चोरी के बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन..आरटीआई से हुआ खुलासा..मामले के खात्मा की तैयारी…

 

अम्बिकापुर

चारपहिया वाहन के चोरी होने के बाद रजिस्ट्रेशन के एक हाईप्रोफाईल मामले मे कोतवाली पुलिस ने एक वर्ष बाद भी कोई कार्यवाही नही की है। मामला 2008 मे रायपुर के शैलेन्द्रनगर से चोरी हुए स्कार्पियो वाहन का है, जिसका फर्जी फिजिकल वेरीफिकेशन कर आरटीओ विभाग ने 10 दिन बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन कर दिया था,, लेकिन मामले पर शिकायतकर्ता के एफआईआऱ के एक वर्ष बाद आज तक पुलिस मामले से जुडे सिर्फ एक ही गवाह का ही बय़ान ले पाई है और खबर ये है कि पुलिस मामले को सांटगांठ कर खात्मा करने वाली है। गौरतलब है कि मामले का खुलासा पिछले वर्ष आरटीआई के दस्तावेजो के आधार पर हुआ था।

क्या है मामला  

दरअसल रायपुर के शैलेन्द्र नगर मे 19 जनवरी 2008 को तात्कालिक गृह एंव सहकारिता मंत्री के बंगले के बाहर खडी स्कार्पियो वाहन क्रमांक सीजी 15 बी 3216 चोरी होने की शिकायत रायपुर के कोतवाली थाने मे 20 जनवरी 2008 को वाहन के ड्रायवर ने कराई थी। वाहन अम्बिकापुर की रहने वाले मंत्री के निज सचिव विनोद गुप्ता ने अपनी साली शोभा गुप्ता के नाम से सहकारिता मंत्री के विभाग मे लगाया था। इधर वाहन चोरी होने के 9 दिन बाद 28 जनवरी को शोभा गुप्ता ने वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए अम्बिकापुर आरटीओ मे आवेदन दिया , उस आवेदन पर अगले दिन 29 जनवरी 2008 को मतलब 10 दिन बाद आरटीओ विभाग ने रजिस्ट्रेशन जारी कर दिया। इतना ही नही जिस राशन कार्ड और बिजली बिल के आधार पर चोरी के 10 दिन बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन किया गया , वो राशन कार्ड निगम के रिकार्ड के मुताबिक फर्जी पाया गया, क्योकि जिस राशन कार्ड को आधार बनाकर आरटीओ ने रजिस्ट्रेशन किया वो शोभा गुप्ता के नाम पर नही बल्कि इशलुस किण्डो पिता पतरस किण्डो के नाम से जारी किया गया था। उसमे भी शोभा गुप्ता ने कूटरचना की थी । जानकारी के मुताबिक उक्त वाहन सहाकिरता मंत्री के विभाग मे लगाया गया था और बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे वाहन को सहकारिता विभाग से 78 हजार का भुगतान भी किया गया था।

मोटी रकम लेकर खात्मा की संभावना .. डी के सोनी , अधिवक्ता

इस संबध मे शिकायकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता एंव अधिवक्ता डी के सोनी ने कहा कि एफआईआर के बाद हुई कार्यवाही के बारे मे गिरफ्तारी , जप्ती बयान , और चलान प्रस्तुत करने के संबध मे कोतवाली थाना से जानकारी मांगी गई थी जो नही दी गई। जिसके संबध मे राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत की गई है। मामले मे पुलिस विवेचक संबधित आरोपियो से मिलीभगत कर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही कर रहे है। चूंकि मामले मे स्थानीय आरटीओ कार्यालय से लेकर रायपुर स्थित सहकारी समिति के अधिकारी तथा पूर्व गृह एंव सहकारिता मंत्री के तात्कालिक निज सचिव विनोद गुप्ता का हाथ है इसलिए कोतवाली पुलिस मोटी रकम लेकर मामले का खात्मा करने की तैयारी मे है।

एक गवाह से लिया बयान

इस मामले मे कोतवाली थाना के एएसआई और मामले के विवेचक समरेन्द्र सिंह ने बताया कि एक गवाह बयान हुआ है, जिनका नाम रमेश केरकेट्टा है, जो कि अम्बिकापुर आरटीओ ने अधीश्रक के पद पर पदस्थ थे। वर्तमान मे दुर्ग आरटीओ कार्यालय मे पदस्थ है। उन्होने लिखित बयान दिया है कि उन्होने ही 15 जनवरी 2008 को चोरी हुए स्कार्पियो का फिजिकल फिटनेस व जांच करते हुए रजिस्ट्रेशन का कार्य किया था। उस समय आऱटीओ अम्बिकापुर छुट्टी मे थे। उनके आने के बाद हस्ताक्षार हुआ था। श्री सिंह ने यह भी कहा कि दो गवाहो का बयान बचा है हांलाकि मामले का खात्मा हो जाएगा।