मुखिया जी के पैकेट को लेकर मिल रही शिकायतें.. और विभाग की मौन स्वीकृति एक साथ कई संदेह को दे रहा जन्म.. नियमो की खुलेआम अनदेखी!..

बलरामपुर.. छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसे उत्तर सरगुजा में इन दिनों बगैर बेच नम्बर के एक गुटखा “मुखिया जी” भारी तादाद में खपाई जा रही है..और खाद्य औषधि प्रशासन की विभाग की मौन स्वीकृति की वजह से यह कारोबार फल फूल रहा है..

दरअसल एक शिकायतकर्ता ने नाम प्रकाशित नही करने की शर्त पर यह बताया है.की जिस तरह से वह गुटखा खपाया जा रहा है..उसकी पैकिंग पर एक नही कई सवालिया निशान लगा देता है.मुखिया जी के पैकेट में ना ही बैच नम्बर का कोई उल्लेख है..और ना ही पैकिंग डेट का ..ऐसे में यह गुटखा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के मानकों पर खरा नही उतरता ..और यह कोटपा एक्ट 2003 व खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का खुले आम उलंघन है..बावजूद इसके इस सम्बंध में मिल रही शिकायतों को खाद्य औषधि प्रशासन विभाग द्वारा नजर अंदाज किया जाना कई सन्देहों को जन्म दे रहा है..

बता दे कि वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने गुटखा बिक्री को लेकर गाइड लाइन जारी की थी..यही नही सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से गुटखों के जर्दे बाजार में बेचे जा रहे है..उसपर प्रतिबन्ध लगाया था..यहाँ सबसे अहम बात यह है..की मुखिया जी के साथ जो जर्दा बाजारों में उपलब्ध है..वह भी संदेह के घेरे में है..लिहाजा इस सम्बंध में खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन विभाग के स्थानीय अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई ..लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उनसे संपर्क नही हो पाया ..

बहरहाल मुखिया जी को लेकर एक के बाद एक मिल रही शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नही होने से शिकायतकर्ताओ में आक्रोश व्याप्त है..और अब वे इस मसले पर राजधानी का रुख करने वाले है..