बिना ऑपरेशन के डॉक्टरों ने मासूम के गले से निकाला 1 रुपए का सिक्का, इस तकनीक का किया प्रयोग

राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन सिटी सरकारी अस्पताल में एक सामान्य परिवार के लिए दूरबीन पद्धति कारगर साबित हुई है। समय रहते दूरबीन पद्धति के प्रयोग से एक परिवार के चिराग की जान लौट आई है। जानकारी के अनुसार शेखपुरा गांव का साढ़े 3 साल का एक बच्चा खेलते खेलते एक रुपए के सिक्के को मुंह से निगल गया। जब रात को बच्चे ने सोते वक्त उल्टी की तो उसके परिवार जनों ने सुबह तुरंत ही अपने बच्चे को राजकीय अस्पताल हिंडौन में भर्ती कराया था। जिसके बाद डॉक्टरों ने जांच के लिए एक्सरा किया तो उसमें निकल कर आया कि बच्चे के गले में 1 रुपए का सिक्का अटका हुआ है।

हिंडौन के राजकीय अस्पताल में कार्यरत डॉ मनीष अग्रवाल ने बताया कि बच्चे के गले में सिक्का मिलने के बाद सबसे पहले हमने दूरबीन की मदद से बच्चे के गले में सिक्के की लोकेशन कंफर्म की। जिसके बाद 4 डॉक्टरों की टीम और तीन चिकित्सा कर्मियों की मदद से समय के रहते दूरबीन पद्धति से ऑपरेशन के बिना ही बच्चे के गले से सिक्के को हाइपो फेरिंगों स्कोप के उपयोग से सिक्के को बाहर निकाला। सिक्के के गले से निकलने के बाद से अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और अस्पताल में भर्ती है।

सिक्का फंसने का पहला मामला

वहीं, राजकीय सामान्य अस्पताल हिंडौन सिटी के पीएमओ डॉ पुष्पेंद्र गुप्ता ने बताया कि सरकारी अस्पताल में सिक्का फसने का ऐसा पहला मामला आया था। जिसे अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना किसी ऑपरेशन के दूरबीन पद्धति से सफलतापूर्वक सही किया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्राइवेट अस्पताल में इस तरह के ऑपरेशन में 20 से ₹25000 खर्च होते हैं। मगर सरकारी अस्पताल में यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।

ऐसी स्थिति में इस तकनीक का करें प्रयोग

हिंडौन सिटी के राजकीय अस्पताल के ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष अग्रवाल बताते हैं कि अगर गलती से बच्चा सिक्का या फिर कोई ऐसी चीज गले में अटका लेता है तो तुरंत उसे आगे की तरफ झुकाना चाहिए। फिर बच्चे के सीने को एक हाथ से दबाना और दूसरे हाथ से पीठ को थपथपाना चाहिए। इस प्रक्रिया को एक दो बार दोहराने से गले में अटका सिक्का निकलने की संभावना रहती है। यदि सिक्का फिर भी बाहर नहीं आए तो तुरंत बच्चे को अस्पताल में ले जाना चाहिए।

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