पर्यावरण शुल्क के नाम से बेरियर लगा धड़ल्ले से जारी है वसूली

पंचायत के नाम पर पुलिस और जनप्रतिनिधि कर रहे वसूली

मौके पर जाने के बाद भी एसडीएम ने नहीं की कार्यवाही

अंबिकापुर

अम्बिकापुर प्रतापपुर मार्ग में धरमपुर  के पास महान दो कोयला खदान से आने वाली ट्रकों से पर्यावरण शुल्क के नाम पर अवैध वसूली धड़ल्ले से जारी है। पंचायत के नाम पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पुलिस द्वारा प्रति ट्रक सौ रूपए से अधिक की वसूली की जानकारी मिली है,कमाल की बात तो यह  है कि प्रतापपुर एसडीएम ने शिकायत के बाद मौके पर जाकर भी कार्यवाही नहीं की। मिली जानकारी के अनुसार विकास खण्ड प्रतापपुर के ग्राम पंचयत मदननगर ने नियम कायदों को तक में रख धरमपुर मुख्य मार्ग में महान दो कोयला खदान से आने वाली ट्रको से पर्यावरण शुल्क के नाम पर अबैध वसूली के लिए बेरियर लगा दिया है | बेरियर नाम तो पंचायत का है लेकिन सुत्रो के अनुसार अवेध वसूली का यह पूरा खेल स्थानीय छुटभईया नेताओं द्वारा खेला जा रहा है जो पर्यावरण शुल्क के नाम पर वाहनों से सौ या उससे अधिक की वसूली बैखोप कर रहे हैं सबसे बड़ी बात तो यह है की पूरी तरह अबैध वसूली होने के बावजूद इस बेरियर में मनमानी वसूली हो रही है वह भी पुलिश व जिला प्रशासन की जानकारी में | सूत्रों के अनुसार वहा अबैध वसूली करने वालो ने पुलिश व प्रशाशन से प्रति ट्रक लेनदेन की सेटिंग कर ली है जिसके कारण बिना रोक टोक वसूली जरी है कुछ दिनों पूर्व एसडीएम प्रतापपुर जगन्नाथ वर्मा शिकायत के बाद मौके पर गए किन्तु सब कुछ देखते हुए भी बिना कार्यवाही के बैरंग वापस आ गए | नियमतः तो जानकारी होने के बाद एसडीएम साहब को इस अवेध वशुली के खिलाफ कार्यवाही करते हुए पंचायत के विरुद्ध धारा 40 के तहत कार्यवाही कर सरपंच को बर्खास्त , सचिव व छुटभईया नेताओ की पहचान कर उनके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करना था किन्तु जब एसडीएम साहब ही वह से बैरंग लौट गए तो अबैध वाशुली करने वालों का मनोबल बढ़ा हुआ है |

पर्यवान शुल्क का पंचायत को नहीं है अधिकार

छुटभईया नेताओं के दबाव में पंचायत ने पर्यावरण शुल्क के नाम पर अबैध वसूली के लिए धारा 77 का उलेख करते हुए अपना अधिकार बताया है जबकि पीडब्लूडी की सड़क पर किसी अन्य को किसी भी प्रकार का शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है | पंचायत सिर्फ पंचायत की सड़क पर ही इस धारा के तहत वसूली कर सकती है लेकिन इसके लिए भी पुरे नियमों का पलान करना होता है | इसके लिए पंचायत से प्रस्ताव पारित कर इस्तहार जारी कर गाव में ढिंढोरा पिटवा सभी को जानकारी दें तथा दावा आपत्ति का समय दिया जाता है कोई आपत्ति ना होने पर जनपद कार्यालय से अनुसंशा करनी होती है उसके बाद ही ग्राम पंचायत सड़क पर वसूली कर सकता है किन्तु यह मात्र पंचायत की ही सड़क पर ही लागू होता है ना की पिडब्लूडी की सड़क पर |

पंचायत के खाते की हो जांच

पर्यावरण शुल्क के नाम पर पंचायत व छुटभैया नेताओं द्वारा बड़ा खेल खेला जा रहा है जितनी भी ट्रकों से राशि वसूली जा रही है वह पंचायत के खाते में न जा सरपंच सचिव , नेताओ , अधिकारीयों व पुलिश के पास जा रहा है | महान दो से जितनी भी ट्रकें कोयला लेकर निकली व कितने ट्रकों का पैसा पंचायत के खाते में जमा हुआ इसकी जांच हो तो सब दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा | मिली जानकारी के अनुसार बेरियर में वाशुली करने वालों के द्वारा चालकों के साथ गुंडा गर्दी भी की जाती है समय से पाहिले आने पर व ओवर लोड का दबाव बना पुलिश कार्यवाही का डर दिखा भरी भरकम राशी वाशुली की जाती है |

 

जांच करवाता हु अडिशनल एसपी

सूरजपुर जिले के अडिशनल एसपी एसआर भगत ने काहा की सिकायत नहीं मिलने के कारण उन्हें इसकी जानकारी नहीं है लेकिन एसा है तो यह गैर क़ानूनी है वे तत्काल इसकी जांच कराएंगे |

एस डी एम् जरनाथ वर्मा

ग्राम पंचायत को पर्यावरण एवं विकाश शुल्क लेने का अधिकार नहीं है, जांच कर के कार्यवाही की जाएगी