गाँव के एकलौते ग्रेजुएट दिव्यांग को रोजगार सहायक भर्ती में बताया अपात्र.. फिर पात्र कौन..?

बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) जिले के शंकरगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत मुरका में रोजगार सहायक के पद पर धांधली कर भर्ती किये जाने का मामला सामने आया है,अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस समूचे भर्ती प्रक्रिया में नियमो को दरकिनार कर रोजगार सहायक की भर्ती की गई,वही अब जिला पंचायत के अधिकारी मामले की जांच कराने की बात कह रहे है।

दरसल वर्ष 2016 -17 में ग्राम पंचायत मुरका में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के रोजगार सहायक के पद पर भर्ती करने आवेदन आमंत्रित किये गए थे,लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि, इस सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया में जिम्मेदार अधिकारियों ने पारदर्शिता नही बरती ,जिसके चलते इस पद के योग्य उम्मीदवार अनूप कुमार  इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है, दोनों पैरों से दिव्यांग और स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाला अनूप कुमार आज इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल रहे जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है।

परिजनों को है मलाल

रोजगार सहायक पद के अभ्यर्थी रहे अनूप कुमार दिव्यांग होने के बावजूद भी अपनी मेहनत और लगन से स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर चुका है,यही नहीं उसकी हौसला अफजाई के लिए भी हमेशा उसका परिवार तत्पर रहता है, लेकिन उसे नौकरी नही मिल पाने का मलाल उसके परिजनों को भी है,और उसके परिजन भी न्याय की आस लिए जिले के आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके है, लेकिन उन्हें अब तक सफलता नही मिल पाई है।

गाँव मे इकलौता ग्रेजुएट,सरकारी नौकरी का मोहताज

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में रोजगार सहायक के पद भर्ती के लिए अभ्यर्थी को उसी गाँव का मूल निवासी होना अनिवार्य है,यही नही दिव्यांगों के लिए भी भर्ती नियमो में आरक्षण का प्रावधान है,ग्रामीणों की माने तो अनूप गाँव का एक अकेला अभ्यर्थी था,जो स्नातक तक कि पढ़ाई कम्प्लीट कर चुका है,और इन सबसे परे जनपद के अधिकारियों ने कैसे अनूप को अपात्र घोषित कर दिया यह समझ से परे है।

मामले की होगी जांच-टोपनो

वही जिला पंचायत सीईओ   अमृत विकास टोपनो ने   इस पूरे मामले पर ध्यान केंद्रित करते हुए,उक्त पद की भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने की बात कही है।