Wednesday, December 4, 2024

कान्हा… साल और बांसों से भरा कान्हा का जंगल

0
  कान्हा साल और बांसों से भरा कान्हा का जंगल, झूमते-लहराते घास के मैदानी और टेड़ी-मेढ़ी बहने वाली नदियों की निसर्ग भूमि है। सन् 1955 में...

बांधवगढ़.. सफेद शेर की मातृभूमि बांधवगढ़

0
  बांधवगढ़ शहडोल जिले में विंध्य पर्वत माला की दूरस्थ पहाड़ियों में 448 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला छोटा किन्तु सघन राष्ट्रीय उद्यान है। सफेद शेर...

भोपाल.. ताल,महल और मस्जिदों को शह़र…

0
भोपाल ग्यारहवीं सदी के भोजपाल तथा तत्पश्चात् भूपाल नामक इस नगर को परमारवंशी राजा भोज ने बसाया था। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक बहुरंगी तस्वीर...

ओंकारेश्वर….. ऊँ की पवित्र आकृति स्वरूप..द्वादश जयोतिर्लिंगों में से एक

0
  ओंकारेश्वर तथा महेश्वर ओंकारेश्वर:-ऊँ की पवित्र आकृति स्वरूप यह द्वीप सदृश मनोरम स्थल अनंतकाल से तीर्थ के रूप में मान्य है। यहां नर्मदा-कावेरी के संगम पर...

शिवपुरी…. सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी

0
  शिवपुरी ग्वालियर रियासत के सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी रह चुकी शिवपुरी आज भी अपने सुन्दर राजप्रासादों तथा संगमरमर से निर्मित अलंकृत छतरियों के द्वारा...

ग्वालियर.. अनेक राजवंशों का आश्रय स्थल

0
  ग्वालियर ग्वालियर राज्य की यह पुरातन राजधानी आज भी अपने प्राचीन वैभव की कहानी कह रही है। ग्वालियर शहर सदियों तक अनेक राजवंशों का आश्रय...

अमरकंटक.. नर्मदा और सोन नदियों का यह उद्गम आदिकाल से ऋ़षि-मुनियों की तपोभूमि

0
  अमरकंटक भारत की प्रमुख सात नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकण्टक प्रसिद्ध तीर्थ और नयनाभिराम पर्यटन स्थल है। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले...

चित्रकूट…… ब्रम्हा, विष्णु, महेश के बाल अवतार का स्थान

0
  चित्रकूट प्राचीन काल में तपस्या और शांति का स्थल चित्रकूट ब्रम्हा, विष्णु, महेश के बाल अवतार का स्थान माना जाता है। वनवास के समय भगवान...

भेडाघाट.. संगमरमरी चट्टानों का गढ

0
  भेड़ाघाट भेड़ाघाट (जबलपुर) में संगमरमरी चट्टानों पर तेज प्रवाह से गिरता नर्मदा नदी का जल पर्यटकों को आकर्षित करता है। जबलपुर से 21 कि.मी. दूर...

उज्जैन… महाकाल और कालभैरव

0
  उज्जैन पुण्य-सलिला क्षिप्रा के पूर्वी तट पर स्थित भारत की महाभागा नगरी उज्जयिनी को भारत की सांस्कृतिक-काया का मणि-चक्र माना गया है। पुराणों में उज्जयिनी,...