मंत्री कपिल मिश्रा को पद से हटाकर केजरीवाल ने खडी कर ली मुश्किलें…टैंकर घोटाले के साथ दो करोड़ लेने का आरोप

नई दिल्ली

 

पंजाब और गोवा के बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के सदमे से आम आदमी पार्टी उबर भी नहीं पाई थी कि मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने आज सीधे अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल दिया। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को घेरते हुए बड़ा राज खोला। उन्होंने कहा कि मैंने खुद सत्येंद्र जैन को अरविंद केजरीवाल को 2 करोड़ रुपये लेते देखा था।

कपिल ने राजघाट पर पत्रकार वार्ता में कहा कि 2 करोड़ मंत्री सत्येंद्र जैन ने मेरे सामने अरविंद केजरीवाल को दिए। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में केजरीवाल भी शामिल हैं। सत्येंद्र जैन को जेल भिजवा कर दम लेंगे। अभी तक मैं मान रहा था कि केजरीवाल ईमानदार है।

मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी बिखर गई है। उन्होंने कहा कि मैंने मंत्री बनने के एक महीने के भीतर सीएम को चिट्ठी लिखी। मैंने 400 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही। कल (शनिवार) ही मैंने एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख से मिलने का वक्त मांगा, जिसके बाद मुझे मंत्री पद से हटा दिया गया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद से ही कपिल मिश्रा के तेवर तीखे हो गए थे। इसी कड़ी में रविवार को AAP नेता कपिल मिश्रा ने राजघाट के पास पत्रकार वार्ता कर बड़ा खुलासा कर डाला।

इसके साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपने जल मंत्री कपिल मिश्रा को दिल्ली कैबिनेट से और साथ ही दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष पद से हटा दिया। पानी की सप्लाई में कुप्रबंधन के आरोप के बाद मिश्रा को उनके पद से हटाया गया, वहीं कपिल मिश्रा का कहना है कि टैंकर घोटाले में कार्रवाई की मांग की वजह से उन्हें पद से हटाया गया। वही दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा है की बिना सर पैर का आरोप है उस पर किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया जा सकता… वही इन आरोपों के बाद भाजपा और कांग्रेस ने अरविन्द केजरीवाल से स्तीफे की मांग की है..

 

जानिए ‘टैंकर घोटाले’ के बारे में ये जरूरी बातें

1. 400 करोड़ रुपये का यह घोटाला उस समय चर्चा में आया जब कांग्रेस की शीला दिक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं। शीला 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं।

2. कथित घोटाले में निजी वॉटर टैंकरों को किराए पर लेने में अनियमितताएं शामिल थीं, जो डीजेबी के पाइपलाइन नेटवर्क से बाहर थे।

3. जिस समय यह घोटाला हुआ, उस समय शीला दिक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री ही नहीं थीं, बल्कि दिल्ली जल बोर्ड की चेयरपर्सन भी थीं।

4. जून 2015 में आप सरकार ने फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन किया। जिसमें मंत्री कपिल मिश्रा को मामले की जांच के लिए कमिटी का प्रमुख बनाया गया।

5. कमिटी ने 2015 अगस्त में अपनी रिपोर्ट सब्मिट की और बताया कि 400 करोड़ रुपये का यह घोटाला 2012 में हुआ था।

6. रिपोर्ट में कहा गया कि प्राइवेट कंपनियों से 385 वॉटर टैंकर को हायर करने में पक्षपात किया गया।

7. अगस्त 2015 में, मिश्रा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को लिखकर जानकारी दी कि यह रिपोर्ट सिर्फ दिक्षित सरकार के लोगों को ही नहीं बल्कि आप सरकार के लिए भी मुश्किल खड़ी कर सकती है।

8. कमिटी ने इस रिपोर्ट की एक कॉपी तब के एलजी नजीब जंग को भी भेजी और उनसे मामले में सीबीआई या एंटी करप्शन ब्रांच से जांच कराने की मांग की गई।

9. जंग ने यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के एंटी करप्शन ब्रांच को भेज दी। जून 2016 में एसीबी ने कथित मामले में एफआईआर दर्ज की।

10. मिश्रा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के लोगों को बचाने के लिए केजरीवाल घोटाले की रिपोर्ट दबा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल से मिले और बताया कि टैंकर घोटाले की रिपोर्ट आम करने के लिए वह और इंतजार नहीं कर सकते हैं। केजरीवाल से मुलाकात के बाद मिश्रा को डीजेबी के पद से हटा दिया गया था।

https://fatafatnews.com/2017/05/08/kapil-mishra-suspended-from-aam-aadmi-party/