अनदेखी : एम्बुलेंस खडी रही … लेकिन घायल महिला तडपती रही ।

  • अस्पताल में दो एम्बुलेंस खड़ी, वाहन चालक नदारत, चिरायू वाहन से पहुचाया जिला अस्पताल
  • सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल थी महिला, जिला अस्पताल के लिए किया गया था रिफर
  • चिरायू योजना में कार्यरत वाहन के मालिक ने दिखाई मानवता पहुचाया जिला अस्पताल

[highlight color=”black”]कोरिया[/highlight] [highlight color=”red”]( सोनहत से राजन पाण्डेय )[/highlight]

विकासखंड सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनहत में एक बार फिर से भारी अब्यवस्था का आलम देखने को मिला जब गंभीर रूप से घायल महिला को जिला अस्पताल रिफर किया गया और अस्पताल परिसर में दो वाहन खड़ी होने के बावजूद उस महिला को जिला अस्पताल ले जाने के लिए शासकीय वाहन नही मिल पाया। ज्ञात हो की रामगढ निवासी लगभग 30 वर्ष की स्कूूटी सवार महिला कुशल को रामगढ से सोनहत आते वक्त केकड़ा कोड़ा घाट के पास अज्ञात वाहन ने ठोकर लगा दिया था जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी तभी उसके साथ मौजूद साथी ने रामगढ वापस जा कर रामगढ से एम्बुलेंस की व्यवस्था बनाई और उसे सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया जहां काफी देर तक उसका उपचार किया गया तद उपरांत जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया। रिफर करने के बाद उक्त महिला को वाहन न मिलने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल की अव्यवस्था का आलम यह था की अस्पताल परिसर में दो एम्बुलेंस खड़ी थी लेकिन कोई भी वाहन चालक मौके पर डयूटी में नही था और न ही कोई जिम्मेदार कर्मचारी जो उस महिला की मदद कर सके । स्थिती खराब होती देख वहां पर ग्राम वासीयों का जमावड़ा लगने लगा और अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े होने लगे। तभी सोनहत क्षेत्र में चिरायू योजना में संलग्न वाहन के मलिक राजन पाण्डेय ने मानवता का परिचय देते हुए स्वयं उस महिला को अपनी वाहन में लगभग 4.30 बजे जिला अस्पताल पहुचाया गया साथ ही स्थानीय सोनहत क्षेत्र के ग्रामीण कार्तिकेय शर्मा प्रमोद चैधरी व लवप्रताप सिंह ने भी मानवता का परिचय देते हुए उक्त महिला की मदद की और उसके साथ जिला अस्पताल तक गए।

108 के मत्थे विकासखंड
सोनहत क्षेत्र में आलम है की यदि 108 नही है या किसी दूसरे केश को लेने पहुचाने गई है तो अस्पताल से एम्बुलेंस मिलेगी या नही इसकी कोई गारंटी नही है। सोनहत विकासखंड में मरीज को एम्बुलेंस नही मिलने का यह पहला मामला नही पुर्व में भी कई बार ऐसी घटनाए हुई है जब सोनहत के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चंदा कर के मरीज को जिला अस्पताल भेजने के लिए निजी वाहन की व्यवस्था बनाई हे। कुल मिलाकर यह कहना गलत नही है की पूरा विकासखंड 108 के उपर ही निर्भर है। कहने को तो सोनहत अस्पताल में दो दो एम्बुलेंस खड़ी है लेकिन या तो उसमें कुछ खराबी की बात कह दिया जाता है या फिर वाहन चालक अनुपस्थित रहता है। वही वाहन चालकों की अस्पताल में अनुपस्थिती से ग्राम जनों में आक्रोश का आलम निर्मित होने लगा है ग्राम जनों ने ऐसे गैर जिम्मेदार कर्मचारीयों पर कार्यवाही की मांग किया है।

अमृत लाल ध्रुव , एस डी एम सोनहत

मामले की जानकारी मिली है वाहन चालक को अस्पताल में उपस्थित रहना चाहिए मामले की पूरी जानकारी लेकर उचित कार्यवाही की जावेगी।

पुष्पेन्द्र राजवाड़े, सोनहत

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनहत में दिन प्रति दिन अव्यवस्थाएं हावी होती जा रही है एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सुविधा का नही मिलना खेद जनक है इससे पहले भी कई मामले ऐसे आए है जब सामुहिक जन सहयोग से मरीजों को जिला अस्पताल भेजा गया है। इस मामले पर जांच एवं कार्यवाही होनी चाहिए