बैंक में हुआ सोना चोरी तो नहीं मिलेगा वापस…और ना ही पैसा ..ध्यान से पढे ये खबर..

फटाफट डेस्क। भारत में प्राचीन काल से ही सोना को एक महत्वपूर्ण वस्तु माना जाता रहा है। खास कर भारतीय महिलाओं के लिए यह बहुत अधिक प्रिय होता है। बेशक इसे सब सुरक्षित भी रखना चाहते हैं, इसलिए सोना को सबसे ज्यादा सुरक्षित बैंक लाकर में ही माना जाता है। यदि आप भी यही सोचते हैं तो फिर आपका ये जानना बेहद जरूरी है
 
क्या लॉकर सोना चांदी सुरक्षित हैं?

इस सवाल का जवाब यहां जरूर मिलेगा, आप भी बैंक लॉकर में गोल्ड ज्वेलरी या कुछ बेहद जरूरी चीजें रखने की बात सोचने हैं, और आपको लगता कि वो वहां पूरी तरह से सुरक्षित हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक में चोरी, आग या दूसरे किसी कारण से लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुंचता है तो बैंक इसकी जिम्मेदारी नहीं लेती है।

RBI के दिशा-निर्देश  भी जाने

लॉकर में रखा सोना या कोई कीमती चीज कितनी सुरक्षित है, इस पर साल 2017 में रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस पर ध्यान दें. जिसके मुताबिक ‘बैंकों की ये कतई जिम्मेदारी नहीं बनती की किसी दुर्घटना होने पर वो लॉकर में रखी कीमती चीजों की भरपाई ग्राहक को करे। अर्थात अगर किसी भी तरह की घटना बैंक में होती है जैसे- बैंक में डकैती, आग लगना, किसी तरह के प्राकृतिक आपदा,  इन सब परिस्थितियों में बैंक किसी भी तरह की जिम्मेदारियां नहीं लेते हैं।ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक के लॉकर एग्रीमेंट में देयता भुगतान के बारे में कोई  जिक्र नहीं है, सारी जिम्मेदारी ग्राहक की होती है कि वो अपने कीमती सामान का इंश्योरेंस करा कर रखें ।

ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या करे?

बैंक जब लॉकर में किसी तरह की चोरी, डकैती से हुए नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेते तो ये बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपने लॉकर या घर में रखे सोने-चांदी का बीमा करा कर रखें.  बुरे वक्त में हमेशा ज्‍वैलरी ही काम आती है, इसलिए गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए बीमा कराना जरूरी है। अच्छी बात ये है कि गोल्ड ज्‍वेलरी का बीमा कराने पर अलग से बैंक लॉकर में रखने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
बैंक लॉकर में रखे गोल्ड के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितनी राशि के सोने का इंश्योरेंस कराया है. आमतौर पर सालाना न्यूनतम 300 रुपए से लेकर 2,500 रुपए तक का प्रीमियम देना होता है. 

जानते हैं कौन देता है गोल्ड इंश्योरेंस ?

बैंक लॉकर इंश्योरेंस नहीं देते हैं, बल्कि कुछ निजी कंपनियां गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी देती हैं. जैसे Tata AIG, IFFCO TOKIO, ICICI Lombard, Future Generali जैसी कुछ इंश्योरेंस कंपनियां गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी देती हैं. कुछ इंश्योरेंस कपंनियां लॉकर प्रोटेक्‍शन पॉलिसी की सुविधा भी देती हैं. जिसके जरिये ग्राहकों को बैंक में आग लगने पर, चोरी होने पर, प्राकृतिक आपदा, आतंकवादी हमला या फिर किसी भी तरह के बैंक कर्मचारी द्वारा धोखा मिलने पर गोल्ड सुरक्षा देती हैं. गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिये दो लाख रुपए से लेकर 40 लाख रुपए तक की राशि का कवर मिलता है. हादसे के 30 दिन के अंदर मामला निपटाया जाता है.