किसानों ने सिर मुंडवाकर सांसद को घेरा, कृषि कानून का शव यात्रा निकालकर किया दाह संस्कार

नोएडा। कृषि कानूनों को लेकर सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने अपने आंदोलन को तेज कर दिया है। शनिवार को गौतमबुद्धनगर के एनएच-91 टोल प्लाजा को किसानों ने फ्री किया, वहीं दूसरी तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसान नए-नए तरीके अपनाते नजर आए। भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के 11 पदाधिकारियों ने कानून के विरोध में सिर मुंडवाया और नोएडा के सेक्टर-27 कैलाश हॉस्पिटल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा का घेराव करते हुए 9 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।

दलित प्रेरणा स्थल पर सिर मुंडवाने के बाद बीकेयू लोक शक्ति के अध्यक्ष और पदाधिकारियों का कहना है किसानों ने एक दिन पहले ही कृषि कानून की शव यात्रा निकाल का दाह संस्कार किया था। रीति-रिवाजों के मुताबिक दाह संस्कार के बाद मुंडन किया जाता है। अब 23 तारीख को हवन और ब्रह्मभोज होगा।

सिर मुडवाने के बाद बीकेयू लोक शक्ति के अध्यक्ष और पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर नारे लगाते हुए नोएडा के सेक्टर-27 कैलाश हॉस्पिटल पहुंचे। जहां उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा को 9 सूत्रीय मांगों वाला एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन के जरिये देश के किसानों को लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून में लाने की मांग की। इसके साथ ही देश में किसान आयोग का गठन करने, किसानों को कुशल कारीगर की उपाधि देने और नौकरियों में पुश्तैनी किसान, जिनकी खेती 2 हेक्टेयर से कम हैं, उनको आरक्षण देने की मांग की।

इसके अलावा आवारा पशुओं से फसल की सुरक्षा के लिए टेक्निकल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया जाए, जिसमें किसान के बच्चों को रोजगार भी मिलेगा और फसलों की सुरक्षा भी हो पाएगी। ज्ञापन में छठी मांग बिजली बिल काे घरेलू दर से लेने और किसान को कहीं से भी सामान खरीदने की छूट देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मृदा की जांच के नाम पर जो बजट पास होता है, उसकी रिपोर्ट किसान पर परिवार तक नहीं पहुंच पाती है और सारा बजट मृदा जांच रजिस्टर में ही दबा रह जाता है, इस ओर विशेष ध्यान देने की बात कही। इस पर सांसद डॉ. महेश शर्मा ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनके ज्ञापन को जल्द ही प्रधानमत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्री को सौंपा जाएगा।