इस शहर मे भी लाईन लगकर विसर्जन को जाते हैं गणेश भगवान!…

अम्बिकापुर ..छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव का एक अलग ही महत्व है..गणेश पूजा की परंपरा समूचे भारत समेत छत्तीसगढ़ में मनाई जा रही है..तो वही प्रदेश की राजधानी रायपुर की तर्ज पर प्रदेश के उत्तरी हिस्से मे बसा सरगुजा मुख्यालय अम्बिकापुर में भी एक ऐसी व्यवस्था की गई है..जो काबिले तारीफ है..जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है..

बता दे की सरगुजा मुख्यालय अम्बिकापुर में गणेशोत्सव के 11 वे दिन भगवान गणेश की मूर्ति की विर्सजन की जाती है..इस दौरान विभिन्न गणेश पंडालों से भगवान गणेश की मूर्तियां निकली जाती है..जिसे झांकी का आकार देते हुए एक रैली की शक्ल में निर्धारित मार्ग से होते हुए चिन्हाकित तालाब में विसर्जित की जाती है..इसमें सबसे अहम बात यह है की स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद से शांति व्यवस्था और कानून व्यवस्था बनाए रखने का बेहतर काम किया जाता है. गणेश विसर्जन की झांकियों को पुरष्कार दिए जाते है..और यह परंपरा चार वर्षों से निर्बाध रूप से जारी है..

वही इस बार विभिन्न गणेश पूजा समितियों द्वारा गणेश पंडालों में पिछले 11 दिनों से विराजित भगवान गणेश की प्रतिमा झांकियों की शक्ल में नगर के घड़ी चौक से होते हुए रैली की तर्ज पर बाजे गाजे के साथ निकाली जाएगी..और हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खूबसूरत सजावट वाले गणेश पंडालों को मूर्तियों के आधार पर बड़े पंडालों के लिए प्रथम पुरूस्कार 11000 , दूसरा 5000 , और तीसरा 3100 तो वही छोटे पंडालों के लिए प्रथम 5100 , द्वितीय 3100 और तृतीय पुरस्कार के लिए 1100 का पुरूस्कार निर्धारित है .

इसके अलावा शहर के लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक गणपति स्थापना समिति के द्वारा आज शाम पांच बजे से जागरण और भण्डारे के कार्यक्रम की व्यवस्था की गई है.. शहर मे इस परंपरा और सोच को साकार करने वाली इस समिति के संरक्षक भारत सिंह सिसोदिया, राजीव अग्रवाल, निलेश सिह,सयोंजक हरमिंदर सिंह, सह संयोजक मे आकाश गुप्ता, सिद्धार्थ मिश्रा, राहुल अग्रवाल, सुधाकर सिह (चुन्नू), अनीश सिह,अंशुल श्रीवास्तव, प्रियेश अग्रहरि समेत शहर के गणमान्य नागरिक गण शामिल है.