5 जून में लगने जा रहा साल का बड़ा ग्रहण.. जानिए होने वाले ग्रहणों की पूरी जानकारी

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अध्यात्म डेस्क. जून का महीना ज्योतिष के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस महीने में दो बड़ी खगोलीय घटनाएं एक साथ होने जा रही हैं। इसका आरंभ महीने के पहले सप्ताह में ही हो रहा है। 5 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन साल 2020 का दूसरा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण 5 और 6 जून की मध्य रात्रि के बीच होने जा रहा है। इसके ठीक 16 दिन बाद साल का पहला सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है। ऐसे में यह महीना काफी उतार चढ़ाव भरा हो सकता है और इसका प्रभाव देश दुनिया पर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है।

5 जून को चंद्रग्रहण का प्रभाव

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 5 जून को है। इस दिन मध्य रात्रि में 11 बजकर 16 मिनट से ग्रहण का आरंभ हो जाएगा और रात 2 बजकर 34 मिनट पर यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा। इस ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा लेकिन इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा कहीं से कटेगा नहीं यानी चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। यह अपने पूर्ण आकार में आसमान में चलते नजर आएंगे। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छवि मलिन हो जाएगी। यानी चांद कुछ मटमैला सा दिखेगा। इसकी वजह यह है कि यह वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं है यह एक उपछाया चंद्रग्रहण है। इससे पहले 10 जनवरी को ऐसा ही चंद्रग्रहण लगा था।

21 जून को साल का पहला सूर्यग्रहण

साल 2020 का भारत में दिखाई देने वाला एक मात्र सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है। 21 तारीख को सुबह 9 बजकर 15 मिनट से यह ग्रहण आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण का परमग्रास 99.4 प्रतिशत रहेगा, यानी कुछ स्थानों पर सूर्य पूरी तरह छुप जाएगा। यह ग्रहण करीब 5 घंटे, 48 मिनट 3 सेकंड का रहेगा। इस ग्रहण का व्यापक प्रभाव भारत, दक्षिण पूर्वी यूरोप, अफ्रीका, अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान, वर्मा पर दिखाई देगा। इस ग्रहण के कारण भारत का पड़ोसी देशों से संबंध प्रभावित हो सकता है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सरकार का प्रयास बाधित होगा। कोरोना से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो सकते हैं जिससे सरकार को नई रणनीति तैयार करनी होगा।

5 जुलाई चंद्रग्रहण का प्रभाव

जून में लगने वाले 2 ग्रहण के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में साल का तीसरा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भी पूर्ण या आंशिक चंद्रग्रहण नहीं होगा है। यह भी पिछले दोनों चंद्रग्रहण की तरह उपछाया चंद्रग्रहण होगा। लेकिन यह भारत में दृश्य नहीं होगा क्योंकि चंद्रग्रहण के समय भारत में सूर्योदय हो चुका होगा। इसलिए इस ग्रहण का भारत पर बहुत प्रभाव नहीं दिखेगा।

साल 2020 का अंतिम ग्रहण

साल 2020 में अंतिम ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। यह ग्रहण सूर्यग्रहण होगा। लेकिन भारत के लिए यह अधिक प्रभावी नहीं होगा क्योंकि यह भारत में दृश्य नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि ग्रहण आरंभ होने से पहले ही भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा और आधी के समय ग्रहण समाप्त भी हो चुका होगा।

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ज्योतिर्विद पं०शशिकान्त पाण्डेय (दैवज्ञ)
रत्न,वास्तु, ज्योतिष, हस्तरेखा, अंकशास्त्र, विशेषज्ञ
9930421132/9321735427