। स्वास्थ विभाक के ज्वाईन डायरेक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि क्षय एक ऐसी बिमारी है जो हवा , संक्रमण, धूप से फैलती है । घर मे एक को भी अगर टीबी की बिमारी हो जाए तो उस घर के अन्य सदस्यो को होना संभावित रहता है। उन्होने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि समाज से टीबी जैसी बिमारी को दूर करने निरंतर प्रयास के बाद भी 25 प्रतिशत की आबादी भारत मे टीबी के मरीजो की है, जो दुखद बात है। उन्होने टीबी की बिमारी नियंत्रित व दूर करने सभी को संकल्प लेने की बात कही है।

विश्व क्षय रोग दिवस पर टीबी बिमारी की रोकथाम के बारे मे जिला कुष्ट व क्षय अधिकारी डाँ पी.के.सिन्हा ने विस्तार से बताया । इस दौरान डाँ प्रसाद , डाँ संजय सिंह , डाँ एस एन पैकरा, सहित विभाग के कर्मचारी व स्टाफ नर्से मौजूद थी।