पत्रकारिता के नाम कर रहे अवैध वसूली.. न्यूज चैनल नाम से लुट रहे लोगो को ..जाने क्या करते है ऐसे तथा कथित पत्रकार…


जांजगीर चांपा। जिले में इन दिनांें पत्रकारिता के नाम कथाकथित पत्रकार बन घुम रहे कुछ लोग आम लोगो को लुट रहे है। जिले मे आये दिन किसी न किसी माध्यम मे लोग ठगे जा रहे है। शासकीय कार्यालय हो या महिला सहायता समुह या धान खरीदी केन्द्र इन सभी जगहो पर कर्मचारी तथा कथित पत्रकारो से परेशान है। इन लोगो द्वारा न्युूज चैनल नाम से लोगो को ब्लेक मेल, धमकी भी दे रहे है। जबकि इन लोगो का पत्रकारिता से दूर – दूर से कोई नाता नही है। सिर्फ नाम के न्यूज चैनल पर अपना धंधा चमका रहे है। इससे जो पढे लिखे पत्रकार जो रोज मेहनत व ईंमानदारी से न्यूज कव्रेज कर रहे वे भी इन सब के कारण बदनाम हो रहे है। पत्रकारिता के पढाई किये बैगर, चैथी आठवी पास लोग इस लाइन मे आकर अपने आप को बडे मिडिया संस्थान का ब्यूरो चीप समझ रहे हैं। और इसी पद का दूर्रपयोग कर अपनी रेाटी सेक रहे । प्रशासन को चाहिए ऐसे लोगो पर सक्त कार्रवाई की जाय। वही अपने आप बडे न्यूज चैनल को ब्यूरो चीप समझने वाले पत्रकारिता का क, ख, ग, नही जानते , नही पढे लिखे है। कोई ड्राइवर पत्रकार बन गया है तो कोई हाॅटल वाला तो कोई किसी अन्य काम को एक नंबर से दो नंबर बनाने पत्रकारिता का गलत इतेमाल कर रहा है। ऐसे लोग जो बाहर से आकर शहर मे पत्रकारिता को खराब कर रहे है जल्द इन पर सक्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कई ऐसे लोग भी जो अपने न्यूज चैनल को नाम खराब करने मे लगे है। उनको न तो खबरो से कोई लेना देना रहता है न ही जन सरोकार से, उनका एक ही उदेश्य होता पैसे की वसुली । आये दिन महिला सहायता समूहो, धान मंडियों, निजी स्कूल संचालको, का शिक्षाकर्मीयों को अपना शिकार बनाते देखा गया है। जिस तथा कथित पत्रकार बन शहर मे घुम रहे हैं वो पत्रकारिता को हिन्दी मे भी ठीक से लिख नही पाते है। जो आज चार पहिया वाहन मे घुमकर अपने आप को बडे पढे लिखे पत्रकार समझ रहे है। वही शहर में ये लोग देह व्यपार के कारोबार मे भी सलिप्त होते है। अब दिन दुर नही ऐसे लोगो के खिलाफ कार्रवाई करने की , जल्द से जल्द ऐसे लोग अब बेनकाब होने वाले है, तभी इस जिले में साफ सुथरा पत्रकारिता हो सकती है।
पत्रकारिता के नाम पर करते है गोरखधंधा….
जिले मे इन दिनो तथाकथित पत्रकार जो अपने न्यूज चैनल के नाम से लोगो डराते धमकाते हैं ऐसे लोग पत्रकारिता के आड़ में अवैध करोबार में शामिल हैं जो अपना काम मे रौब दिखाने पत्रकार बने घुम रहे हैं । जिले मे कई दिख जायेगे जिन्हे न तो समाचार लिखने आता और न ली पत्रकारिता को कोई संस्थान से पढाई किये है, लेकिन अपने आप को पत्रकार मान कर अवैध वसूली कर पत्रकारिता को खराब कर रहे।