रायपुर : श्रेष्ठ कार्यों से अपनी पहचान बनाएं विद्यार्थी : राज्यपाल : मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह संपन्नपुर : श्रेष्ठ कार्यों से अपनी पहचान बनाएं विद्यार्थी : राज्यपाल : मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह संपन्न

राज्यपाल श्री बलरामजी दास टण्डन ने आज यहां रायपुर में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा (2013-14) में प्रावीण्य सूची में आए मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
राज्यपाल श्री टंडन ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर बच्चे में विशेष गुण होते हैं, हमें उन्हें पहचानने एवं बढ़ावा देने की जरूरत है।

अभिभावकों का यह दायित्व है कि वे बच्चों की रूचि के अनुरूप उनके गुणों को बढ़ावा दें। आज शिक्षा के क्षेत्र में संभावनाओं के अनेक द्वार हैं। विद्यार्थियों को अपनी पसंद के अनुरूप अध्ययन के क्षेत्र चयनित करने के लिए उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे नींव का पत्थर है और एक अच्छे भवन के लिए उसके बुनियाद का मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों पर शिक्षकों का गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए शिक्षक अपने आचरण एवं व्यवहार से उच्च आदर्श रखें। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि श्रेष्ठजन जो राह बना जाते हैं, आने वाली पीढ़ियां उनका अनुकरण करती हैं। अपने उत्तम कार्यों से अपनी पहचान बनाएं तथा देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करें। राज्यपाल ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की तथा उनकी इस उपलब्धि के लिए उनके अभिभावकों एवं गुरूजनों को शुभकामनाएं दी।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह सम्मान केवल विद्यार्थियों का ही नहीं है, बल्कि उनके अभिभावकों एवं गुरूजनों का भी है, जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से बच्चों को इस मंजिल तक पहुंचाया है, लेकिन अभी सफलता के ऐसे और भी आयाम प्राप्त करना शेष है। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि विगत वर्षों में प्रावीण्य सूची में आने वाले बच्चों ने बाद में भी आगे की कक्षाओं में अपने अध्ययन की गुणवत्ता को बनाए रखा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जिस क्षेत्र में भी कार्य करें, उसमें विशिष्टता हासिल करें। श्री कश्यप ने कि शासन की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जा रही है। आगामी वर्षों से 10वीं कक्षा के लिए यह प्रोत्साहन राशि 25 हजार से बढ़ाकर 35 हजार तथा 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार की जाएगी, वहीं 12वीं कक्षा के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि 1 लाख से बढ़ाकर 1 लाख 10 हजार प्रदान की जाएगी।

माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री के. डी. पी. राव ने कहा कि बच्चे आशादीप के समान हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बच्चों की प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए लगभग एक करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा सचिव श्री सुब्रत साहू सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक तथा शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव श्री अनिल राय ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने 2013-14 में कक्षा दसवीं में प्रावीण्य सूची में पहला स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 25 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को रजत पदक, दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि एवं अन्य विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। दसवीं कक्षा के ही विशेष पिछड़ी जनजातियों, अबूझमाड़िया, बैगा, बिहोर, कमार तथा पहाड़ी कोरवा विद्यार्थियों को अपने वर्ग में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया। बारहवीं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। विभिन्न संकायों में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 25 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया। बारहवीं कक्षा के ही विशेष पिछड़ी जनजातियों के विद्यार्थियों को अपने वर्ग में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 25 हजार रूपए की राशि से सम्मानित किया गया। श्री अंकित सिंह परिहार स्मृति सम्मान के तहत हायर सेकेण्डरी परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 11 हजार रूपए की राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सम्मान के लिए एक पुष्प पर्याप्त
इस अवसर पर राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि बगीचा में खिले पुष्प हजारों लोगों को प्रेरणा देने का स्रोत है। बगीचे के इन पुष्पों का सौंदर्य एवं शोभा ऐसे ही बनी रहे और सुरक्षित बना रहे। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि किसी भी विशिष्ट अतिथि के आगमन पर आदर प्रकट करने के लिए एक पुष्प पर्याप्त है।