अम्बिकापुर की अपूर्वा ने लिखा : सीएम अंकल प्लीज कुछ करिए.. बस्ते के बोझ से मेरा कंधा दुखता है…

रायपुर/अम्बिकापुर 

“रमन के गोठ”कार्यक्रम की आज ग्यारहवी कड़ी प्रसारित की गई,,लेकिन इस कार्यक्रम में रमन सिंह उस वक्त स्तब्ध रह गए जब उन्हें कक्षा सातवीं की अपूर्वा की चिट्ठी मिली,,यह चिट्ठी सरगुजा के खैरबार से सातवी की छात्रा अपूर्वा दीक्षित ने लिखी थी,,अपूर्वा ने लिखा की सीएम् सर कुछ कीजिये बस्ते के बोझ से मेरा कंधा दुखता है !

जाहिर है की छत्तीगढ़ का बचपन बस्ते के बोझ तल दबा जा रहा है,, यहाँ के निजी विद्द्यालायो के द्वारा बच्चो से मजदूर के जैसे बस्ते का बोझ उठाने पर मजबूर कर दिया है,,जिन विषयो की पढ़ाई भी नहीं होती उन विषयो का बोझ भी रोजाना स्कूल ले जाना होता है ! यह कहानी महज सरगुजा के अपूर्वा की ही नहीं है बल्की पूरे प्रदेश के छात्र छात्राओ को यह दर्द झेलना पड़ रहा है,, वैसे बच्चो के इस दर्द को अम्बिकापुर में संचालित सेमरॉक प्ले स्कूल ने महसूस किया है,, और इस स्कूल में बच्चो से नाजायज बस्ते का बोझ नहीं उठावाया जाता जिस दिन जिस विषय की पढ़ाई होनी है सिर्फ उसी विषय को लेकर छात्र स्कूल जाते है,, लिहाजा सभी शिक्षण संस्थानों को इनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है !

रेडियो वार्ता में अपूर्वा के पत्र का उल्लेख करते हुए सी एम् ने कहा की मै अपूर्वा की बात से सहमत हु,,स्कूली बच्चो के कंधो से बोझ हटना चाहिए इसके लिए मैंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है !

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