Big Breaking: जाजवल्यदेव लोक महोत्सव में बड़े घोटाले की आशंका… मीडिया के लिए आया प्रचार-प्रसार की राशि को जिला प्रशासन ने किया हजम… प्रचार की राशि को किया गया कटौती… मीडिया के साथियों में रोष… मुख्यमंत्री से होगी शिकायत…

जांजगीर चांपा। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार में लगाम लगना शुरू हो गया है. बाऊजुद जांजगीर चांपा जिला प्रशासन द्वारा बड़े घोटाले की बात सामने आ रहा है. जाजवल्यदेव लोक महोत्सव एवं कृषि एग्री टेक मेला आयोजन समिति एवम जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाता है. इस बार मीडिया के लिए आया प्रचार प्रसार की राशि को जिला प्रशासन नए प्रयोग कर हजम करने का प्रयास किया है. प्रचार प्रसार की राशि को कटौती कर वितरण किया गया है। लोक महोत्सव में जिस उद्देश्य के लिए यह राशि का उपयोग किया जाना था उस राशि का उपयोग प्रचार प्रसार में न करके मीडिया को कटौती करके वितरण किया जा रहा है. जिसको लेकर समस्त मीडिया साथियों में रोष है. वही शासन से इसकी शिकायत मीडिया के साथियों द्वारा की जाएगी एवं इस पर संलिप्त कर्मचारियों एवं अधिकारीयो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।

लोक महोत्सव लगातार कई वर्षों से जिले में होता आ रहा है जिसमें प्रशासन द्वारा प्रचार प्रसार के लिए एक निश्चित राशि खर्च करती है. लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन नए प्रयोग कर विवाद की स्थिति पैदा कर दी हैं। महोत्सव संपन्न के बाद प्रचार प्रसार न कर मीडिया को राशि नगद वितरण किया जा रहा है. उसमें भी राशि की कटौती कर दी जा रही. इस लोक महोत्सव के लिए जिला प्रशासन के पास जिले के सभी उद्योग एवं जिला कार्यालय से बड़े मात्रा में राशि एकत्रित की जाती है. वहीं मेले में आए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं दुकानदारों, मीना बाजार, झूला वालों से लाखों वसूली होती है. बाऊजुद महोत्सव में हुए आय व्यय का कोई हिसाब किताब नहीं रहता. अपने चहेते प्रतिष्ठानों को इस महोत्सव में काम दे दिया जाता है. कमीशन के चक्कर में प्रशासन द्वारा एक ही प्रतिष्ठानों को टेंट, भोजन, पानी सभी व्यवस्थाओं के लिए दे दिया जाता है. जिसके चलते कई बार सवाल खड़े हुए हैं. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन पर कोई असर नही हुआ है। जिसके चलते महोत्सव में हमेशा विवाद का विषय बना रहता है।

जिला प्रशासन करता है हर वर्ष नए-नए प्रयोग..

जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष जब भी मीडिया में मेले के विषय में प्रचार प्रसार की बात आती है नए नए प्रयोग किए जाते है. मीडिया को बदनाम करने की कोशिश जिला प्रशासन की रहती हैं. खुद जिला प्रशासन विवाद की स्थिति पैदा करता है और मीडिया के ऊपर जिम्मेदारी मढ़ता है. जिसके चलते हमेशा जिला प्रशासन और मीडिया के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है. इस बार भी प्रचार प्रसार की राशि को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई. प्रचार प्रसार न करके मीडिया के राशि को कटौती करके वितरण करने की बात पर विवाद की स्थिति बन गई है. समय रहते हैं अगर जिला प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो निश्चित ही मीडिया के साथी द्वारा इसकी शिकायत शासन से करने की बात कह रही है.

राशि पाने मीडिया कर्मीयो ने पत्नी, भाई,भतीजा का बनाया पत्रकार…

जाजवल्यदेव लोक महोत्सव में जिले के कुछ पत्रकार इस हद गिर गए की अतिरिक्त राशि पाने के लालच में अपने पत्नी, भाई, भतीजा को पत्रकार बना दिया। जिसके चलते निष्ठावान पत्रकार को शर्मशार होना पड़ा है। जिला प्रशासन द्वारा एक पत्रकार को उसके संस्थान के नाम पर एक निश्चित राशि तय की गई है लेकिन पैसे की लालच में कुछ पत्रकारों की इस हरकत से सभी को शर्मशार होना पड़ा है।