शिवराज सिंह की पहली प्राथमिकता.. कलेक्टरों को निर्देश जारी

बगैर अड़चन के हों आम जन के कार्य
निचले स्तर तक सुशासन महसूस हो
जिले के विकास का प्रारूप बनायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान के कलेक्टरों को निर्देश

भोपाल : गुरूवार, दिसम्बर 19, 2013, 17:12 IST

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के आम आदमी के कार्य बगैर किसी अड़चन के हों यह मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आम जन को महसूस हो कि यह उनका अपना शासन है। मुख्यमंत्री की तरह अधिकारी भी अपने आप को शासक नहीं, जनता का सेवक मानें। श्री चौहान ने कहा है कि जन सुनवाई रस्म अदायगी न होकर जनता की समस्याएँ हल करने वाली हों। प्रशासन कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखें पर पैनी निगाह रखकर भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टालरेंस की व्यवस्था लागू करें। हर जिला गुड गनर्वेंस का उदाहरण बने। कलेक्टर अपने जिले के विकास का प्रारूप तथा एक साल का एक्शन प्लान बनायें। इसी से उनके काम का मूल्यांकन होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ कलेक्टर-कमिश्नर्स कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा प्रदेश की पूरी साढ़े सात करोड़ जनता मेरी अपनी है। अलग से कोई दोस्त या रिश्तेदार नहीं है। अधिकारी किसी के दबाव में आकर गलत कार्य नहीं करें। जानबूझकर गलती करने वाले और समय पर कार्य नहीं करने वाले परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहें।

श्री चौहान ने निर्देश दिये कि कलेक्टर अपने जिले में जन-कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से करायें। लोकतंत्र में जनता की आकांक्षाओं को पूरा करें और प्रदेश के बेहतर विकास में योगदान करें। जन-सुनवाई जैसे कार्यक्रम रस्मी नहीं बनें बल्कि इनके माध्यम से आम जनता से बेहतर संवाद स्थापित करें। सबका आदर करें और उन्हें सुनें। जनता के विश्वास की कसौटी पर खरा उतरें। आम आदमी की जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिये काम करें। प्रक्रियाओं का सरलीकरण करें, आधुनिक तकनीक का उपयोग करें और आम जनता को मिलने वाली सुविधाएँ तेजी से दिलवायें। लोक सेवा गारंटी को और अधिक प्रभावी बनायें। कलेक्टर जिले के सीईओ की तरह कार्य करें। भ्रष्टाचार के विरूद्ध राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है, कलेक्टर पैनी निगाह रखें और कहीं भी गड़बड़ी मिलने पर तत्काल कार्रवाई करें। अपने अमले की सुविधाओं का ध्यान भी रखें। पूरी गंभीरता से प्रदेश के निर्माण में सहयोग करें, लोगों की जिन्दगी में खुशियाँ लायें और अपने जीवन को सार्थक करें। प्रत्येक काम को समय-सीमा में पूरा करें। विजन 2018 और जनसंकल्प को पूरा करने में सहयोग करें।

गरीबों के लिये बनेंगे 15 लाख आवास

कान्फ्रेंस के पहले सत्र में गरीबों के लिये 5 वर्ष में 15 लाख आवास बनाने की योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 10 लाख तथा शहरी क्षेत्र में 5 लाख आवास गरीबों के लिये बनाये जायेंगे। इसके लिये विभिन्न आवास योजना में आवास बनाये जायेंगे। इसमें इंदिरा आवास योजना, इंदिरा होम स्टेड आवास योजना, इंदिरा आवास वनाधिकार योजना, मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास मिशन में आवास बनाये जायेंगे। शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों द्वारा डेढ़ लाख, विकास प्राधिकरण तथा हाऊसिंग बोर्ड द्वारा एक-एक लाख तथा निजी बिल्डरों द्वारा ढ़ाई लाख आवास निर्माण की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पिछले दिनों आई बाढ़ में जिन लोगों के आवास क्षतिग्रस्त हो गये हैं उन्हें आवास के लिये तुरंत मदद की जाये।

मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश का ऐसा कोई ग्राम न छूटे जहाँ सड़क नहीं हो। जहाँ अन्य कोई योजना से सड़क नहीं बन सकती हो उस गाँव को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ा जाय। कान्फ्रेंस में खेत सड़क योजना का प्रस्तुतिकरण दिया गया जिसमें गाँवों, मजरे-टोलों और खेत समूह के सड़कों का निर्माण पंचायतों द्वारा करवाया जायेगा। हर पंचायत में कम से कम दो सड़कें बनवाई जायेंगी। सड़क की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सड़कें कृषि कार्य में उपयोगी होंगी तथा किसानों को फसल लाने ले जाने में सुविधा होगी।

समग्र स्मार्ट कार्ड बनेंगे

सामाजिक न्याय विषय के प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया गया कि विभाग द्वारा समग्र स्मार्ट कार्ड की योजना तैयार की गई है। इसके माध्यम से हितग्राहियों को शासन की सभी हितग्राही और परिवारमूलक योजनाओं का लाभ मिलेगा। यह कार्य अगले छह माह में पूरा किया जायेगा। बताया गया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में दी जाने वाली सहायता 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निराश्रित हितग्राहियों को पेंशन हर माह मिले। बिना पूर्व सूचना के किसी वृद्ध निराश्रित की पेंशन बंद नहीं हो। फुटपाथ पर कचरा बीनने वाले बच्चों के कल्याण और शिक्षा की योजना बनायें। मजदूर सुरक्षा योजना के तहत सभी पात्र हितग्राहियों का पंजीयन हो और उन्हें योजना का लाभ मिले। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में यात्रा पर जाने वाले वृद्धजनों के अतिरिक्त देखरेख की व्यवस्था करें। नि:शक्तजनों के लिये अतिरिक्त रूप से संवदेनशील होकर जिलों में योजना बनवायें। अन्त्योदय मेलों का आयोजन जारी रखें।

40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई

प्रदेश में सिंचित क्षेत्र 25 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर करने के संबंध में कान्फ्रेंस में प्रस्तुतिकरण दिया गया। बताया गया कि वर्ष 2010-11 में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत करीब 9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती थी जो इस साल बढ़कर 25 लाख हेक्टेयर हो गई है तथा नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत वर्ष 2010-11 में एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती थी जो इस वर्ष बढ़कर सवा तीन लाख हेक्टेयर हो गई है। प्रदेश में सिंचित क्षेत्र 40 लाख हेक्टेयर करने की योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें क्यों कि कृषि विकास में सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने के कार्य को आगे बढ़ायें।

फसल बीमा और फसल हानि राहत

बताया गया कि प्रदेश में बाढ़ से 28 जिलों में करीब सवा नौ लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन की फसल में हानि हुई है इसके नुकसान का सर्वे कर किसानों को राहत राशि वितरित करवायें। फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिले यह सुनिश्चित करें। इस कार्य को पूरी गंभीरता से करें।

युवाओं को रोजगार के लिये कौशल उन्नयन

बताया गया कि युवाओं में कौशल उन्नयन के लिये जिला स्तरीय कौशल विकास योजना बनाई गई है। इसमें बाजार-मांग आधारित प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शुरू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में 135 कौशल विकास केन्द्र काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्किल्ड मेन पॉवर तैयार करने पर विशेष ध्यान दें। जिन क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएँ हों उनसे संबंधित व्यवसायों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण युवाओं को दिलवाया जाये। कलेक्टर इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें।

जिलों में सेल्फ इम्प्लायमेंट सेल

बताया गया कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार अगले पाँच वर्ष के दौरान 5 लाख युवाओं को उद्यमी बनाने तथा लघु एवं कुटीर उद्योगों का जाल बिछाने की रणनीति बनाई गई है। इसके लिये मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में युवाओं को प्रेरित किया जायेगा। जारी वित्तीय वर्ष में भी करीब 50 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिये सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री कारीगर रोजगार योजना में भी सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को बदलने के लिये युवाओं द्वारा लगाये गये लघु और कुटीर उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। पूँजी निवेश की दृष्टि से मध्यप्रदेश को देश का अव्वल राज्य बनाया जायेगा। प्रदेश में 27 औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में कलेक्टर युवाओं को उद्यमी बनने के लिये प्रेरित करें। हर जिले में सेल्फ इम्प्लायमेंट सेल बनायें जो युवाओं की मदद करें।

मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा ने कहा कि आम आदमी के लिये जिला प्रशासन संवेदनशील होकर कार्य करें। इस कान्फ्रेंस में ऐसे विषयों का चयन किया गया है जो विजन 2018 में उल्लेखित हैं। कान्फ्रेंस में संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।